युवा

देश की युवा शक्ति को विकास की मजबूत कड़ी बनाने में जुटी मोदी सरकार

भारत में प्रति व्यक्ति आय को वर्ष 2047 तक लगभग तिगुना करने की योजना बनाई गई है। प्रति व्यक्ति औसत आय को 445,000 रुपए प्रति वर्ष तक ले जाना है।

देश की युवा-शक्ति के विषय में गुरूजी गोलवलकर के विचार

गुरूजी युवाओं द्वारा पूछे गए अनेक महत्वपूर्ण और सूक्ष्म प्रश्नों का बहुत ही सरलता से जवाब देते हुए अनेको बार उनका मार्ग प्रशस्त किया करते थे ।

जयंती विशेष : युवाओं में आत्मविश्वास जगाने वाले स्वामी विवेकानंद

अब समय आगया है कि हर भारतीय स्वामी विवेकानंद के सपनों का आत्मनिर्भर भारत बनाने में अपना योगदान दे। लेकिन यह कार्य इतना आसान नहीं है।

‘हमें ऐसे युवा बनाने होंगे जो देश के सहारे आगे बढ़ने की बजाय देश को आगे बढ़ाने की सोचें’

भारत एक युवा देश है। युवाओं के मामले में हम विश्व में सबसे समृद्ध देश हैं। यानि दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा युवा हमारे देश में हैं। भारत सरकार की यूथ इन इंडिया-2017 की रिपोर्ट के अनुसार देश में 1971 से 2011 के बीच युवाओं की आबादी में 34.8% की वृद्धि हुई है। बता दिया जाए कि इस रिपोर्ट में 15 से 33 वर्ष तक के लोगों को युवा माना गया है।

युवाओं को ‘रोजगार मांगने वाले’ से ‘रोजगार देने वाले’ बना रही मोदी सरकार !

बेरोजगारी के मुद्दे पर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करने वालों की कमी नहीं है लेकिन वे यह नहीं देख रहे हैं कि मोदी सरकार युवाओं को “रोजगार मांगने वाले” से “रोजगार देने वाले” में बदल रही है। मोदी सरकार ने हर साल जिन एक करोड़ नौकरियों के सृजन का लक्ष्‍य रखा है, वे वेतनभोगी प्रकृति की नहीं हैं। दरअसल मोदी सरकार का मुख्‍य बल प्रक्रियागत खामियों को दूर कर ऐसा वातावरण बनाने का है, जिसमें युवा वर्ग

युवाओं के कौशल से भारत बनेगा दुनिया की आर्थिक महाशक्ति

किसी भी राष्ट्र में संसाधनों का जितना वैविध्य व आधिक्य होगा, वह राष्ट्र उतना ही समृद्ध होगा। बात जब संसाधनों की हो तो प्रायः भौगोलिक संसाधनों की ओर तेजी से रूख किआ जाता है परन्तु यह सर्वविदित है कि मानव संसाधन का अलग औचित्य व महत्ता है। मानव संसाधन किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

युवा दिवस : स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लें देश के युवा

युवा शक्ति देश और समाज की रीढ़ होती है। युवा देश और समाज को नए शिखर पर ले जाते हैं। युवा देश का वर्तमान हैं, तो भूतकाल और भविष्य के सेतु भी हैं। युवा देश और समाज के जीवन मूल्यों के प्रतीक हैं। युवा गहन ऊर्जा और उच्च महत्वकांक्षाओं से भरे हुए होते हैं। उनकी आंखों में भविष्य के इंद्रधनुषी स्वप्न होते हैं। समाज को बेहतर बनाने और राष्ट्र के निर्माण में सर्वाधिक योगदान युवाओं का ही होता है।