हरीश रावत

उत्तराखंड : खली का शो आयोजित करने वाले क्या समझेंगे इन्वेस्टर्स समिट का अर्थ?

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का क्रिकेट स्टेडियम अब तक दो मेगा शो का गवाह बन चुका है। पहला आयोजन वर्ष 2016 के फरवरी महीने में हुआ था। ‘द ग्रेट खली रिटर्न्स मेगा शो’ के नाम से आयोजित इस कार्यक्रम का तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ऐसे प्रचार किया, मानो यह प्रदेश की तकदीर बदल देगा। मेगा शो को सफल बनाने के लिए कांग्रेस सरकार ने अपनी पूरी ताकत

मोदी सरकार पर आरोप लगा रहे जलपुरुष को कुछ सवाल हरीश रावत से भी पूछने चाहिए !

इसे महज संयोग कहा जाए या सब कुछ पूर्व निर्धारित। जल पुरुष राजेंद्र सिंह 4 जुलाई को पहले उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पत्रकारों से बातचीत करते हैं। पत्रकारों को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नाम पर बुलाया जाता है और फिर उस प्रेस कांफ्रेंस में रावत के साथ जलपुरुष भी प्रकट होते हैं।

फिर खुली कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष राजनीति की पोल !

अक्सर अपने धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दल होने का दम भरने और भाजपा जैसे दलों पर सांप्रदायिक रानजीति का आरोप लगाने वाली कांग्रेस की कथित धर्मनिरपेक्ष राजनीति की कलई एकबार फिर खुल गई है। उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री हरीश रावत साहब ने राज्य के मुस्लिम कर्मचारियों को जुमे की नमाज़ के लिए डेढ़ घंटे की छुट्टी दिये जाने का ऐलान कर कांग्रेसी धर्मनिरपेक्षता का शानदार उदाहरण

‘मुस्लिम तुष्टिकरण’ है कांग्रेसी सेकुलरिज्म का असल चेहरा

जुमे की नमाज के लिए मुस्लिम कर्मचारियों को 90 मिनट का अवकाश देकर उत्तराखंड सरकार ने सिद्ध कर दिया है कि कांग्रेस ने सेकुलरिज्म का लबादा भर ओढ़ रखा है, असल में उससे बड़ा सांप्रदायिक दल कोई और नहीं है। कांग्रेस के साथ-साथ उन तमाम बुद्धिजीवियों और सामाजिक संगठनों के सेकुलरिज्म की पोलपट्टी भी खुल गई है, जो भारतीय जनता पार्टी या किसी हिंदूवादी संगठन के किसी