रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया

रिजर्व बैंक के समायोजन मौद्रिक रुख से अर्थव्यवस्था होगी मजबूत

बैंक क्रेडिट में वृद्धि होने लगी है और जमा में कमी आई है, जो यह दर्शाता है कि निजी खर्च और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ रही है। आने वाले दिनों में भी भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रहेगी।

कोरोना की दूसरी लहर से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए रिज़र्व बैंक की कवायद

कोरोना महामारी से निपटने के लिये सरकार और रिजर्व बैंक ने कुछ उपाये किये हैं। आगे आवश्यकता को देखते हुए और उपाय भी किए जा सकते हैं।

मौद्रिक समीक्षा में विकास पर रहा जोर

एक फरवरी को पेश किए गए बजट में भी विकास की गति को तेज करने पर बल दिया गया था और 5 फरवरी को पेश की गई मौद्रिक समीक्षा में भी रिजर्व बैंक ने महँगाई को नियंत्रण में रखते हुए अर्थव्यवस्था को गुलाबी बनाने के लिये अनेक उपाय किये हैं।

बैड बैंक से होगा फंसे कर्ज का इलाज, मिलेगी बैंकिंग क्षेत्र को मजबूती

बैड बैंक में सरकार कोई निवेश नहीं करेगी और न ही इसमें सरकार की शेयरहोल्डिंग होगी। बैड बैंक बाजार भाव पर बैंकों से उनका डूबा कर्ज खरीदेगा, जिससे अधिक एनपीए वाले बैकों की बैलेंसशीट अच्छी हो जायेगी

छूट की पेशकश से मांग बढ़ाने की कवायद में जुटी वाहन कम्पनियाँ

छोटे एवं मझोले उद्योगों (एमएसएमई) ने भी अनेक राज्यों में काम करना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश में अब तक 23 लाख छोटे एवं मझोले उद्योगों ने फिर से उत्पादन करना शुरू कर दिया है।

येस बैंक प्रकरण से घबड़ाने की जरूरत नहीं, बहुत मज़बूत है भारतीय बैंकिंग उद्योग

भारतीय बैंकिंग उद्योग आज बहुत ही मज़बूत स्थिति में है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू पूँजी पर्याप्तता सम्बंधी बाज़ल कमेटी के नियमों को भारतीय बैंकों में लागू किया जा चुका है एवं आज भारत में कई सरकारी क्षेत्र एवं निजी क्षेत्र के बैंकों का पूँजी पर्याप्तता अनुपात बेंचमार्क से कहीं अधिक है। अतः यह पूरी उम्मीद की जानी चाहिए कि येस बैंक में आए

कर्ज दरों में और कमी आने के आसार

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सर्वसम्मति से 5 दिसंबर की मौद्रिक समीक्षा में रेपो और रिवर्स रेपो दर में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया था। पिछली मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती की गई थी, जिससे रेपो दर कम होकर 5.15 प्रतिशत हो गया। पाँच दिसंबर की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती नहीं करने का मुख्य कारण खुदरा महँगाई में

आरबीआई ने रेपो रेट में की कमी, आर्थिक गतिविधियों की बढ़ेगी रफ़्तार

उम्मीद के मुताबिक रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 25 आधार अंक की कटौती करने की घोषणा की है। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया है। रिजर्व के रुख से ऐसा लगता है कि नीतिगत दरों में फिलहाल वृद्धि नहीं की जायेगी और आगामी मौद्रिक समीक्षाओं में भी इसमें और भी कटौती की जा सकती है।

एनबीएफसी को मजबूत करने की पहल

एनबीएफसी को वर्तमान पूँजी संकट के भंवर से निकालने के लिये रिजर्व बैंक ने दिशा-निर्देश जारी किया है साथ ही साथ 5000 या उससे ज्यादा कारोबार करने वाले एनबीएफसी को एक जोखिम अधिकारी नियुक्त करने के लिये निर्देशित किया गया है, ताकि जोखिम की स्थिति में एनबीएफसी खुद संकट से बाहर निकल सकें। उम्मीद है कि रिजर्व

मोदी सरकार की नीतियों से बढ़ रहा देश का विदेशी मुद्रा भण्डार

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अप्रैल, 2019 को 1.10 अरब डॉलर बढ़कर 414.88 अरब डॉलर हो गया, जो 28,758 अरब रुपये के बराबर है। रिजर्व बैंक के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर में व्यक्त किया जाता है, लेकिन इसपर पाउंड स्टर्लिंग, येन जैसी अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव का भी प्रभाव पड़ता है।