मोदी सरकार

‘भाजपा की चुनावी सफलता का सबसे बड़ा कारण मोदी सरकार के विकास कार्य हैं’

अब तक की सरकारें चुनावों को ध्‍यान में रखकर योजनाएं बनाती रही हैं। यही कारण है कि इन योजनाओं का स्‍वरूप दान-दक्षिणा वाला ही बना रहता था। मोदी सरकार ने पहली बार समाज के वंचित तबकों को हर तरह से सशक्‍त बनाने का काम किया।

मोदी की नीतियों से बदल रही स्वास्थ्य क्षेत्र की तस्वीर

2014 में प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने देश का स्‍वास्‍थ्‍य ढांचा सुधारने का बीड़ा उठाया। गौरतलब है कि देश में डॉक्‍टरों की भारी कमी है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार देश में इस समय 1953 लोगों पर एक डॉक्‍टर है जबकि 1000 लोगों पर एक डॉक्‍टर होना चाहिए। मोदी सरकार ने 2027 तक देश में 1000 लोगों पर एक डॉक्‍टर उपलब्‍ध

मोदी सरकार की नीति से बचेंगे बीएसएनएल और एमटीएनएल

एक समय टेलीकॉम बाजार में राजा की तरह राज करने वाले भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) आज अकुशल प्रबंधन, ग्राहक सेवा की दयनीय स्थिति, उत्कृष्ट उत्पादों की कमी आदि के कारण दिवालिया होने के कगार पर आ गये हैं। सरकार इन दोनों टेलीकॉम ऑपटेटरों को 13,000 करोड़ रुपये के बेलआउट

करोड़ों लोगों को गरीबी के दलदल से निकालने में कामयाब रही मोदी सरकार

इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि देश में गरीबी मिटाने की सैकड़ों योजनाओं के बावजूद गरीबी बढ़ती गई। हां, इस दौरान ज्यादातर सत्‍ताधारी कांग्रेस से जुड़े नेताओं, ठेकेदारों, भ्रष्‍ट नौकरशाहों की कोठियां जरूर गुलजार होती गईं। यह भ्रष्‍टाचार का ही नतीजा है कि आजादी के सत्‍तर साल बाद भी हम गरीबी, बेकारी, बीमारी, अशिक्षा के गर्त में आकंठ डूबे हुए हैं। आज जब

मोदी सरकार की नीतियों से बढ़ रहा देश का विदेशी मुद्रा भण्डार

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अप्रैल, 2019 को 1.10 अरब डॉलर बढ़कर 414.88 अरब डॉलर हो गया, जो 28,758 अरब रुपये के बराबर है। रिजर्व बैंक के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर में व्यक्त किया जाता है, लेकिन इसपर पाउंड स्टर्लिंग, येन जैसी अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव का भी प्रभाव पड़ता है। 

दवा उद्योग के मामले में देश को आत्‍मनिर्भर बना रही मोदी सरकार

इसे देश का दुर्भाग्‍य ही कहा जाएगा कि यहां सेहत का सवाल शायद ही कभी अहम मुद्दा बनता हो। चुनाव लोक सभा के हों या विधान सभाओं के, सेहत के सवाल पर ज्यादातर राजनीतिक दल चुप्‍पी साधे रहते हैं। हां, इस दौरान वे मुफ्त बिजली-पानी, कर्ज माफी जैसे वोट बटोरू वायदों का पांसा फेंकने में नहीं चूकते हैं।

बाकी दलों ने तो बस राजनीति की, बाबा साहेब का असल सम्मान भाजपा ने ही किया है !

यह मानना होगा कि देश में ऐसे कई कार्य थे, जिन्हें कई दशक पहले हो जाना चाहिए था। लेकिन, उन्हें नरेंद्र मोदी की सरकार ने पूरा किया। नई दिल्ली में डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक का निर्माण भी ऐसे ही कार्यो में शामिल था। इसकी कल्पना को दो दशक से ज्यादा समय बीत गया था। अटल बिहारी बाजपेयी सरकार ने इसकी व्यवस्था की थी।  लेकिन, उनके हटते ही इस पर कार्य ठप्प हो गया। उसके बाद दस वर्ष तक उनकी

बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में अव्वल मोदी सरकार

बिजली, स्वच्छता और सड़क ये बेहद जरूरी बुनियादी सुविधायें हैं और मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में इन मोर्चों पर उल्लेखनीय कार्य किया है, जिसे खारिज नहीं किया जा सकता है, क्योंकि मोदी सरकार द्वारा किये गये कार्य आंकड़ों के आईने में साफ-साफ नज़र आ रहे हैं।

‘पाकिस्तान की आधी हार हो चुकी है, अब उसपर सम्पूर्ण विजय का समय है’

यह सेना की बहुत बड़ी सफलता है कि उसने पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड अब्दुल रशीद गाज़ी को आखिरकार मार गिराया हालांकि इस ऑपरेशन में एक मेजर समेत हमारे चार जांबांज सिपाही वीरगति को प्राप्त हुए। देश इस समय बेहद कठिन दौर से गुज़र रहा है क्योंकि हमारे सैनिकों की शहादत का सिलसिला लगातार जारी है।

रेलवे के आधुनिकीकरण में कामयाब हो रही मोदी सरकार

देश के एकीकरण में अहम भूमिका निभाने और अर्थव्‍यवस्‍था की धमनी होने के बावजूद भारत में रेलवे का इस्‍तेमाल सही ढंग से नहीं हुआ। आजादी के बाद से ही रेलवे का इस्‍तेमाल राजनीति चमकाने के लिए किया जाने लगा। यही कारण है कि रेल सेवाओं के मामले में भारी असंतुलन फैला। 1990 के दशक में शुरू हुई गठबंधन की राजनीति में इस क्षेत्रीय असंतुलन ने समस्‍या का रूप ले लिया।