नवोदित सक्तावत

कोरोना संकट : ममता की नफरत की राजनीति में पिसता बंगाल

ममता ने केंद्र के प्रति अपनी नफरत की राजनीति को ऐसे संवेदनशील दौर में भी भुनाना जारी रखा है और इसका सबसे अधिक नुकसान बंगाल की जनता का ही हो रहा है।

‘सरकार आमजन व अर्थव्यवस्था को बचाने में जुटी है और विपक्षी दल अपनी राजनीति चमकाने में’

कोरोना महामारी के संक्रमण के बढ़ते दायरे के साथ सरकार के प्रयासों और योजनाओं का भी दायरा बढ़ा है। मौजूदा आर्थिक, औद्योगिक और स्‍वास्‍थ्‍यगत संकट को देखते हुए केंद्र सहित राज्‍य सरकारें भी अपने स्‍तर पर अधिक से अधिक काम करने का प्रयास कर रही हैं।

कोरोना काल में भी भारत को परेशान करने की कोशिश में लगे पाक को हर मोर्चे पर मिल रही मात

इस कोरोना काल में भारत को परेशान करने में लगा पाक हर मोर्चे पर मात खा रहा है। अब सोचना पाकिस्तान को ही है कि वो कोरोना जैसे वैश्विक संकट के इस दौर में अब भी क्या खुद में कुछ बदलाव लाएगा और इस आपदा से अपने लोगों को बचाने के लिए काम करेगा या  भारत से बेमतलब का वैर ठानकर अपने लोगों को और मुश्किल में डालेगा।

कोरोना संकट में अपने सधे हुए क़दमों से स्थिति को नियंत्रित रखने में कामयाब योगी सरकार

कोरोना वायरस की महामारी की जकड़ में देश व दुनिया का हर आम व खास है। शहरी क्षेत्रों में संक्रमण के हॉटस्‍पॉट को नियंत्रित करना राज्‍यों के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे में उत्‍तर प्रदेश के लिए यह चुनौती बढ़ जाती है क्‍योंकि यहां जिलों की संख्‍या और आबादी अन्‍य राज्‍यों की तुलना में अधिक है।

जानिये कैसे कोरोना संकट से निपटने में विश्व के सर्वश्रेष्ठ नेता बने मोदी

मोदी ने इस संकटकाल में न केवल अपने देश को संभाला है बल्कि उन्‍होंने कई अन्‍य राष्‍ट्रों को भी दवाओं व संसाधनों की खेप पहुंचाकर मानवीय आधार की मिसाल गढ़ी है। एक वैश्विक राजनेता में जो गुण होना चाहिये, आज मोदी में वे सारे गुण मौजूद हैं। जीवन रक्षक व जरूरी दवाओं से निर्यात प्रतिबंध सही समय पर हटाकर

इस संकटकाल में कानून व्‍यवस्‍था से जनहित तक हर मोर्चे पर विफल नजर आ रही उद्धव सरकार

लॉकडाउन के दौरान ही बीते एक पखवाड़े में महाराष्‍ट्र से लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं जो ये साबित करती हैं कि सरकार चलाना ठाकरे के बस की बात नहीं है। चाहे मजदूरों का पलायन हो, ब्रांदा रेलवे स्‍टेशन पर लॉकडाउन तोड़कर भारी भीड़ का जमा होना, उद्योगपति को घूमने जाने के लिए अनुमति मिलना हो या अब पालघर जैसी नृशंस घटना, हर मोर्चे पर ठाकरे सरकार बुरी तरह विफल हुई है।

सावधानी और सकारात्मकता के सहारे ही होगी कोरोना से जीत

बीते 5 अप्रैल को देश एक विराट और अनूठे आयोजन का साक्षी बना। हर वर्ष दीपावली के अवसर पर ही घरों में दीये जलते हैं, लेकिन इस बार दीपावली के पहले ही घर-घर दीयों की रोशनी नजर आई, इसलिए यह अनूठा आयोजन था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आहृवान पर देशवासियों ने अपने घरों, बालकनी, आंगन, देहरी पर दीये जलाए और कोरोना से लड़ाई के इस मुश्किल दौर में

‘संकट की इस घड़ी में हर तरह से देश के नागरिकों के साथ खड़ी है मोदी सरकार’

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से आम जनता को बचाने के लिए केंद्र एवं राज्‍य सरकारें हर संभव प्रयास कर रही हैं। राजधानी दिल्‍ली एवं इससे सटे नोएडा में गत दो-तीन दिनों से बड़ी संख्‍या में मजदूरों का पलायन जारी था। इनमें से अधिकांश लोग किसी अफवाह के चलते बाहर निकल आए थे। अधिकांश का कहना था कि उनके मकान मालिक उनके किराये को लेकर परेशान कर

जनता कर्फ्यू : यह कोरोना से बचाव ही नहीं, आपदा में देश की एकजुटता का प्रमाण भी है

कोरोना वायरस के रूप में आज मानवता के समक्ष एक वैश्विक संकट आन खड़ा हुआ है। जहां दुनिया भर के देश इससे जूझ रहे हैं, वहीं भारत में इस वायरस के संक्रमितों की संख्‍या बढ़ती जा रही है। इस महामारी के खतरे से बचाव के लिए आज 22 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है। मोदी ने दो दिन पहले राष्‍ट्र के नाम दिए संदेश में पूरे देश से यह अपील

दिल्ली हिंसा को लेकर मोदी सरकार पर उंगली उठाने से पहले अपनी गिरेबान में झांके कांग्रेस!

देश ने पिछले दिनों राजधानी में हिंसा का नंगा नाच देखा और अफसोस है कि ऐसे में भी कुछ विपक्षी दल महज राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए लाशों पर सियासत किए जा रहे हैं। बुधवार, 11 मार्च को संसद का सत्र हंगामाखेज था। इसमें दिल्‍ली के दंगों का मामला उठा लेकिन विपक्षी दल कांग्रेस ने हमेशा की तरह अपनी ओछी मानसिकता का परिचय देते हुए इसे अनावश्‍यक रूप से सांप्रदायिक बनाने की कोशिश की।