‘अजीब’ पीएम मोदी का फिटनेस वीडियो नहीं, ‘अजीब’ राहुल गांधी का उसपर हँसना है !

सवाल उठता है कि आखिर पीएम द्वारा जारी अपनी सुबह की कसरत के वीडियो में राहुल गांधी को ऐसा क्या ‘अजीब’ दिखा कि वे अपनी हँसी नहीं रोक पाए ? क्या अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना उपहास का विषय है ? या देश के लोगों में व्यायाम और योग आदि के प्रति रूचि उत्पन्न करने का प्रयास करना मजाक की बात है ? आखिर कौन-सा वो कारण है, जिसके चलते राहुल गांधी को पीएम मोदी का फिटनेस वीडियो अजीब लगा और उनकी हँसी फूट पड़ी ? ये रहस्य उन्हें देश के सामने खोलना चाहिए।

2019 के चुनाव में विपक्षी एकता की कवायद को गति देने की कोशिश के रूप में बीते दिनों राहुल गांधी ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया। इसमें तृणमूल कांग्रेस, वाम आदि कई विपक्षी दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। यहाँ तक सब ठीक चल रहा था, लेकिन राहुल गांधी तो राहुल गांधी हैं, उनका कोई भी काम तब तक पूरा नहीं होता, जबतक वे उसमें मोदी का नाम न ले लें और मोदी सरकार पर निशाना न साध लें।

खबरों की मानें तो इस इफ्तार पार्टी में उन्होंने पीएम मोदी के हाल ही में जारी एक फिटनेस वीडियो का जिक्र किया। उन्होंने पास बैठे नेताओं से पूछा कि आपने पीएम का वीडियो देखा है ? इसपर कोई जवाब आता, उससे पहले वे खुद ही वीडियो को ‘अजीब’ कहते हुए हँसने लगे। अन्य कुछ नेताओं ने भी उनका अनुसरण किया।

शुरू से इस मामले पर नजर डालें, तो गत 22 मई को केन्द्रीय मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ द्वारा हम फिट तो इंडिया फिट नामक एक अभियान ट्विटर पर शुरू  किया गया था, जिसमें उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली, बैडमिन्टन खिलाड़ी साइना नेहवाल और फिल्म अभिनेता ऋतिक रोशन को फिटनेस चैलेंज दिया था। उनके चैलेंज को पूरा करते हुए विराट कोहली ने अपना एक फिटनेस वीडियो ट्विटर पर डाला और प्रधानमंत्री मोदी को फिटनेस चैलेंज दे दिया। कोहली के उस चैलेंज को पूरा करते हुए मोदी ने अपना एक कसरत करता वीडियो ट्विटर पर अपलोड किया है।

http://https://www.youtube.com/watch?v=Tn0m3OjfL_I

सवाल उठता है कि आखिर पीएम द्वारा जारी अपनी सुबह की कसरत के इस वीडियो में राहुल गांधी को ऐसा क्या ‘अजीब’ दिखा कि वे अपनी हँसी नहीं रोक पाए ? क्या अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना उपहास का विषय है ? या देश के लोगों में व्यायाम और योग आदि के प्रति रूचि उत्पन्न करने का प्रयास करना मजाक की बात है ? आखिर कौन-सा वो कारण है, जिसके चलते राहुल गांधी को पीएम मोदी का फिटनेस वीडियो अजीब लगा और उनकी हँसी फूट पड़ी ? ये रहस्य उन्हें देश के सामने खोलना चाहिए।

दरअसल मोदी एक प्रयोगधर्मी नेता हैं, जो प्रायः देश और समाज के हित के लिए कुछ न कुछ रचनात्मक करते रहते हैं। वे लोगों को किसी कार्य के लिए प्रेरित करने हेतु नए आईडिया के साथ स्वयं आगे आते हैं। उन्होंने जब स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की थी, तब खुद झाड़ू लेकर सड़क पर उतर पड़े, जिसने देश में एक प्रभावी सन्देश प्रसारित किया। विपक्ष ने इसका भी उपहास उड़ाया था, लेकिन कालांतर में यह स्पष्ट हुआ कि मोदी की कोशिशों से लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता का विकास हुआ है।

स्वास्थ्य के लिए योग और व्यायाम की उपयोगिता पर भी मोदी हमेशा जोर देते हैं। उनके इस ताजा फिटनेस वीडियो से निस्संदेह देश के इन्टरनेट पर सक्रिय वर्ग में अपनी सेहत के प्रति सजग रहने को लेकर एक अच्छा सन्देश जाएगा। लेकिन, विचित्र ही है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को स्वास्थ्य से जुड़े इस महत्वपूर्ण विषय पर हँसी आ रही। कहना गलत नहीं होगा कि ‘अजीब’ पीएम मोदी का फिटनेस वीडियो नहीं है, ‘अजीब’ राहुल गांधी का उसपर हँसना है।   

राहुल गांधी को पीएम के फिटनेस वीडियो पर हँसने की बजाय अपनी पार्टी की सेहत पर ध्यान देना चाहिए। देश की सबसे पुरानी पार्टी होने का दम भरने वाली उनकी पार्टी की सेहत आज उस दशा में पहुँच चुकी है कि अपने अधिकार के लगभग सभी राज्य गँवाने के बाद अब वो क्षेत्रीय दलों के आसरे अपनी राजनीतिक गाड़ी खींचने में लगी है। कांग्रेस पार्टी की इस बदहाल सेहत के बावजूद पीएम के फिटनेस वीडियो पर हँसने वाले राहुल को कभी रोना क्यों नहीं आता ?

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)