कृषि-औद्यौगिक विकास का आधार बनेगी केन-बेतवा नदी परियोजना
केंद्र और दोनों प्रदेशों की सरकारें भारतीय जनता पार्टी की होने के चलते 35,111 करोड़ रुपए की इस परियोजना को मंजूरी मिल गई है।
केन-बेतवा परियोजना से संवरेगा बुंदेलखड
इस परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश में दो बैराज भी बनने हैं जिससे 103 मेगावाट जल उर्जा और 27 मेगावाट सौर उर्जा का उत्पादन किया जा सकेगा।
मध्य प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून का विरोध कांग्रेस की नीयत पर गहरे सवाल खड़े करता है
यह कानून उन अपराधियों के लिए है, जो नाम बदलकर बेटियों को बहकाते हैं और उनका मतांतरण करवाते हैं। निश्चित ही इस कानून से महिलाओं को सुरक्षा मिले।
कमलनाथ ने नया कुछ नहीं कहा, महिलाओं के प्रति कांग्रेस की सोच ही यही है
कांग्रेस पार्टी महिलाओं के नाम पर सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम करती है। कांग्रेस के तमाम बड़े नेता समय-समय पर महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करते रहे हैं
राजस्थान : कांग्रेस की आपसी कलह का भांडा भाजपा के सिर क्यों फोड़ा जा रहा ?
कांग्रेस की इस स्थिति के लिए पूरी तरह से कांग्रेस ही ज़िम्मेदार है, तिसपर पार्टी के बहुत से लोगों को अब भी गाँधी परिवार के परे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा।
शिवराज की सक्रियता से एमपी में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित रखने में प्रभावी रहा है लॉकडाउन
कोरोना महामारी से जीतने के लिए सबसे महत्वपूर्ण और प्राथमिक उपाय है- लॉकडाउन। कोरोना संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के साथ ही कोरोना संक्रमितों की पहचान करने में भी लॉकडाउन प्रभावी है। आज मध्यप्रदेश में स्थितियां नियंत्रण में दिख रही हैं, तो वह इसलिए कि सरकार ने लॉकडाउन का पालन ठीक से कराया।
कोरोना, संवेदना और शिवराज : राजसत्ता को सामाजिक सरोकारों से जोड़ने की हो रही पहल
मनुष्यों की तरह सरकारों का भी भाग्य होता है। कई बार सरकारें आती हैं और सुगमता से किसी बड़ी चुनौती और संकट का सामना किए बिना अपना कार्यकाल पूरा करती हैं। कई बार ऐसा होता है कि उनके हिस्से तमाम दैवी आपदाएं, प्राकृतिक झंझावात और संकट होते हैं। इस बार सत्तारुढ़ होते ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ऐसे ही संकटों से दो-चार हैं।
छत्तीसगढ़ : कांग्रेस राज में जनता का अपनी समस्याओं पर बात करना राजद्रोह कैसे हो गया?
बिजली कटौती पर सोशल मीडिया पर विरोध प्रकट करना क्या है, यह अभिव्यक्ति ही तो है। आखिर पुलिस ने किस अधिकार से लोगों को गिरफ्तार कर लिया। यदि ऐसे ही गिरफ्तारी होने लगी तो कल से सारे कारागार, सारी जेलें कम पड़ जाएंगी क्योंकि सोशल मीडिया पर तो दिन-रात पक्ष-विपक्ष की बहसें खुलेआम चलती ही रहती हैं।
मध्य प्रदेश : किसानों के साथ छलावा साबित हो रही कांग्रेस की कर्जमाफी
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की नवगठित सरकार अपने गठन के बाद से एक के बाद एक नकारात्मक कारणों से चर्चा में है। अब कर्जमाफी को ही लीजिये। मप्र में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने किसानों को लुभाने के लिए कर्जमाफी का लुभावना वादा किया था। जब कांग्रेस जीतकर सत्ता में आ गई तो वादे पूरे करने की सूची में कर्जमाफी सबसे शीर्ष क्रम पर थी।
क्यों उठ रहे हैं कमलनाथ सरकार की कर्जमाफी पर सवाल?
मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार का गठन हो चुका है। मुख्यमंत्री बनते ही कमलनाथ ने पार्टी के बड़े चुनावी वादे किसान कर्जमाफ़ी का ऐलान भी कर दिया है। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस द्वारा जारी वचन-पत्र से लेकर राहुल गांधी के भाषणों तक में कर्जमाफी का वादा प्रमुखता से दिखाई दिया था। जाहिर है, कांग्रेस पर इस वादे को पूरा करने को लेकर