प्रधानमंत्री

वर्तमान समय में देश की जरूरत हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

मोदी इस देश की वक्ती ज़रूरत हैं। आपने उनका गोवा में दिया गया भाषण सुना क्या ? उनकी शारीरिक भाषा देखी, आंखें देखीं और शब्दों के परे जो कुछ भी वह बयान कर रहे थे, वह देख पाए क्या ? क्या वह किसी थके आदमी की भाषा हो सकती है, किसी हारे हुए इंसान की बॉडी-लैंग्वेज लग रही है क्या, किसी चिंतित, गुस्साए, खीझे आदमी का भाषण वैसा हो सकता है क्या ? इन सब का जवाब एक शब्द में है- नहीं।

मोदी सरकार के इन कदमों से खेती बनेगी मुनाफे का सौदा, किसानों के आएंगे अच्छे दिन!

भारतीय खेती की सबसे बड़ी त्रासदी यही है कि कुदरत का प्रकोप हो या मेहरबानी दोनों ही दशाओं में किसान बदहाल रहता है। लेकिन अब यह स्‍थिति ज्‍यादा दिन रहने वाली नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फसल बीमा से लेकर उपज की बिक्री तक का मुकम्‍मल उपाय करने में जुट गए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी का फर्जी गौरक्षकों को कड़ा सन्देश, तथाकथित सेकुलरों की भी बोलती हुई बंद!

प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को टाउनहॉल में जनता से रूबरू होते हुए सवालों का…

‘मन की बात’ से बढ़ी रियो ओलंपिक में पदक जीतने की उम्मीद  

विगत कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब ‘मन की बात’ में भारतीय खेलों को बेहतर बनाने की बात कही तो भारतीय खेल और खिलाड़ियों के साथ-साथ  देशवासियों को उम्मीद की एक नयी किरण दिखाई दी। दरअसल यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर पूरे देश को मिलकर विचार करना पड़ेगा यह केवल अकेले सरकार का मसला नहीं है। हर बार जब देश के खिलाड़ी पदक जितने में कामयाब नहीं होते हैं अथवा इक्के-दुक्के होते हैं तो देश भर में एक चर्चा आम हो जाती है कि आखिर इतनी बड़ी आबादी में से नाम मात्र के खीलाड़ी ही पदक क्यों जीतते हैं?। लेकिन कभी भी किसी भी स्तर पर इसके समाधान के बारे नहीं सोचा गया।