वसुधैव कुटुम्बकम

जी-20 शिखर सम्मेलन : सनातन संस्कृति एवं भारतीयता के प्रतीकों की चमक से चकित विश्व

जी-20 शिखर सम्‍मेलन में जिस एक बिंदु ने सर्वाधिक ध्‍यान खींचा वह है भारतीयता एवं सनातन संस्कृति के प्रतीकों को इस आयोजन का हिस्सा बनाना।

भारतीय मूल्यों की संवाहक बन रही हैं जी-20 की बैठकें

जब भारत अपनी स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहा है, उसी समय उसे विश्व के प्रभावशाली देशों के संगठन ‘जी-20’ की अध्यक्षता का अवसर प्राप्त हुआ है।

स्वामी विवेकानंद के 1893 के शिकागो भाषण की आधुनिक समय में प्रासंगिकता

जिस समय दुनिया धार्मिक, वैचारिक श्रेष्ठता के लिए लड़ रही थी और एक-दूसरे की जमीन हड़पने में व्यस्त थी, स्वामी जी ने “मानव सेवा ही भगवान की सेवा” का संदेश दिया – क्योंकि वे प्रत्येक मानव में ईश्वर को देखते थे।