अग्नि-5 का हुआ सफल परीक्षण, भारत की तरफ आँख उठाने से पहले सौ बार सोचेंगे चीन-पाक

भारत ने अपने रक्षातंत्र को मजबूत करते हुए, अग्नि पंचम  को अपने बेड़े में शामिल किया हैं, जो कि अन्तरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा निर्मित इस प्रक्षेपास्त्र के आने के बाद अब आधी दुनिया भारत की जद में होगी और पाकिस्तान के साथ  चीन जैसे पड़ोसी मुल्क अब अपने हलक से ज़ुबान निकालने में जरूर एक मर्तबा सोचने को विवश होंगे। देश की यह अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित 17 मीटर लंबी और दो मीटर चौड़ी अग्नि-5 मिसाइल परमाणु हथियारों से लैस होकर 1 टन पेलोड ले जाने में सक्षम है, जो कि भारतीय जंगी जहाजी बेड़े की ताकत को बढ़ाने वाली है, इससे देश के सुरक्षा-तंत्र को भी मजबूती मिलेगी।

देश में मोदी सरकार के आने के बाद न केवल भारत ने कूटनीतिक स्तर चीन-पाक जैसे संदिग्ध पड़ोसियों चित्त किया है, बल्कि सैन्य स्तर पर भी देश की शक्ति में दिन-प्रतिदिन इजाफा हो रहा है। भारत ने हमेशा से शांति की बात की है और निस्संदेह अब भारत का यही पक्ष है, मगर संदिग्ध पड़ोसियों से घिरे होने के कारण देश के लिए अपनी सैन्य-शक्ति को बढ़ाना आवश्यक है। सुखद कि इस दिशा में मौजूदा सरकार सक्रियता से बढ़ रही है।

5 हजार किलोमीटर तक के दायरे में इस्तेमाल की जा सकने वाली इस मिसाइल में तीन चरणों का प्रोपल्शन सिस्टम लगाया गया है, जो कि हैदराबाद की प्रगत  प्रणाली प्रयोगशाला ने तैयार किया है। इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत है MIRV तकनीक यानी एकाधिक स्वतंत्र रूप से लक्षित करने योग्य पुनः प्रवेश वाहन, इस तकनीक की मदद से इस मिसाइल से एक साथ कई जगहों पर वार किया जा सकता है, यानी अब भारत के विरुद्ध नजर उठाने वालों की खेर नहीं। इस अत्याधुनिक मिसाइल की बदौलत एक बार में ही कई जगहों पर गोले बरसाए जा  सकते हैं, यहां तक कि अलग-अलग देशों के ठिकानों पर एक साथ हमले भी किये जा सकते हैं। कुल मिलाकर निष्कर्ष देख जाए, तो आधी दुनिया इस मिसाइल के टारगेट में होगी, जो भारतीय तकनीकी क्षेत्र को बढ़ावा देने वाला है। 

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इस मिसाइल के आने से भारत की सामरिक हसियत में काफी इज़ाफ़ा होने को हैं। हवा से हवा और जमीन से हवा पर इस्तेमाल की जा सकने वाली इस मिसाइल से अब पाक के खतरनाक मंसूबो पर पानी फिर सकता हैं, क्योंकि पाकिस्तान चीन की मदद के भरोसे भारत को हानि पहुचाने में तनिक भी नहीं हिचकिचाता हैं, लेकिन इस प्रक्षेपशास्त्र के शामिल होने के बाद भारत की बढ़ती सैन्य ताकत से चीन भी भलीभाँति परिचित हो चुका है। इस मिसाइल को देश के किसी भी कोने में तैनात कर,  किसी भी प्लेटफॉर्म से युद्ध के दौरान इसकी मदद ली जा सकती हैं। वहीँ अग्नि पांच में लॉन्चिंग सिस्टम  कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल हुआ है, जो इसे मजबूती प्रदान करते हैं। कैनिस्टर तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह हैं, कि  मिसाइल को कहीं भी बड़ी आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है, जिससे हम अपने दुश्मन के करीब पहुंचने में जल्द सक्षम हो सकते हैं। अग्नि 5 मिसाइल की कामयाबी से भारतीय सेना की ताकत  में कई गुना इजाफा हुआ हैं, क्योंकि न सिर्फ अग्नि-5 की  मारक क्षमता 5 हजार किलोमीटर है, उसके साथ ही साथ ये परमाणु हथियारों को भी ले जाने में सक्षम है। अब इस मिसाइल के सैन्य क्षेत्र में शामिल होने के बाद भारत उन पांच देशों की फेहरिस्त में आ पहुँचा हैं, जो इंटरकॉन्टिनेंटल बालिस्टिक मिसाइल प्रणाली से संपन्न देश हैं। इसके पहले अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन इंटर-कॉन्टिनेंटल बालिस्टिक मिसाइल की ताकत हासिल कर चुके हैं।

डीआरडीओ के प्रमुख डॉ॰ वी. के. सारस्वत के मुताबिक भारत में ही बनी इस तकनीक की खासियत यह है कि ये निशाना बेहद सटीक लगाती है, जिससे भारतीय सुरक्षा प्रणाली बेहतर और अचूक होगी, इसके साथ भारत  अपने पड़ोसियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने में सक्षम होगा। यह भारतीय मिसाइल चीनी मिसाइल डोंगफेंग 31A को  कड़ी टक्कर देगा, क्योंकि अग्नि-5 की रेंज में चीन का सबसे उत्तरी शहर हार्बिन भी आता है, जो चीन के डर की सबसे बड़ी वजह साबित हो सकता हैं। इस मिसाइल के शामिल होने के पश्चात चीन को अब अपनी हरकतों से बाज आना होगा और धीरे-धीरे भारत जैसे-जैसे रक्षा और सैन्य के क्षेत्र में उन्नति कर रहा हैं, वैसे शनैः-शनैः चीन की दक्षिण एशिया पर एकछत्र राज्य करने का सपना धुंधला पड़ता जा रहा हैं। वहीँ दूसरी और पाकिस्तान के भी इस मिसाइल के विकास के साथ ही रोंगटे खड़े होने शुरू हो चुके हैं। पाक को अपनी नापाक हरकतों को खेलने की नीति भारत के खिलाफ बंद करनी होगी, नहीं तो फिर आने वाला वक्त पाक को तितर-वितर कर सकता हैं, क्योंकि पाक को यह नहीं भूलना चाहिए, क़ि भारत हर तरह से तेजी से विकसित हो रहा देश हैं और भारत की बढती शक्ति को देखते हुए रूस और अमेरिका जैसी वैश्विक शक्तियां भी भारत के साथ खड़ी दिख रहीं हैं। कहना गलत नहीं होगा कि देश में मोदी सरकार के आने के बाद न केवल भारत ने कूटनीतिक स्तर चीन-पाक जैसे संदिग्ध पड़ोसियों चित्त किया है, बल्कि सैन्य स्तर पर भी देश की शक्ति में दिन-प्रतिदिन इजाफा हो रहा है। भारत ने हमेशा से शांति की बात की है और निस्संदेह अब भारत का यही पक्ष है, मगर संदिग्ध पड़ोसियों से घिरे होने के कारण देश के लिए अपनी सैन्य-शक्ति को बढ़ाना आवश्यक है। सुखद कि इस दिशा में मौजूदा सरकार सक्रियता से बढ़ रही है।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)