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मोदी राज में हो रहा रेलवे का कायाकल्प, विश्वस्तरीय बनती जा रही भारतीय रेलवे

इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारतीय रेलवे का अब धीरे-धीरे कायाकल्‍प होना शुरू हो गया है। 2014 से पहले रेलवे एक  बोझिल और जटिल क्षेत्र था जिससे जुड़ी समस्‍याओं का अंबार ही सामने आ पाता था लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं होता था। यदि हम ऐसा कहें कि मोदी सरकार ने भारतीय रेलवे को नए सिरे से निर्मित और परिभाषित किया है तो अतिश्‍योक्ति नहीं होगी

गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा कर रहे मोदी

महात्मा गांधी का कहना था कि राजनीतिक स्वतंत्रता से ज्यादा जरूरी है स्वच्छता। स्वच्छता को सुनिश्चित करके ही हम स्वस्थ रह सकते हैं और एक सशक्त देश का निर्माण करने में समर्थ हो सकते हैं। स्वच्छता से ग्रामीण भारत को भी मजबूत बनाया जा सकता है। नदियों एवं पर्यावरण को स्वच्छ बनाकर हम नई पीढ़ी को जीवनदान दे सकते हैं।

मोदी सरकार की कूटनीति से अनुच्छेद-370 पर दुनिया में अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान

अनुच्छेद-370 पर पाकिस्तान का इस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में अलग-थलग पड़ना यूँ ही नहीं हुआ है, इसके पीछे मोदी सरकार के लम्बे समय से किए जा रहे कूटनीतिक प्रयास हैं। इन प्रयासों के कारण ही आज भारत ऐसी कूटनीतिक लामबंदी करने में कामयाब हुआ है कि पाकिस्तान इस मुद्दे को लेकर जहां भी जा रहा है, उसे मुंह की खानी पड़ रही है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में विकास और विश्व-बंधुत्व की भावना से पुष्ट नए भारत का संबोधन

संयुक्त राष्ट्र महासभा के यह संबोधन जहां एक तरफ इमरान की बौखलाहट, सतहीपन के चलते तो दूसरी तरफ पीएम मोदी की सकारात्‍मकता, दूरदर्शिता, प्रगतिशीलता और मुदुभाषिता के चलते बरसों तक याद किए जाते रहेंगे। सही अर्थों में वैश्विक मंच से पीएम मोदी ने विकास और जगकल्याण की भावना से पुष्ट ‘नए भारत’ का संबोधन दिया है, वहीं इमरान

‘हाउडी मोदी’ में दिखी आतंकवाद के खिलाफ भारत-अमेरिका की मजबूत जुगलबंदी

पाकिस्तान इन दिनों भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है और पश्चिमी देशों से माली मदद हासिल करने के लिए भला बनकर  पूरी दुनिया को भ्रमित करना चाहता है। लेकिन भारत की कोशिशों से अब अमेरिका सहित पूरी दुनिया को पता चल चुका है कि आतंकवाद का मरकज़ पाकिस्तान ही है, वहीं आतंक की विषबेल को खाद और पानी दिया जा रहा है, अतः उसके प्रति अब कोई भी देश किसी रियायत को तैयार नहीं है

अनुच्छेद-370 हटने से सिर्फ पाकिस्तान में ही मातम नहीं है, भारत में भी ‘कुछ लोग’ सदमे में हैं

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने का मकसद यही था कि दशकों से वहां चल रहे खून खराबे को ख़त्म कर शांति की स्थापना की जाए।  कश्मीर के लोग भी धीरे-धीरे नयी व्यवस्था को अपनाने लगे हैं और शांतिपूर्ण ढंग से राज्य की गतिविधियाँ चल रही हैं। अतः मोदी या भाजपा के विरोध मात्र के लिए कश्मीर को लेकर गलत जानकारियां फैलाना और सरकार का विरोध करना अनुचित और अस्वीकार्य है।

असंभव लगने वाली समस्याओं का समाधान करने वाले सौ दिन

नरेंद्र मोदी सरकार ने सौ दिन में होनहार विरवान की कहावत चरितार्थ की है। इस अल्प अवधि में अब तक असंभव लगने वाली समस्याओं का भी समाधान सफलता पूर्वक हो गया। संविधान के अस्थायी अनुछेद-370 को सत्तर वर्षों तक हंगामा बना कर रखा गया था। अनुछेद 35-ए पर भी यही स्थिति थी। मोदी सरकार ने मात्र दो दिन की संसदीय कवायद के बाद ही इस समस्या का स्थायी समाधान निकाल दिया।

भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर प्रतिबद्ध सरकार

बीते शुक्रवार को सीबीआई ने एक अनपेक्षित और बड़ी कार्यवाही की। ब्‍यूरो ने पूरे देश भर में करीब डेढ़ सौ शासकीय कार्यालयों पर छापेमार कार्यवाही की जो कि पूरी तरह से औचक थी। इस अचानक हुई छापेमारी से वहां मौजूद कर्मचारियों में खलबली सी मच गई। किसी को संभलने का मौका नहीं मिला। इस कवायद का मुख्‍य ध्‍येय सरकारी कार्यालयों में भ्रष्‍टाचार पर रोकथाम था।

दुनिया में भारत की बढ़ती धाक का गवाह बना जी-7 सम्मेलन

जी-7 में नरेंद्र मोदी ने कहा कि कश्मीर  द्विपक्षीय मसला है। किसी तीसरे देश को इसमें हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच मुलाकात हुई। इसके बाद दोनों नेताओं ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

मोदी की आलोचना करने वाले कांग्रेसी नेता अब उनकी तारीफ़ क्यों करने लगे हैं?

वर्षों से मोदी विरोधी नकारात्‍मक राजनीति करने वाली कांग्रेस पार्टी को सद्बुद्धि आने लगी है। कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता जयराम रमेश ने खुलेआम स्‍वीकार किया कि 2019 में मोदी सरकार की वापसी में उसके द्वारा 2014 से 2019 के बीच किए गए कार्यों की अहम भूमिका रही है। इसके बाद तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में बोलने की होड़ लग गई।