तृणमूल कांग्रेस

पश्चिम बंगाल की राजनीतिक हिंसा बताती है कि राज्य में ममता बनर्जी की जमीन खिसक रही है

हम चुनाव के आंकड़ों में देख सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में लगातार भारतीय जनता पार्टी सुदृढ़ होती जा रही है। मतलब साफ़ है कि जनता परिवर्तन चाहती है।

हिंसा ममता बनर्जी को रास आ सकती है, सोनार बांग्ला का स्वप्न देखने वाली बंगाल की जनता को नहीं

जिस पश्चिम बंगाल ने शांति निकेतन के माध्यम से पूरे विश्व को शांति का सन्देश दिया था, आज वह बंगाल ममता सरकार में बम की आवाज से दहल रहा है।

‘उपसभापति हरिवंश का आचरण प्रशंसनीय ही नहीं, अनुकरणीय और वरेण्य भी है’

त्वरित प्रतिक्रिया एवं तल्ख़ टीका-टिप्पणियों वाले इस दौर में उपसभापति हरिवंश का यह आचरण न केवल प्रशंसनीय है, अपितु अनुकरणीय एवं वरेण्य भी है।

बंगाल की दुर्दशा पर चुप रहिये, क्योंकि यहाँ ममता बनर्जी का ‘सेकुलर शासन’ है!

ममता बनर्जी सरकार के राज में पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा आम होती जा रही है। आए दिन भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं।

बंगाल में दो तिहाई बहुमत का दावा यूँ ही नहीं कर रहे अमित शाह, इसके पीछे ठोस कारण हैं

पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इसके लिए राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। राज्‍य की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस और केंद्र में सत्‍तारूढ़ भाजपा के बीच यहां मुख्‍य मुकाबला माना जा रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीते रविवार कोलकाता के शहीद मीनार मैदान से एक सभा को संबोधित करते हुए इस अभियान