लाल आतंक

केरल की वामपंथी हिंसा पर ‘असहिष्णुता गिरोह’ की शर्मनाक ख़ामोशी !

केरल में बढ़ती हिंसा इस बात का सबूत है कि वामपंथ से बढ़कर हिंसक विचार दूसरा कोई और नहीं है। वामपंथी विचार घोर असहिष्णु है। असहिष्णुता इस कदर है कि वामपंथ को दूसरे विचार स्वीकार्य नहीं है, अपितु उसे अन्य विचारों का जीवंत रहना भी बर्दाश्त नहीं है। इस विचारधारा के शीर्ष विचारकों ने अपने जीवनकाल में हजारों-लाखों निर्दोष लोगों का खून बहाकर उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। जिस वामपंथी नेता

लाल आतंक : कन्नूर में वामपंथी हिंसा ने ली आरएसएस स्वयंसेवक संतोष की जान

सी.पी.एम. शासित केरल के कन्नूर जिले में दिनांक 18 जनवरी 2017 की रात को हुए ताज़ा हिंसा में एक और स्वयंसेवक संतोष (५२) की जान चली गयी है। इसी हिंसा में एक और स्वयंसेवक रंजित की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है। यह ताज़ा हिंसा केरल के निवर्तमान मुख्यमंत्री पी विजयन के चुनावी क्षेत्र धर्मादम में हुई है। सी.पी.एम. के आक्रमणकारी दस्ते ने आरएसएस स्वयंसेवक एवं बीजेपी कार्यकर्ता संतोष पर