पॉलिटिकल कमेंटरी

आभार रैली : नागरिकता क़ानून पर विपक्ष की अफवाहों को प्रधानमंत्री मोदी ने किया बेनकाब

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश भर में मचे उपद्रव के बीच पूरा देश प्रधानमंत्री की तरफ देख रहा था कि उनपर पर हो रहे राजनीतिक हमलों एवं नागरिकता कानून को लेकर फैलाए जा रहे झूठ पर वे क्या जवाब देते हैं। 1731 अवैध कालोनियों को केंद्र सरकार द्वारा नियमित कराए जाने के बाद रविवार को देश की राजधानी दिल्ली के चर्चित रामलीला मैदान में दिल्ली प्रदेश

नागरिकता संशोधन क़ानून : अफवाहों के जरिए खोई हुई राजनीतिक जमीन तलाशते विपक्षी दल

दिल्‍ली के रामलीला मैदान की रैली वैसे तो दिल्‍ली की 1731 अनधिकृत कालोनियों के 40 लाख निवासियों को मालिकाना हक देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्‍यवाद देने हेतु आयोजित की गई थी लेकिन इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने विरोधियों की जमकर खबर ली। उन्‍होंने कहा तुष्‍टीकरण और वोट बैंक की राजनीति करने वाले अफवाहों के जरिए अपनी खोई हुई राजनीतिक

हर तरह से देशहित में है नागरिकता संशोधन क़ानून, बेमतलब है विरोध प्रदर्शन

नागरिकता संशोधन कानून से भारत के नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं थी, न उनसे सरकार नागरिकता पूछने जाती। सब कुछ यथावत चलता रहता। धार्मिक आधार पर उत्पीड़ित कुछ लोगों को पनाह मिल जाती, अवैध घुसपैठ के प्रति सावधानी बढ़ती। हर प्रकार से यह क़ानून देशहित में है। लेकिन ऐसे क़ानून को भी अराजकता में बदल दिया गया।

वैचारिक प्रतिबद्धताओं को अमल में लाती मोदी सरकार

नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में संसद किसी एक व्यक्ति पर केन्द्रित रही है, तो वह गृह मंत्री अमित शाह हैं। एनआईए संशोधन बिल से लेकर अनुच्छेद 370 हटाने तक का ऐतिहासिक निर्णय हो, गृहमंत्री ने अपने भाषण और अपनी कार्यशैली से अपने आलोचकों को भी प्रभावित किया है। संसद का शीतकालीन सत्र खत्म होने के ठीक पहले नागरिकता संशोधन विधेयक  सदन में पारित हो गया।

‘नागरिकता संशोधन विधेयक पर तथ्यों से हीन विपक्ष केवल हिन्दूफोबिया फैला रहा है’

भारत में आज एक वर्ग ऐसा है जो सवाल उठा रहा है कि धर्म के आधार पर नागरिकता क्यों दी जा रही है। सवाल है कि क्या इससे मुसलमानों को खतरा पैदा होगा? क्या भारत हिन्दू राष्ट्र बन जाएगा? जवाब एक ही है – नहीं। नागरिकता संशोधन विधेयक एक ऐसा विषय है जिसको लेकर भ्रांतियां ज्यादा फैलाई गई हैं। विपक्ष इसको एक ऐसे मुद्दे के तौर पर पेश करना चाह रहा था कि यह देश के मुसलमानों के विरुद्ध है और वे इसके खिलाफ हैं

ये आंकड़े बताते हैं कि क्यों जरूरी है नागरिकता संशोधन विधेयक?

तीन तलाक पर क़ानून बनाकर, कश्मीर से धारा 370 हटाकर, राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब नागरिकता संशोधन बिल को लोकसभा से पारित कराकर मोदी सरकार ने अपनी नीतियां बिलकुल साफ़ कर दी हैं। इस सरकार की खासियत ही कही जाएगी कि एक के बाद एक महत्वपूर्ण और युगांतरकारी परिवर्तन की नींव रखने में कामयाब हो रही है।

मोदी सरकार ने किया दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों के विकास का रास्ता साफ़

यदि हम बीते दो दशकों का दौर देखें तो दिल्ली में डेढ़ दशक तक कांग्रेस का शासन रहा, उसके बाद गत 5 वर्षों से आम आदमी पार्टी सत्‍ता में है। इसके बावजूद दोनों दलों ने अनाधिकृत कॉलोनियों की दिशा में ना कुछ सोचा, ना किया। अब जब मोदी सरकार ने यह बीड़ा उठाया है तो केजरीवाल इसका श्रेय लेने की कोशिश में जुट गए हैं।

कांग्रेस ने गांधी के नामपर केवल राजनीति की, मोदी उनके सपनों को पूरा कर रहे हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल से अभी तक की यात्रा को देखें तो गांधी के विचारों एवं सिद्धांतों को जन-जन से जोड़ने के लिए उनकी सरकार ने सांकेतिक से लेकर व्यावहारिक तक प्रत्येक स्तर पर ठोस काम किया है। इसका सबसे बड़ा उदारहण स्वच्छ भारत अभियान है। स्वच्छ भारत का सपना महात्मा गांधी ने देखा था, लेकिन आजादी के बाद

‘महाराष्ट्र के इस प्रकरण ने कांग्रेस और शिवसेना दोनों का असली चेहरा सामने ला दिया’

महाराष्ट्र के घटनाक्रम को समझने से पहले आपको चुनाव के पहले के घटनाक्रम को देखना होगा। विधानसभा चुनाव से पहले हुए गठबंधन के तहत बीजेपी और शिव सेना ने मिलकर चुनाव लड़ा, जिसमें बीजेपी को 105 सीटें और शिव सेना को 54 सीटें हासिल हुईं।

संविधान दिवस : सिर्फ अधिकार नहीं, मौलिक कर्तव्यों के प्रति भी सजग हों नागरिक

संविधान दिवस वस्तुतः कर्तव्य बोध का अवसर होता है। देश को संविधान के अनुरूप चलाने में जन सामान्य का भी योगदान रहता है, उनकी भी इसमें भूमिका होती है। इसीलिए भारतीय संविधान की प्रस्तावना हम भारत के लोग से हुई है। संविधान सभा ने 26 नवम्बर, 1949 को संविधान पारित किया। लेकिन इसे 26 जनवरी, 1950 को विधिवत लागू किया गया। यह हमारा गणतंत्र दिवस हुआ।