राहुल गांधी

भारत के लिए व्यावहारिक और कारगर नहीं है न्यूनतम आय गारंटी योजना

दुनिया में ऐसी योजना की सफलता की बात कुछ अर्थशास्त्री कर रहे हैं, लेकिन ऐसे प्रयोग कुछ सीमित लोगों या छोटे देशों पर किये गये हैं, जिसके आधार पर भारत जैसे बड़े और विविधता से परिपूर्ण एवं बड़ी आबादी वाले देश में इसे सफलता पूर्वक लागू नहीं कराया जा सकता है। भारत में न्यूनतम आय गारंटी योजना को लागू करने के लिये 36 खरब रूपये की दरकार होगी

मिशन शक्ति: ‘देश अंतरिक्ष की महाशक्ति बन गया और विपक्ष मीनमेख निकालने में लगा है’

भारत ने अंतरिक्ष में मौजूद लो अर्थ सैटेलाइट यानी एलईओ को नष्‍ट कर दिया। ऐसा करने वाले देश अमेरिका, रूस और चीन थे और अब भारत भी इस विशेष समूह में शामिल हो गया है। निश्चित ही सभी देशवासियों के लिए बहुत गर्व का विषय है। इस उपलब्धि के साथ ही देश अमेरिका, रूस और चीन के बाद अंतरिक्ष की चौथी महाशक्ति बन गया है।

लोकसभा चुनाव : जनकल्याण के कार्य बनाम मोदी विरोध की नकारात्मक राजनीति

लोकसभा चुनाव की शुरुआत हो चुकी है, सभी राजनीतिक दल अपने–अपने ढ़ंग से अपनी पार्टी का प्रचार कर जनता का समर्थन पाने की कवायद में जुटे हुए हैं, किन्तु इस महान लोकतांत्रिक देश में मतदाता अब सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों को अपनी अपेक्षाओं की कसौटी पर कसने लगे हैं।

इंदिरा से राहुल तक कांग्रेस कितनी बार गरीबी मिटाएगी?

राहुल गांधी की सालाना बहत्तर हजार रुपये की योजना से इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बयान ताजा हुए हैं। करीब आधी शताब्दी पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया था। इसके बाद प्रधानमंत्री के रूप में राजीव गांधी ने देश की व्यवस्था का उल्लेख किया था। उनका कहना था कि केंद्र से सौ पैसे भेजे जाते हैं, उसमें से केवल पन्द्रह पैसे ही जमीन तक पहुंचते हैं

ये कैसे ‘भारतीय नेता’ हैं जिन्हें अपने देश की सेना और सरकार पर ही भरोसा नहीं

आतंकी हमले और आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक पर नकारात्मक सियासत भारत में ही संभव है। यहां अनेक नेता लगातार पाकिस्तान और आतंकी संगठनों के प्रति हमदर्दी के बयान दे रहे हैं। ऊपर से तुर्रा यह कि सरकार इस मामले का चुनावी फायदा उठाना चाहती है। लेकिन इस विषय को चुनाव तक चलाने का कार्य तो विपक्ष के नेता ही कर रहे हैं। कुछ अंतराल पर इनके बयान आने का सिलसिला बन गया है। 

पाकिस्तान परस्त भाषा बोल रहे कांग्रेसियों पर राहुल गांधी के मौन का मतलब क्या है?

कांग्रेस के नेताओं द्वारा एयर स्ट्राइक पर जिस तरह से पाकिस्तान के प्रवक्ता जैसी भूमिका निभाई जा रही, उसपर कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व मौन है। कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई तो दूर इन नेताओं को एक चेतावनी तक नहीं दी गयी है। फिर यह सवाल उठाना जायज है कि क्या इन बयानों को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौन स्वीकृति मिली हुई है?

राहुल के बाद प्रियंका की भी घिसे-पिटे मुद्दों की राजनीति

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने भाषण, भाषा, शैली के चलते स्वयं को हल्का बना लिया है। उनकी बातों में अध्यक्ष पद की गरिमा का नितांत अभाव है। वह प्रधानमंत्री के लिए अमर्यादित व सड़क छाप नारे लगवाते हैं। राफेल सौदे पर उनके पास कोई तथ्य नहीं, फिर भी हंगामा करते रहते हैं। ऐसे में यह माना गया था कि प्रियंका गांधी वाड्रा का चुनाव प्रचार अलग ढंग का होगा। लेकिन वह भी पुराने और तथ्यविहीन मुद्दे ही उठा रही हैं।

प्रधानमंत्री का अपमान और आतंकियों को सम्मान, कांग्रेस की ये कौन-सी पॉलिटिक्स है?

राहुल गाँधी किसी आतंकी सरगना को ‘जी’ लगाकर संबोधित करने वाले पहले कांग्रेस नेता नहीं हैं, कांग्रेस के लोगों को इसकी पुरानी आदत है। कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के दो बार के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह तो “ओसामा जी” और “हाफिज सईद साहब” का उच्चारण कर चुके हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को किसी

हेराल्ड हाउस मामले में कांग्रेस के मुंह पर तमाचा है दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला

नेशनल हेराल्‍ड हाउस मामले में दिल्‍ली हाईकोर्ट ने आखिर महत्‍वपूर्ण आदेश दे ही दिया। इस आदेश के अनुसार कांग्रेस आलाकमान सोनिया-राहुल के स्वामित्व वाली कंपनी एजेएल को हेराल्‍ड हाउस खाली करना होगा। यह बात अलग है कि फिलहाल कोर्ट ने भवन को खाली करने की समय सीमा तय नहीं की है लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस पर इसे खाली करने का दबाव तो रहेगा ही।

इस कठिन समय में भी नहीं रुक रही कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति

कांग्रेस अध्य्क्ष राहुल गांधी के लिए थोड़े समय भी सकारात्मक रहना शायद मुश्किल होता है। पुलमावा हमले के बाद उन्होंने अपने उस समय का कार्यक्रम रद्द कर दिया था। इसे विपक्षी पार्टी के सकारात्मक कदम के रूप में देखा गया था। लेकिन अब इक्कीस दलों की बैठक के बाद उनका बयान हद पार करने वाला था।