जन-समस्याओं के समाधान के लिए मोदी सरकार की ट्विटर सेवा

आदर्श तिवारी  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरू से ही तकनीक का इस्तेमाल करते रहें हैं। खास कर सोशल मीडिया पर उन्होंने ज्यादा जोर दिया है। यही नहीं मोदी अपने मंत्रीमंडल के सभी मंत्रियो को भी सोशल मीडिया पर लोगों की शिकायत सुनने और उसे दूर करने की सलाह देते रहें हैं। समय के साथ–साथ मोदी कुछ नए प्रयोग भी करतें रहते हैं। गौरतलब है कि सरकार डिजिटल इंडिया पर विशेष जोर देती रही है, जिसका सीधा अभिप्राय तकनीक को लेकर लोगों को जागरूक करना है, जिससे आज विकसित होती तकनीक से सरकार और जनता के बीच एक बेहतर संवाद स्थापित हो सके। मौजूदा दौर में तकनीक से जुड़ना समय की मांग बन चुकी है। इसी के मद्देनजर सरकार ने ट्विटर सेवा की शुरुआत की है।

अक्सर हम देखते हैं कि जो मंत्री सोशल मीडिया पर लोगों की मदद कर रहे हैं, उनसे कुछ शरारती लोग बेवजह मदद मांग कर समय जाया करते हैं। गौरतलब है कि वर्तमान समय में ट्विटर पर लोगों की समस्याओं को लेकर सक्रिय मंत्री इस समस्या से जूझ रहे हैं। मसलन, केंद्र सरकार के दो ऐसे मंत्री हैं, जो ट्विटर पर लोगों की शिकायतों को सुनने में ज्यादा सक्रिय हैं। जिसमें रेल मंत्री सुरेश प्रभु तथा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हैं। परंतु, हम ध्यान दें तो विगत दिनों लोगों ने ऐसी मांगें कीं,  जिनका कोई अर्थ ही नहीं था। लोगों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि इस सेवा का सही उपयोग हो। सरकार की यह सेवा जनता की परेशानियों  को दूर करने की दिशा में किया गया एक सार्थक प्रयास है।

इसके जरिये जनता अपनी शिकायत ट्विटर पर हैशटैग ट्विटर सेवा के साथ लिखकर भेज सकती है। सरकार का दावा है कि इस ट्विटर सेवा के जरिये लोगो की शिकायतों का पलक झपकते समाधान होगा, इस सेवा के द्वारा लोग किसी भी वक्त किसी भी मंत्रालय या विभाग से जुड़ी शिकायतें भेज सकतें हैं। प्राप्त कीवर्ड के अनुसार जिस मंत्रालय या विभाग से जुड़ी शिकायत रहेगी, उसे स्थांतरित कर दी जाएगी। वह शिकायत तबतक ब्लिंक करती रहेगी, जब तक उसका समाधान नही हो जाता। जाहिर है कि मोदी सरकार मिनिमम गवर्मेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस की बात करती रही है, उस दिशा में सरकार द्वारा शुरू की गई ये सेवा निश्चित रूप से जनता की समस्याओं को कम करने में सहायक साबित होगी। फ़िलहाल में इस सेवा को दूरसंचार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय के अलावा माय गवर्मेंट तक सीमित रखा गया है। इन मंत्रालयों के अलावा इस  सेवा से उत्तर प्रदेश पुलिस, दिल्ली पुलिस और मुंबई पुलिस भी  जुड़ी हुई है। धीरे–धीरे सरकार इस सेवा का विस्तार करेगी और सभी मंत्रालयों  को इससे जोड़ेगी। वर्तमान समय में अपनी बात लोगों तक पहुँचाने का सबसे सशक्त माध्यम सोशल मीडिया हो चला है। शहर ही नहीं, गांवों में भी लोग सोशल मीडिया पर पूरी सक्रियता के साथ अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। मोदी सरकार इस बात को बाखूबी जानती-समझती है और इसीका परिणाम है कि सके मंत्रालयों द्वारा लोगों की शिकायतें सुनने और उनका निवारण करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है।  

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photo: .eletsonline

ऐसे में सोशल मीडिया पर लोगो की शिकायतों को सुनना और उसका तुरंत समाधान करना सरकार का एक सराहनीय प्रयास कहा जा सकता है। इसके द्वारा अपनी शिकयतों का समाधान ढूंढ रही जनता को समाधान और संतुष्टि मिलने की पूरी संभावना है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि ट्विटर सेवा के द्वारा आने वाली शिकायतों को सम्बंधित अधिकारी गंभीरता से लेंगे। अगर अधिकारी शिकायतों  को नजरअंदाज करतें हैं, तो उनपर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। वर्तमान समय में जनता नौकरशाही से त्रस्त है। एक छोटे से काम को लेकर उसे विभागीय दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं। अब यदि सरकार ट्विटर सेवा के जरिये लोगों की शिकायतें समयावधि में दूर करती है, तो इससे जनता को तो राहत मिलेगी ही साथ ही लोक और तंत्र के बीच विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। ट्विटर सेवा के अनेको लाभ है। मसलन, लोग अब बिजली, पानी, शिक्षा आदि से संबंधित शिकायतों का तुंरत समाधान पा सकेंगे। बशर्ते जनता अपनी जिम्मेदारियों का सही निर्वहन करे। अक्सर हम देखतें है कि सरकार के जो मंत्री सोशल मीडिया पर लोगों की शिकायतें सुन रहें हैं, उनसे कुछ शरारती लोग बेवजह की मदद मांग कर अपना समय जाया करते हैं। रेलमंत्री सुरेश प्रभु और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, ये केंद्र सरकार के दो ऐसे मंत्री है जो ट्विटर पर लोगों की शिकायतों को सुनने में अत्यधिक सक्रिय हैं।  परंतु, हम ध्यान दे तों विगत दिनों लोगों ने ऐसी-ऐसी अटपटी मांगें कीं, जिनका कोई औचित्य ही नहीं था। लोगों को  इस बात का ध्यान रखना होगा कि वे इस सेवा का सही ढंग से उपयोग करें। सरकार की यह सेवा जनता की परेशानियों को दूर करने की दिशा में किया गया एक सार्थक प्रयास है। यह सेवा कैसे लोगों की मदद करती है, यह तो भविष्य ही बताएगा किंतु, सोशल मीडिया पर शिकायतें सुनने और उन्हें दूर करने का प्रयास सरकार द्वारा एक सकारात्मक और नये प्रकार की स्वागतयोग्य पहल है। अब सरकार के साथ-साथ लोगों की भी जिम्मेदारी है कि इसको लेकर गंभीरता का परिचय दें क्योंकि, इसके प्रति गंभीरता ही इसके दीर्घकालिक रूप से चलने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)