ओबीसी आयोग

विपक्ष की नकारात्मक राजनीति के बावजूद मानसून सत्र की रिकॉर्ड सफलता सरकार की बड़ी कामयाबी है!

संसद को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है, जहाँ जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि जनता से सरोकार रखने वाले विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर सार्थक बहस करके उनका समाधान निकालते हैं। फिर चाहे वह राज्यसभा हो अथवा लोकसभा, दोनों सदनों में सत्तापक्ष तथा विपक्ष के बीच नोक-झोंक, सहमति-असहमति की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है।

कांग्रेस पिछड़े वर्ग की कितनी हितैषी है, ये ओबीसी आयोग पर उसके इतिहास से ही पता चल जाता है!

देश की राजनीति में आज़ादी के बाद से ही निरंतर पिछड़े समाज व वर्ग के उत्थान की बातें तो बहुत की गईं। लेकिन इसको लेकर कभी कोई नीतिगत फैसला पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा नहीं लिया गया। इसके उलट मोदी सरकार ने सत्ता में आने के उपरांत ही गरीब, वंचित, शोषित, पिछड़े वर्ग को सामाजिक न्याय दिलाने की दिशा में अनेक हितकारी निर्णय लिए हैं, जिसमें हाल ही में