कर्नाटक

कांग्रेस-जेडीएस सरकार जैसे बनी थी, उसका गिरना अवश्यंभावी था!

कांग्रेस और जेडीएस सरकार के गठन से पहले न्यूनतम साझा कार्यक्रम भी नहीं बनाया गया था। कर्नाटक में एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ी इन दोनों पार्टियों ने बिना किसी एजेंडे के सरकार बनाई थी। कर्नाटक में कांग्रेस व जेडीएस ने भाजपा को रोकने के नाम पर गठबन्धन किया था। इनके पास अन्य कोई कार्यक्रम नहीं था। ऐसी सरकार के गिरने में चौंकाने वाली कोई बात नहीं, इसका ये हश्र अवश्यंभावी था।

‘एजेंडा पहले ही नहीं था, अब संख्याबल भी नहीं रहा, फिर भी कुमारस्वामी से कुर्सी नहीं छूट रही’

कर्नाटक का सियासी घमासान राज्‍य के संचालन को कितना नुकसान पहुंचा रहा होगा, इस दिशा में कोई सोचने को तैयार नहीं है। हाथी निकल गया लेकिन पूंछ अटक गई है। पूरी कैबिनेट जा चुकी लेकिन कुमार स्‍वामी अभी भी बालहठ की तरह अपना पद पकड़े हुए हैं, मानो उनके सत्‍ता में बने रहने से रातोरात कोई चमत्‍कार हो जाएगा।

कर्नाटक का नाटक : बिना एजेंडे के चल रही कांग्रेस-जेडीएस सरकार की हालत अब गई, तब गई

असल संघर्ष तो कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया और कुमारस्वामी के बीच कुर्सी को लेकर है और इसका ठीकरा बीजेपी के माथे पर फोड़ने की कोशिश की जा रही है। केंद्र में कैबिनेट मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में स्पष्ट कर दिया था कि कर्नाटक का संकट गठबंधन दलों के आपसी स्वार्थ का नतीजा है

विकास का एजेंडा बनाम विरोध की राजनीति में से चुनना भला किसके लिए मुश्किल होगा !

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 26 मई को केंद्र में अपने चार साल पूरे कर लिए। एक ऐसे नेता ने जिसने विकास के मुद्दे को 2014 के लोकसभा चुनाव में अपना सबसे बड़ा और कारगर नारा बनाया, आज भी हिंदुस्तान के सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में उनका नारा था ‘सबका साथ सबका विकास’ जिसने सभी जाति, वर्गों और समुदायों को एक

कर्नाटक से मेघालय तक हिन्दी का विरोध करते कांग्रेसी !

मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने बीते दिनों राज्य विधानसभा के बजट सत्र में अपना भाषण हिन्दी में देकर मानो कोई अपराध कर दिया है! वे जब अपना भाषण हिन्दी में पढ़ रहे थे, तब ही विरोध शुरू हो गया था। बिहार से संबंध रखने वाले गंगा प्रसाद के भाषण समाप्त करने के बाद कांग्रेस के ईस्ट शिलांग से विधायक एमाप्रीन लिंगदोहने विरोध में वाक आउट कर गए, जबकि एक अन्य सदस्य राज्यपाल के भाषण के दौरान

कांग्रेस शासित कर्नाटक में हुई हत्या के लिए किस मुँह से भाजपा पर इल्जाम लगा रहे, राहुल गांधी!

कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है। यहां कानून व्यवस्था बनाये रखना प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है। कर्नाटक की राजधानी बंगलुरु में महिला पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या होना निस्संदेह दुखद और निंदनीय है। प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह यथाशीघ्र दोषियो को गिरफ्तार करके उन्हें कठोर सजा दिलवाए। यह प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सच्चाई को सामने लाये। प्रदेश के पुलिस प्रमुख ने कहा कि अभी वह घटना की

देश को तोड़ने वाली राजनीति का उदाहरण है कर्नाटक सरकार का अलग झंडे का राग

कर्नाटक को मानो की किसी की नजर लग गई है। कथित तौर पर हिन्दी थोपे जाने को लेकर वहां के कुछ शरारती तत्व सड़कों पर उतर आते हैं। कावेरी जल के बंटवारे के प्रश्न पर उधर तमिलों को पीटा जाता है। अब कर्नाटक फिर से नकारात्मक कारणों से सुर्खियों में हैं। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार राज्य के लिए अलग झंडे और सिंबल के लिए एक्शन में आ गई है।