जंगलराज

सत्ता के लोभ में ‘जंगलराज’ के सामने हथियार डाल दिए हैं नीतीश!

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कल तक ‘सुशासन बाबू’ के तौर पर पहचाने जाते थे, लेकिन अब उनकी यह छवि पीछे छूटने लगी है। बिहार में अब सुशासन की चर्चा नहीं, अपराध की बहार है। शहाबुद्दीन की वापसी ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि बिहार में अपराध पर लगाम लगाने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाकामयाब साबित हो रहे हैं। बिहार सरकार में शामिल राजद के विधायकों/मंत्रियों ने जिस तरह

‘सुशासन’ के मुंह पर ‘जंगलराज’ का झन्नाटेदार तमाचा

यह लेखक जिस वक्त और जहां बैठकर यह बातें टाइप कर रहा है, उसके ठीक एक दिन पहले इस जगह से केवल दो किमी दूर, राजधानी पटना में सरेशाम एक प्रेस फोटोग्राफर के बेटे को गोली मार दी गयी है। उसी दिन दो और हत्याएं महज पांच किलोमीटर के दायरे में हुई हैं। इसी ख़बर

फिर जंगलराज के साये में बिहार

उमेश चतुर्वेदी यह संयोग ही है कि छह मई को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दावा किया कि उनकी बहुचर्चित शराबबंदी योजना से राय में अपराध की घटनाओं में 27 फीसद की कमी आ गई, इसके ठीक दो दिन बाद उनके ही एक एमएलसी के बेटे ने महज रास्ता ना देने के चलते एक