पाकिस्तान

‘हाउडी मोदी’ में दिखी आतंकवाद के खिलाफ भारत-अमेरिका की मजबूत जुगलबंदी

पाकिस्तान इन दिनों भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है और पश्चिमी देशों से माली मदद हासिल करने के लिए भला बनकर  पूरी दुनिया को भ्रमित करना चाहता है। लेकिन भारत की कोशिशों से अब अमेरिका सहित पूरी दुनिया को पता चल चुका है कि आतंकवाद का मरकज़ पाकिस्तान ही है, वहीं आतंक की विषबेल को खाद और पानी दिया जा रहा है, अतः उसके प्रति अब कोई भी देश किसी रियायत को तैयार नहीं है

अनुच्छेद-370 हटने से सिर्फ पाकिस्तान में ही मातम नहीं है, भारत में भी ‘कुछ लोग’ सदमे में हैं

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने का मकसद यही था कि दशकों से वहां चल रहे खून खराबे को ख़त्म कर शांति की स्थापना की जाए।  कश्मीर के लोग भी धीरे-धीरे नयी व्यवस्था को अपनाने लगे हैं और शांतिपूर्ण ढंग से राज्य की गतिविधियाँ चल रही हैं। अतः मोदी या भाजपा के विरोध मात्र के लिए कश्मीर को लेकर गलत जानकारियां फैलाना और सरकार का विरोध करना अनुचित और अस्वीकार्य है।

कबतक अपने बयानों से पाकिस्तान की मदद करती रहेगी, कांग्रेस!

भारत सरकार के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के अधिकांश प्रावधान समाप्त करने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाहट में है। वो लगातार इस मसले को विश्व पटल पर मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन दिक्कत ये है कि भारत की कूटनीतिक लामबंदी और बढ़ते वैश्विक प्रभाव के समक्ष चीन के सिवाय कोई भी देश इस मसले पर पाकिस्तान का साथ देने को तैयार नहीं नजर आ रहा है। चीन भी पूरी तरह से खुलकर उसका पक्ष नहीं ले पा रहा।

पाकिस्तान में सिख और हिन्दू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन पर खामोश क्यों है सेकुलर ब्रिगेड?

एक तरफ पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर बनवाकर पूरी दुनिया की वाहवाही लेना चाहता है, तो वहीं दूसरी तरफ उसका एक ऐसा सच सामने आया है जिससे पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है। इमरान खान ने प्रधानमंत्री बनने के बाद करतारपुर कॉरिडोर को आनन-फानन में हरी झंडी दी। हालाँकि भारत सरकार की यह लम्बे अर्से से मांग रही थी, लेकिन इस खेल में पंजाब के दलबदलू नेता नवजोत सिंह सिद्धू का पाकिस्तान द्वारा खुलकर इस्तेमाल हुआ।

जाधव प्रकरण : आईसीजे में भारत की बड़ी जीत, फिर एकबार बेनकाब हुआ पाकिस्तान

पाकिस्तान की जेल में कैद में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के फैसले से जाधव के परिवार को बहुत बड़ा सुकून मिलेगा। आज भारत में जश्न सा माहौल है, भारत के लोग, चाहे वह किसी भी विचारधारा के हों, किसी भी भी धर्म के हों, जाधव की वापसी की राह देख रहे हैं।

बद से बदतर होती पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था, खाने-पीने की चीजों में कटौती को मजबूर लोग

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय बेहद बुरे दौर में गुजर रही है। पुलवामा हमले के बाद   भारत द्वारा उससे मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीने जाने के बाद से उसकी हालत और खराब हुई है। अब बढ़ती महँगाई पर काबू पाने के लिये पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) से 6 अरब डॉलर कर्ज माँगा है। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के प्रमुख अब्दुल हफीज़ शेख के अनुसार यह कर्ज पाकिस्तान,

मोदी की विदेश यात्राओं पर सवाल उठाने वालों पर तमाचा है अजहर पर वैश्विक प्रतिबंध

यह देश के हर नागरिक के लिए गर्व की बात है कि चार बार खारिज हो चुके प्रस्‍ताव को आखिर अब जाकर मंजूरी मिली। संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्य देशों (स्थायी-अस्थायी) का समर्थन जुटाना बहुत बड़ी उपलब्धि है जो कि भारत की कूटनीतिक क्षमता को दर्शाती है।

मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक कामयाबी है मसूद अजहर का अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित होना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं पर उंगली उठाने वाले, उन्‍हें अनिवासी प्रधानमंत्री की उपाधि देने वाले नेता-बुद्धिजीवी-मीडिया की तिकड़ी उस समय खामोश हो गई जब संयुक्‍त राष्‍ट्र ने आतंक का पर्याय बने मौलाना मसूद अजहर को अंतरराष्‍ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया।

हिन्दू लड़कियों के ज़बरन निकाह ने खोली इमरान के ‘नए पाकिस्तान’ की पोल

इमरान खान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का ओहदा सँभालते ही दुनिया को यह दिखाने की कोशिश शुरू कर दी कि वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने वाले सबसे बड़े पैरोकार हैं। वे नए पाकिस्तान का नारा देने लगे। सालों से जहाँ की सत्ता मिलिट्री और आईएसआई की हाथों रही हो, उस सरकार के वादों और दावों पर भरोसा तो कतई नहीं किया जा सकता।

ये कैसे ‘भारतीय नेता’ हैं जिन्हें अपने देश की सेना और सरकार पर ही भरोसा नहीं

आतंकी हमले और आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक पर नकारात्मक सियासत भारत में ही संभव है। यहां अनेक नेता लगातार पाकिस्तान और आतंकी संगठनों के प्रति हमदर्दी के बयान दे रहे हैं। ऊपर से तुर्रा यह कि सरकार इस मामले का चुनावी फायदा उठाना चाहती है। लेकिन इस विषय को चुनाव तक चलाने का कार्य तो विपक्ष के नेता ही कर रहे हैं। कुछ अंतराल पर इनके बयान आने का सिलसिला बन गया है।