कुमार विश्वास

आम आदमी की उम्मीद और यकीन को धूमिल करने वाले नेता बन गए हैं केजरीवाल!

पत्रकार से नेता बने आम आदर्मी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता आशुतोष के इस्‍तीफे ने पार्टी की नींव हिलाने का काम किया। भले ही केजरीवाल इस्‍तीफा स्‍वीकार नहीं करने की बात कर रहे हैं, लेकिन इतना तो तय है कि आम आदर्मी पार्टी अब खास आदमी पार्टी बन चुकी है। आशुतोष अरविंद केजरीवाल की तानाशाही और भ्रष्‍ट कार्यशैली के पहले शिकार नहीं हैं। इससे पहले

अहंकार में चूर केजरीवाल यह नहीं समझ रहे कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती !

आम आदमी पार्टी में एक बार फिर से घमासान मचा हुआ है। इस बार फिर से सत्‍ता को ही लेकर खींचतान मची और उसके परिणामस्‍वरूप पार्टी के भीतर आंतरिक कलह फिर प्रकट हो गई। पार्टी ने इसी सप्‍ताह राज्‍यसभा के लिए अपने तीन प्रत्‍याशी तय किए। 16 जनवरी को चुनाव होना है और परिणाम आएंगे। इनमें बाहरी प्रत्‍याशी सुशील गुप्‍ता और नारायण गुप्‍ता को स्‍थान दिया गया। संजय सिंह पहले से थे।

आम आदमी पार्टी में गहराता जा रहा ‘विश्वास’ का संकट !

जिस तरह से हाल के दिनों में आम आदमी पार्टी के दफ्तर में कुमार विश्वास ने अपनी सक्रियता बढ़ाई उसके बाद उनपर हमले और तेज हो गए हैं। एक तरफ तो दिल्ली के पूर्व जल मंत्री कपिल मिश्रा हर दिन खुलासों का दावा करते घूम रहे हैं। कभी एसीबी के दफ्तर तो कभी सीबीआई के दफ्तर, ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास के खिलाफ मोर्चा खोलकर आम आदमी पार्टी एक और संकट मोल

क्या है आम आदमी पार्टी की अंतर्कलह का कारण ?

आम आदमी पार्टी का झगड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। जो चीजें सामने नहींआ रही थीं, वो भी अब सामने आने लगी हैं। अरविंद केजरीवाल पर अपने रिश्तेदारों को आर्थिक फायदा पहुंचाने का आरोप लगा है। एक समय में उनके लेफ्टिनेंट रहे दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा ने ही केजरीवाल पर पैसों के लेनदेन का आरोप लगाया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ छवि केजरीवाल की सबसे बड़ी पूंजी थी। उनकी ईमानदारी को चौबीस कैरेट का

बेदम नहीं हैं केजरीवाल पर कपिल मिश्रा के आरोप

अभी विधानसभा चुनावों, उपचुनाव और फिर एमसीडी चुनाव में लगातार मिली पराजयों से केजरीवाल उबरने की कोशिश कर ही रहे थे कि उनकी सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने उनके लिए एक अलग ही तूफ़ान खड़ा कर दिया है। बता दें कि कपिल मिश्रा केजरीवाल सरकार में जल मंत्री के पद पर थे, जिससे उन्हें अभी हाल ही में हटाया गया। पद से हटाए जाने के बाद से वे केजरीवाल खिलाफ बगावती तेवर अपनाए हुए

कुमार विश्वास की बजाय काम पर फोकस करे ‘आप’

एक के बाद एक हार के बाद दिल्ली की आम आदमी पार्टी अब आंतरिक कलह से जूझ रही है। दो ढाई साल पहले जिस पार्टी को दिल्ली की जनता ने प्रचंड बहुमत से दिल्ली की गद्दी सौंपी थी, वो इतने कम समय में ही इतने बड़े कलह का शिकार हो जाएगी, किसी ने सोचा भी नहीं था। पंजाब में हार, दिल्ली उपचुनाव में तीसरे नंबर की पार्टी और फिर दिल्ली नगर निगम में हार के बाद पार्टी के संस्थापकों में से एक कुमार विश्वास ने