‘विपक्षी दल भले न मानें, पर दुनिया मान रही कि मोदी राज में मजबूत हो रही भारतीय अर्थव्यवस्था’

मोदी सरकार के आर्थिक सुधारों से भारतीय अर्थव्यवस्था को जो मजबूती मिली है, उसे मोदी विरोध में अंधे देश के विपक्षी दल भले न मानें, लेकिन वैश्विक एजेंसियां मान रही हैं। अनेक वैश्विक एजेंसियों की रैंकिंग में भारत की स्थिति में सुधार आना इस बात को प्रमाणित करता है।

देश की अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूती देने की दिशा में मोदी सरकार के क़दमों का लगातार असर दिख रहा है। भारत के नाम पर बड़ी उपलब्धि दर्ज हुई है। एशिया प्रशांत देशों के बीच अब हमारा देश विकास क्रम में अव्‍वल राष्‍ट्र बनकर उभरा है। गत चार वर्षों में पैसिफिक देशों के बीच भारत ने सबसे तेज गति से उन्‍नति की है।

अंतर्राष्ट्रीय थिंक-टैंक लेगाटम इंस्‍टीट्यूट के 12 वें वार्षिक वैश्विक समृद्धि सूचकांक में भारत ने अपनी स्थिति सुधारी है। वर्ष 2013 में इस इंडेक्‍स में देश का क्रम 113वां था। उसके बाद देश में सत्‍ता परिवर्तन हुआ और यूपीए सरकार के स्‍थान पर भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार आई। यह मौजूदा केंद्र सरकार की ही कर्मशीलता है कि इस सूचकांक में 113वें क्रम से उठकर भारत अब 94 वें स्थान पर जा पहुंचा है।

सांकेतिक चित्र (साभार : ET Auto)

आज बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम करने वाले महानगरीय युवा वर्ग के समानांतर ही देश में आंचलिक प्रतिभाएं स्‍वयं स्‍टार्ट-अप्‍स के ज़रिये अपने पैर जमा रही हैं। देश में यह खुला आर्थिक माहौल केंद्र सरकार की रोजगारोन्‍मुखी नीतियों के चलते संभव हो पाया है। समृद्धि सूचकांक में यदि भारत की स्थिति सुधरी है, तो उसके पीछे केंद्र सरकार के चार वर्षों की मेहनत निहित है। यही कारण है कि सूचकांक के सौ मानदंडों में प्रति व्‍यक्ति पर भी जीडीपी का आकलन किया गया, जिस पर भारत खरा उतरा है। निश्चित ही देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

पिछले दिनों ही विश्‍व बैंक द्वारा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग जारी की गई थी, जिसमें भी भारत ने तेज गति से अपनी स्थिति में सुधार किया था। भारत ने इस बार इसमें 23 अंकों की छलांग लगाई थी जो कि किसी भी देश द्वारा अर्जित सर्वाधिक तेज गति की उछाल मानी जा रही है। अब भारत की 77वीं रैंक है।

उल्लेखनीय होगा कि पिछले दिनों विश्‍व आर्थिक मंच ने भी वर्ष 2018 के लिए अपना वैश्विक प्रतिस्‍पर्धा सूचकांक जारी किया। इसमें भी भारत ने अपनी स्थिति में उल्‍लेखनीय सुधार किया है। 5 अंकों के उछाल के साथ भारत अब इसमें 58वें पायदान पर जा पहुंचा है जो कि सफलता का प्रतीक है। मंच की ताजा रिपोर्ट में भारत को 58वें क्रम का सबसे अधिक प्रतिस्‍पर्धी अर्थव्‍यवस्‍था वाला देश माना गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में पिछले 4 वर्षों में देश ने सफलताओं और उपलब्धियों के नित नए आयाम छुए हैं, उक्‍त उपलब्धियां भी उसी क्रम में शामिल हैं।

इधर देश में केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सेंट्रल स्टेटिस्टीकल आर्गनाइजेशन) यानी सीएसओ ने जीडीपी के ताजा आंकड़े जारी किए हैं जो कि चालू वित्‍त वर्ष में भारत की बढ़ती विकास दर को दर्शाते हैं। पिछले वर्ष की तुलना में देश की निवेश दर में इजाफा हुआ है। गत वर्ष यह दर दूसरी तिमाही में 30 प्रतिशत थी जो कि इस वर्ष बढ़कर 32 प्रतिशत पर जा पहुंची है। आंकड़ों की मानें तो देश की विकास दर 7 प्रतिशत से अधिक रही है जो साल की दूसरी तिमाही का आकलन है।

यदि केवल साल की दूसरी तिमाही की बात की जाए तो इस क्रम में भारत चीन से आगे रहा है जो‍ कि हमारी आर्थिक मजबूती का द्योतक है। जीएसटी और नोटबंदी जैसे आर्थिक सुधारों के बाद शुरुआती तौर पर ज़रूर देश को संभलने में थोड़ा समय लगा लेकिन अब इनके बेहतर व सार्थक परिणाम सामने आने लग हैं। कृषि और मैन्‍युफैक्‍चरिंग जैसे क्षेत्रों में देश में उल्‍लेखनीय प्रगति की है। कहा जा सकता है कि देश में अर्थव्‍यवस्‍था अब न केवल पटरी पर लौट रही है बल्कि यह निवेश की दृष्टि से भी उत्‍तरोत्‍तर विकासशील है।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)