ब्लॉगवाणी

आपातकाल के काले दौर का सबक

संसदीय मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने एक सुझाव दिया है कि स्कूली पाठ्यक्रमों में आपातकाल पर एक पाठ होना चाहिए। इस सुझाव का उन सभी लोगों द्वारा स्वागत किया जाना चाहिए जिनकी हमारे संविधान और लोकतांत्रिक जीवन पद्धति में आस्था है।

अखंड भारत के पुरोधा डॉ मुखर्जी

डॉ महेश चन्द्र शर्मा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी मूलतः शिक्षा से जुड़े हुए विद्वान व्यक्ति थे। शिक्षाविद एवं विधिवेत्ता होने की योग्यता उन्हें विरासत में प्राप्त हुयी थी। वे संवेदनशील समाजकर्मी, राष्ट्रवादी राजनेता एवं प्रखर सांसद बने। उन्होंने युगधर्म के आह्वान को स्वीकार किया। राष्ट्रीय एकात्मता एवं अखण्डता के प्रति उनकी आगाध श्रद्धा ने उन्हें राजनीति

राष्ट्रहित से नहीं किया कभी समझौता

  डॉ. सतीशचन्द्र मित्तल डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (1901-1953) राष्ट्रभक्ति एवं देश प्रेम की उस महान परंपरा के वाहक हैं जो देश की परतंत्रता के युग तथा स्वतंत्रता के काल में देश की एकता, अखण्डता तथा विघटनकारी शक्तियों के विरुद्ध सतत् जूझते रहे। उनका जीवन भारतीय धर्म तथा संस्कृति के लिए पूर्णत: समर्पित था। वे एक महान

मोदी विरोध का हठयोग

पीयूष द्विवेदी गत २१ जून को जब पूरा विश्व भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर पिछले वर्ष शुरू किया गया विश्व योग दिवस मना रहा था, तो वहीँ  भारत के एक बड़े  राज्य बिहार के मुख्यमंत्री बाबू नीतीश कुमार योग दिवस का बहिष्कार कर इस अवसर पर ‘संगीत दिवस’ मनाने में मशगुल थे।  योग

अगर भारत को रोका गया तो

डब्ल्यू.पी.एस सिद्धू न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप यानी एनएसजी को लेकर चीन की सक्रियता लगातार जारी है। वह इस संगठन में अमेरिका के प्रभुत्व को कम करने, पाकिस्तान को शामिल कराने और भारत को इससे दूर रखने की कोशिशों में जुटा हुआ है। वह परमाणु अप्रसार संधि की हिमायत करने वाले कुछ देशों पर अपना रंग जमाने

एनएसजी में मज़बूत होती भारत की दावेदारी, खुल रही राहें

रवि शंकर परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए वैश्विक स्तर पर समर्थन जुटाने की भारत की मुहिम को हाल में एक बड़ी कामयाबी मिली। अमेरिका, स्विट्जरलैंड और मेक्सिको ने एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत का समर्थन किया है, लेकिन पाकिस्तान 48 सदस्यीय इस समूह में शामिल होने के भारत के प्रयास को रोकने

कैराना का सच न जानने का उतावलापन

राजीव सचान जैसे कर्नाटक के मूदबिदरी और पश्चिम बंगाल के मालदा की घटनाओं पर कथित राष्ट्रीय मीडिया की नींद देर से टूटी थी कुछ वैसी ही, बल्कि उससे भी विचित्र स्थिति उत्तर प्रदेश में शामली जिले के कैराना कस्बे के मामले में भी दिखाई दे रही है। अभी कैराना का पूरा सच सामने आना शेष

हम और हमारा राष्ट्रवाद

संजय द्विवेदी देश में इन दिनों राष्ट्रवाद चर्चा और बहस के केंद्र में है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम भारतीय राष्ट्रवाद पर एक नई दृष्टि से सोचें और जानें कि आखिर भारतीय भावबोध का राष्ट्रवाद क्या है?‘राष्ट्र’ सामान्य तौर पर सिर्फ भौगोलिक नहीं बल्कि ‘भूगोल-संस्कृति-लोग’ के तीन तत्वों से बनने वाली इकाई है। इन तीन तत्वों

कामयाब कूटनीति की झलक

संजय गुप्त  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चौथी अमेरिकी यात्रा कई मायने में ऐतिहासिक रही। इस यात्र को लंबे समय तक सिर्फ इसलिए ही याद नहीं रखा जाएगा कि उन्होंने अमेरिकी संसद में प्रभावशाली भाषण दिया, बल्कि इसलिए भी कि वह अमेरिका के साथ भारत के संबंधों को एक नई ऊंचाई तक ले गए। जिस अमेरिकी

नरेंद्र मोदी में है दम, दुनिया में चमकेंगे हम

कैलाश विजयवर्गीय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त अधिवेशन में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच भारत-अमेरिका संबंध, अर्थव्यवस्था, आतंकवाद, व्यापार, शांति, सुरक्षा सहित कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। भारत की जनता ने भी अमेरिका में मोदी के स्वागत और भाषण की जमकर सराहना की है। इधर, हम सब सो गए