मोदी सरकार : जनकल्याण और विकास के बेमिसाल नौ वर्ष

राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए कहा था कि सरकारी योजनाओं के एक रुपये में से केवल पन्द्रह पैसा ही गरीबों तक पहुंचता है। लेकिन वे बस कहकर ही रह गए, समाधान की दिशा में कुछ नहीं किया। समाधान नरेंद्र मोदी ने किया है। आज सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ सीधे लोगों के खातों में पहुंच रहा है। इस तरह के अनेक बदलावों की कहानी नरेंद्र मोदी के नौ सालों के कार्यकाल में लिखी गई है।

नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में नौ वर्ष पूरे कर लिए हैं। संयोग है कि सरकार की नौंवी वर्षगांठ के ठीक पहले पापुआ न्यू गिनी ने उन्हें अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है। गवर्नर जेनरल सर बाब दबाई ने पीएम मोदी को ग्रैंड कैम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहु दिया। फिजी के प्रधानमंत्री सितीवेनी राबुका ने ‘कम्पैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी’ से नरेंद्र मोदी को सम्मानित किया। चुनिंदा गैर फिजी नागरिकों को यह सम्मान दिया गया है। नरेंद्र मोदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगभग एक दर्जन सम्मान मिल चुके हैं। आज देश-विदेश में मोदी मोदी की गूंज सुनाई देती है और वे एक वैश्विक नेता के रूप में प्रतिष्ठित हो रहे हैं।

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बीते दो वर्ष दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप रहा। इसने दुनिया के विकसित देशों को भी हिला कर रख दिया। सभी देशों की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव हुआ। इससे अभी संभलने का प्रयास चल रहा था, तभी रूस-यूक्रेन संकट सामने आ गया। इन सभी कारणों से पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ी है।

जाहिर है कि बीते वर्षों के दौरान विश्व की परिस्थितियां प्रतिकूल रही हैं। दुनिया का कोई देश इससे बचा नहीं है। फिर भी मोदी सरकार के प्रयासों से भारत की स्थिति संभली हुई है। किंतु भारत का विपक्ष नकारात्मक राजनीति से बाहर निकलने को तैयार नहीं है। निष्पक्षता के नाम पर नकारात्मक प्रचार करने वाले पत्रकार भी इसमें शामिल हैं। वह बता रहे है कि नौ वर्षो में महंगाई की दर सर्वाधिक है। किंतु उनके विश्लेषण में दुनिया की परिस्थिति शामिल नहीं है।

यूपीए सरकार तेल उत्पादक देशों व कम्पनियों का कई लाख करोड़ रुपये का कर्ज छोड़ गई थी। इसकी भरपाई भी वर्तमान सरकार को करनी पड़ रही है। इन नौ वर्षों में अनेक संवेदनशील समस्याओं का समाधान हुआ। यह सभी नरेंद्र मोदी सरकार के कारण ही संभव हुआ। यदि कोई अन्य सरकार होती तो इन मसलों पर चर्चा तक मुनासिब ना होती।

कांग्रेस के अनेक दिग्गज नेता श्रीरामजन्मभूमि की सुनवाई को टालने के लिए जमीन आसमान एक कर रहे थे। श्रीरामजन्मभूमि का विवाद पांच शताब्दी पुराना था। नरेंद्र मोदी सरकार ने कोर्ट में शीघ्र निर्णय का मार्ग प्रशस्त किया। इससे सदियों से लंबित समस्या का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से हुआ।

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तीन तलाक पर प्रतिबंध भी नरेंद्र मोदी सरकार के कारण संभव हुआ। अनेक मुस्लिम देश इस पर रोक लगा चुके हैं। लेकिन भारत में रोक की बात को ही साम्प्रदायिक करार दिया जाता था। मोदी सरकार ने इसकी कोई चिंता नहीं की और कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को न्याय देने का काम किया।

अनुच्छेद-370 और 35ए का विरोध करना भी साम्प्रदायिकता माना जाता था। सेक्युलर दिखने के लिए इन अलगाववादी प्रावधानों का समर्थन जरूरी था। इसके हटने पर गम्भीर परिणाम की चेतावनी तक दी गई। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने इसको हटा कर ही दम लिया। देश में आजादी के सात दशक बाद एक विधान एक निशान लागू हुआ।

इसी प्रकार पाकिस्तान, बांगलादेश, अफगानिस्तान के उत्पीड़ित हिन्दू, बौद्ध, सिख, पारसी को न्याय मिला। नागरिकता संशोधन कानून लागू हुआ। इसका जिस प्रकार विरोध किया गया उससे जाहिर हुआ कि मोदी सरकार ना होती तो इन पीड़ितों की सुनने वाला कोई नहीं था। आत्मनिर्भर भारत की नींव रखी गई। इसलिए देश विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। नरेंद्र मोदी ने अपनी दूरदर्शी नीतियों, समर्पण और टीम इंडिया की भावना के साथ देश के लोकतंत्र को एक नई दिशा दी है।

सरकार का प्रत्येक निर्णय लोक कल्याण व राष्ट्रीय हित के अनुरूप है। प्रधानमंत्री मोदी ने दशकों से लंबित फैसलों को लागू किया। कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। मगर भारत की अर्थव्यवस्था अब भी विकास की राह पर है। बीस लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के सहारे भारत की विकास यात्रा को नई गति मिली है तथा देश आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ा है।

आजादी के बाद सात दशकों में देश के केवल साढ़े तीन करोड़ ग्रामीण घरों में ही पानी के कनेक्शन थे। लेकिन नरेंद्र मोदी के शासन में साढ़े चार करोड़ घरों को साफ पानी कनेक्शन दिए गए हैं। दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान लागू की गई। इसके दायरे में पचास करोड़ लोग हैं।

नौ सालों में भारत ने डिजिटल लेनदेन में दुनिया को नई दिशा दिखाने का काम किया है। रिकॉर्ड सैटेलाइट प्रक्षेपित किये जा रहे हैं। रिकॉर्ड सड़कें बनाई जा हैं। दशकों से लंबित अनेक योजनाएं पूरी की गई हैं। अनेक पुराने विवाद भी पूरी शांति और सौहार्द से सुलझाए गए हैं। पूर्वोत्तर से लेकर कश्मीर तक शांति और विकास का एक नया भरोसा जगा है।

कोरोना काल में अस्सी करोड़ लोगों को निशुल्क राशन की व्यवस्था की गई। जन औषधि दवा केन्द्र की संख्या अस्सी से बढ़कर पांच हजार हो गई। करीब सवा सौ नये मेडिकल कालेज खुले हैं। यूपीए के दस वर्ष में भारतीय रेल ने मात्र चार सौ तेरह रेल रोड ब्रिज और अंडर ब्रिज का निर्माण किया। मोदी सरकार ने इससे तीन गुना अधिक निर्मांण किया। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के पन्द्रह करोड़ से ज्यादा लाभार्थी हैं। यह दुनिया की सबसे सस्ती योजना है।

बिजली उत्पादन में चालीस प्रतिशत वृद्धि हुई। सोलर ऊर्जा में आठ गुना वृद्धि हुई। फसल बीमा योजना का लाभ पहले पचास प्रतिशत नुकसान पर मिलता था। अब किसान को तैतीस प्रतिशत पर भी मिल जाता है। सरकार ने यूरिया को नीम कोटेड किया जिससे इसकी कालाबाजारी खत्म हुई। देश मे अब यूरिया की कोई कमी नहीं होती।

पिछली सरकारों के समय बावन सेटेलाईट लॉन्च किये गए थे। मोदी सरकार अब तक देशी-विदेशी करीब तीन सौ सेटेलाईट लॉन्च कर चुकी है। यूपीए के समय ग्रामीण सड़क से जुड़ी बस्तियां पचपन प्रतिशत थीं। अब करीब पंचानबे प्रतिशत हैं।

नरेंद्र मोदी सरकार ने चालीस करोड़ लोगों के जनधन खाते खुलवाए। पहले ये लोग बैंकिंग सेवा से वंचित थे। आयुष्मान, उज्ज्वला और निर्धन आवास योजनाएं संचालित की गई। देश खुले में शौच से मुक्त हो गया।

राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए कहा था कि सरकारी योजनाओं के एक रुपये में से केवल पन्द्रह पैसा ही गरीबों तक पहुंचता है। लेकिन वे बस कहकर ही रह गए, समाधान की दिशा में कुछ नहीं किया। समाधान नरेंद्र मोदी ने किया है। आज सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ सीधे लोगों के खातों में पहुंच रहा है। इस तरह के अनेक बदलावों की कहानी नरेंद्र मोदी के नौ सालों के कार्यकाल में लिखी गई है।

(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। वरिष्ठ टिप्पणीकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)