शाहबानों

सर्वोच्च न्यायालय ने जब तीन तलाक पर जवाब माँगा था, तब अगर कांग्रेस सरकार होती तो क्या होता ?

तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने केवल मुस्लिम महिलाओं को आजादी ही नहीं दी है, वरन् इससे धर्मनिरपेक्षता के दावेदार भी बेनकाब हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले की सुनवाई के प्रारम्भिक चरण में ही केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। कल्पना कीजिये कि तब कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार होती तो क्या होता। क्या ऐसा जवाब दाखिल करने का साहस वो दिखा सकती थी, जैसा वर्तमान भाजपा सरकार ने दिखाया। यदि

तीन तलाक की पैरवी में ‘किसकी’ भाषा बोल रहे हैं कपिल सिब्बल ?

कोई भी व्यक्ति किसी संगठन से तभी जुड़ता है, जब उसके विचार संगठन की विचारधारा से साम्य प्रकट करते हैं। अतः इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि संविधानिक पीठ के समक्ष रखे गए कपिल सिब्बल के विचार तीन तलाक पर कांग्रेस की विचारधारा से साम्य रखते होंगे। साथ ही, राजनीतिक तौर पर भी कांग्रेस तीन तलाक का स्पष्ट रूप से विरोध करते हुए कभी नहीं दिखी