आत्मनिर्भर भारत

आत्मनिर्भर भारत अभियान : दीनदयाल उपाध्याय के विचारों पर चल रही मोदी सरकार

दीनदयाल उपाध्याय का राजनीतिक, सांस्कृतिक तथा आर्थिक दर्शन भारतीयता के मूल से निकला हुआ दर्शन है, किन्तु वैचारिक मदभेदों के कारण देश में लंबे समय तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेसनीत सरकारों ने उन विचारों की उपेक्षा की, जिसका दुष्परिणाम हम बढ़ते पूंजीवाद, व्यवस्थाओं के केन्द्रीकरण, आयात पर निर्भरता, असंतुलित औद्योगीकरण के रूप में देख सकते हैं।

एमएसएमई क्षेत्र की मजबूती से निकलेगा आत्मनिर्भर भारत का रास्ता

कृषि क्षेत्र के बाद, एमएसएमई क्षेत्र में रोज़गार के सबसे अधिक अवसर निर्मित होते हैं। 73वें राष्ट्रीय सैम्पल सर्वेक्षण के अनुसार, देश में  एमएसएमई क्षेत्र में 6.34 करोड़ इकाईयाँ कार्यरत थीं, ज़िनके माध्यम से 11.1 करोड़ व्यक्तियों (4.98 करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में एवं 6.12 करोड़ शहरी क्षेत्रों में) को रोज़गार उपलब्ध कराया जा रहा था।