लोकेन्द्र सिंह

राजनीति नहीं, राम-भक्ति से प्रेरित है रामायण संग्रहालय के निर्माण का फैसला!

भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में ‘रामायण संग्रहालय’ के निर्माण का साहसिक और सराहनीय निर्णय केन्द्र सरकार ने लिया है। वहीं, राज्य सरकार ने भी सरयू नदी के किनारे रामलीला थीम पार्क बनाने का निर्णय लिया है। राम भक्तों पर गोली चलाने वाले और खुद को मौलाना मुलायम कहाने में गर्व की अनुभूति करने वाले मुलायम सिंह यादव के बेटे और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने थीम पार्क को

राष्ट्रीयता को मजबूत करेगा ‘लोक मंथन’ : विनय सहस्त्रबुद्धे

भोपाल, 18 अक्टूबर। एक नए भारत का उदय हो रहा है। इस उदीयमान भारत की कुछ आकांक्षाएं और अपेक्षाएं हैं। यह आकांक्षावान भारत किसी प्रकार के भ्रम में नहीं है, अपने गंतव्यों के प्रति पूर्णतः स्पष्ट है। जनमानस में अब तक यह धारणा बन रही थी कि सब हमें ठगने के लिए आते हैं। यह धारणा टूट रही है। पहली बार है जब यह धारणा बन रही है कि कुछ अच्छा होगा। देश में ऐसा वातावरण बनता दिख रहा है कि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल के करीब है मध्य प्रदेश

याद कीजिए उन दिनों को जब लोकसभा का चुनाव प्रचार चरम पर था, जब नतीजे भारतीय जनता पार्टी या कहें नरेन्द्र मोदी के पक्ष में आए, जब नरेन्द्र मोदी की ताजपोशी हो रही थी। याद आए वह दिन। गुजरात में मोदी और मध्यप्रदेश में शिवराज के विकास ने, दोनों को भाजपा का ‘पोस्टर बॉय’ बना दिया था। इसलिए उन दिनों गुजरात बनाम मध्यप्रदेश की बहस को जानबूझकर उछाला गया था। नरेन्द्र मोदी और शिवराज

मानसिक गुलामी को हटाएगा लोक मंथन : दत्तात्रेय होसबोले

भोपाल। पिछले कुछ समय में एक खास विचारधारा के लोगों ने सुनियोजित ढंग से राष्ट्र और राष्ट्रीयता पर प्रश्न खड़े करने का प्रयास किया है। उन्होंने राष्ट्रीय विचार को उपेक्षित ही नहीं किया, बल्कि उसका उपहास तक उड़ाया है। जबकि इस खेत में खड़े किसान, कारखाने में काम कर रहे मजदूर, साहित्य सृजन में रत विचारक, कलाकार और यहाँ तक कि सामान्य नागरिकों के नित्य जीवन में राष्ट्रीय भाव प्रकट होता है।

सेना पर भरोसा नहीं है क्या कि सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो मांग रहे हैं केजरीवाल ?

देश का दुर्भाग्य है कि यहाँ के नेता और बुद्धिजीवी राष्ट्रीय मुद्दों पर भी बेतुकी बयानबाजी करने से बाज नहीं आते हैं। वक्त की नजाकत कहती है कि इस वक्त भारत और पाकिस्तान के संबंध में बहुत संभलकर बोलने की जरूरत है। इस वक्त कोई भी विचार प्रकट करते वक्त यह ध्यान रखना ही चाहिए कि उसका क्या असर होगा ? कहीं हमारा विचार दुश्मन देश को मदद न पहुँचा दे। अपने किसी भी बयान से भारत सरकार,

भारतीय राजनीति में संस्कृति के अग्रदूत थे पंडित दीनदयाल उपाध्याय

एकात्म मानवदर्शन के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 100वीं जयंती 25 सितंबर को है। चूँकि दीनदयाल उपाध्याय भाजपा के राजनीतिक-वैचारिक अधिष्ठाता हैं। इसलिए भाजपा के लिए यह तारीख बहुत महत्त्वपूर्ण है। उनके विचारों और उनके दर्शन को जन सामान्य तक पहुँचाने के लिए भाजपा ने इस बार खास तैयारी की है। दीनदयाल उपाध्याय लगभग 15 वर्ष जनसंघ के महासचिव रहे। वर्ष 1967 में उन्हें

पटेल के बाद अब मोदी ने उठाया सोमनाथ मन्दिर को सजाने का बीड़ा

हिंदुओं की आस्था के प्रमुख मानबिंदु सोमनाथ मंदिर को स्वर्ण से सुसज्जित किया जा रहा है। अब तक 105 किलो सोने से मंदिर के अंदरूनी हिस्से और शिखर को सजाया जा चुका है। यह सोना एक भक्त ने दान में दिया है। सरकार ने इस काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, सरकार

राष्ट्रवादी विचारधारा की बढ़ती स्वीकार्यता से बेचैन वामपंथी

केरल में कम्युनिस्ट पार्टी खुलकर असहिष्णुता दिखा रही है। लेकिन, असहिष्णुता की मुहिम चलाने वाले झंडाबरदार कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। क्या उन्हें यह असहिष्णुता प्रिय है? यह तथ्य सभी के ध्यान में है कि कम्युनिस्ट विचारधारा भयंकर असहिष्णु है। यह दूसरी विचारधाराओं को स्वीकार नहीं करती है, अपितु अपनी पूरी ताकत से उन्हें

सत्ता के लोभ में ‘जंगलराज’ के सामने हथियार डाल दिए हैं नीतीश!

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कल तक ‘सुशासन बाबू’ के तौर पर पहचाने जाते थे, लेकिन अब उनकी यह छवि पीछे छूटने लगी है। बिहार में अब सुशासन की चर्चा नहीं, अपराध की बहार है। शहाबुद्दीन की वापसी ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि बिहार में अपराध पर लगाम लगाने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाकामयाब साबित हो रहे हैं। बिहार सरकार में शामिल राजद के विधायकों/मंत्रियों ने जिस तरह

आज़म खान ने किया डॉ अंबेडकर का अपमान, खामोश हुए दलित चिंतक!

उत्तरप्रदेश सरकार के मंत्री और मुस्लिम नेता आजम खान ने साबित कर दिया है कि उन्हें मर्यादा में रहना जरा भी नहीं आता। इस बार उन्होंने अपनी बदजुबान से डॉ. भीमराव अम्बेडकर का अपमान किया है। संभवत: यह उनके शिक्षण और प्रशिक्षण का दोष है कि उन्होंने एक बार फिर अपनी दूषित मानसिकता को जाहिर कर दिया।