राम नाईक

वैचारिक ऊर्जा की प्रतिमा

स्वामी विवेकानन्द के प्रत्येक ध्येय वाक्य भारतीय संस्कृति उद्घोष करने वाले है। उनकी भव्य प्रतिमा देख कर उन्हीं विचारों की प्रेरणा मिलती है। इन्हीं उद्देश्यों को दृष्टिगत रखते हुई लखनऊ के राजभवन में स्वामी विवेकानन्द जी की भव्य प्रतिमा की स्थापना की गई।

‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत की महान धरोहर के प्रति विश्व की सहमति है’

योग भारत की अमूल्य धरोहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से आज विश्व में इसकी गूंज है। पांच वर्ष पहले उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा में योग दिवस मनाने का प्रस्ताव किया था, इस पर सबसे कम समय में सर्वाधिक देशों के समर्थन का रिकार्ड कायम हो गया। संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने जिस ऐतिहासिक समर्थन से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को स्वीकार किया था, वह रा

भारतीय कलाओं पर भव्य आयोजन का साक्षी बना यूपी का राजभवन

राज्यपाल राम नाईक के कार्यकाल में राजभवन अनेक भव्य सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का गवाह बना है। राजभवन के द्वार आमजन के लिए भी खोले गए। इसके माध्यम से राम नाईक ने राज्यपाल के कर्तव्यों को नया आयाम भी दिया है। भविष्य में इसे नजीर के रूप में प्रतिष्ठा मिलेगी। ऐसे ही कार्यक्रमों में बीते दिनों सम्पन्न हुई कलाकारों की कार्यशाला का भी शुमार हुआ।

‘राजनीति के महानायक और देश के सर्वमान्य नेता थे अटल बिहारी वाजपेयी’

अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीतिक जीवन का अधिकांश समय विपक्ष में बिता। इस रूप में उन्होंने मर्यादा का नया अध्याय कायम किया। यह बताया कि सत्ता पक्ष का जोरदार विरोध भी मर्यादा की सीमा में रहते हुए किया जा सकता है। वह दो वर्ष विदेश मंत्री और छह वर्ष प्रधानमंत्री रहे। इस रूप में उन्होंने सत्ता को देशहित का माध्यम बनाया। विदेशमंत्री के रूप में मजबूत विदेश

राम नाईक : जिनकी सक्रियता यह सन्देश देती है कि राज्यपाल का पद आराम के लिए नहीं है!

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने ‘चरैवेति-चरैवेति’ शीर्षक से अपने संस्मरण लिखे हैं। वस्तुतः यह उनका निजी जीवन दर्शन भी है, जिस पर उन्होंने सदैव अमल किया है। यही कारण है कि उन्होंने राजभवन के प्रति प्रचलित  मान्यता को बदल दिया। चार वर्ष का उनका कार्यकाल चरैवेति-चरैवेति को ही रेखांकित करता है।