गांवों की तस्वीर बदलने में कामयाब रही मोदी सरकार

आजाद भारत की कांग्रेस सरकारों द्वारा गांवों की उपेक्षा का परिणाम रहा कि गांवों में बिजलीसड़कपेयजलशौचालयरसोई गैसबैंक-बीमा जैसी सुविधाएं कभी पहुंच ही नहीं पाईं। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने गांवों को बिजली, सड़क, पेयजल, शौचालय, रसोई गैस, बैंक-बीमा जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम तय किया। 

आजादी के बाद से ही हर चुनाव में गांवों में रहने वाले करोड़ों लोगों को बिजली, सड़क, पानी, आवास का ख्वाब दिखाकर वोट लिए गए लेकिन ये चुनावी वायदे कभी पूरे नहीं हुए क्योंकि चुनाव जीतने के बाद राजनीतिक दल इन मुद्दों को अगले चुनावों तक टाल देते थे। गांवों से सौतेले व्यवहार का परिणाम यह हुआ कि गांव आर्थिक विकास की दौड़ में पिछड़ते गए।

2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने गांवों को बिजली, सड़क, पेयजल, शौचालय, रसोई गैस, बैंक-बीमा जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम तय किया। सूचना प्रौद्योगिकी आधारित निगरानी और हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित करने का नतीजा यह हुआ कि ग्रामीण विकास संबंधी योजनाएं समय से पहले पूरी होने लगीं।

मोदी सरकार ने सबसे ज्यादा सुधार बिजली क्षेत्र में किया। इसके लिए प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2015 को लाल किले की प्राचीर से एक हजार दिनों में देश के बिजली विहीन 18452 गांवों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य तय किया। इसके लिए दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना शुरू की गई। इसके तहत ग्रामीण घरों और कृषि कार्य के लिए अलग-अलग फीडर की व्यवस्था कर पारेषण और वितरण ढांचे को मजबूत किया गया।

इतना ही नहीं, माइक्रो ग्रिड की स्थापना की गई और राष्ट्रीय पॉवर ग्रिड से दूर दराज के इलाकों के लिए ऑफ ग्रिड वितरण नेटवर्क तैयार किया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि तय समयसीमा से पहले हर गांव तक बिजली पहुंचा दी गई। देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने के बाद सरकार चौबीसों घंटे-सातों दिन बिजली आपूर्ति की दिशा में काम कर रही है।

इसी तरह मोदी सरकार 2024 तक देश के हर घर तक नल से शुद्ध जल पहुंचाने के लिए हर घर नल से जल योजना क्रियान्वित कर रही है। जल जीवन मिशन के तहत क्रियान्वित होने वाली इस योजना के तहत जनवरी 2023 से प्रति सेकेंड एक नल अर्थात प्रतिदिन 86894 कनेक्शन दिया जा रहा है। देश के 19,43,34,294 ग्रामीण घरों में से 11,62,66,119 ग्रामीण घरों को पानी का कनेक्शन दिया जा चुका है। स्पष्ट है, यह योजना भी समय से पहले पूरी हो जाएगी।

इसी तरह की महत्वाकांक्षी योजना आवासहीनों को अपना घर देने के लिए चल रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 2.94 करोड़ आवासहीनों को अपनी छत देने की योजना है। पहले इसके लिए दिसंबर 2024 की समयसीमा निर्धारित की गई थी लेकिन योजना में हो रही प्रगति को देखते हुए समयसीमा को घटाकर दिसंबर 2023 कर दिया गया है। अब तक 2.18 करोड़ आवास बन चुके हैं।

इसी तरह देश के हर घर में शौचालय बनवाकर कीर्तिमान स्थापित करने वाली मोदी सरकार ओडीएफ प्लस योजना पर कार्य कर रही है। पिछले एक वर्ष में देश के 40 प्रतिशत गांव ओडीएफ प्लस घोषित हो चुके हैं। उल्लेखनीय है कि ओडीएफ प्लस का दर्जा किसी गांव को तब मिलता है जब वह खुले में शौच से मुक्त होने के दर्जे को कायम रखता है और ठोस तरह के कचरे का समुचित प्रबंधन करने के साथ स्वच्छ दिखाई देता है। इसी तरह की उल्लेखनीय प्रगति रसोई गैस, बैंक-बीमा उपलब्ध कराने में हुई।

पहले दिल्ली से चला एक रुपया ग्रामीणों तक पहुंचते-पहुंचते 15 पैसे रह जाता था लेकिन अब पूरे-पूरे के सौ पैसे ग्रामीणों के बैंक खातों में पहुंच रहे हैं। मोदी सरकार गांवों को सूचना प्रौद्योगिकी आधारित विकास प्रक्रिया से जोड़ रही है। इसके लिए देश भर में कामन सर्विस सेंटर खुले हैं। अब मोदी सरकार ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के जरिए पंचायतों को सुदृढ़ बना रही है। स्पष्ट है, पिछले नौ वर्षों में मोदी सरकार गांवों की तस्वीर बदलने में कामयाब रही है।

(लेखक केन्द्रीय सचिवालय में अधिकारी हैं। वरिष्ठ टिप्पणीकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)