कामकाज

एनबीएफसी को मजबूत करने की कवायद

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अनुमान जताया है कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की नकदी की समस्या जल्दी ही खत्म हो जायेगी, क्योंकि केंद्रीय बैंक, बैंकिंग प्रणाली में भारी मात्रा में पूंजी डाल रहा है। दास के अनुसार मामले में बैंकों के सकारात्मक रुख अपनाने से भी एनबीएफसी पर मंडरा रहा नकदी संकट का खतरा कम होने लगा है। दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक शीर्ष 50 एनबीएफसी पर बारीक नजर रख रहा है, ताकि जरूरत पड़ने उन्हें मदद उपलब्ध कराई जा सके।

नल से जल : देश के हर घर तक पानी पहुँचाने की कवायदों में जुटी मोदी सरकार

जिस देश में चुनावी वायदों को अगले चुनाव तक के लिए भुला दिया जाता हो, वहां कैबिनेट की पहली बैठक में ही चुनावी वायदे को पूरा करने का समयबद्ध कार्यक्रम तय कर दिया जाए तो इसे आश्‍चर्य ही माना जाएगा। भारतीय जनता पार्टी ने 17वीं लोकसभा के चुनाव से पहले जारी संकल्‍प पत्र में वादा किया था कि सत्‍ता में वापसी पर जल प्रबंधन के लिए नए मंत्रालय का गठन किया जाएगा।

स्वर्णिम भविष्य के स्वप्न दिखाती नई शिक्षा नीति

बच्चे देश का भविष्य ही नहीं, नींव भी होते हैं और नींव जितनी मजबूत होगी, इमारत उतनी ही बुलंद होगी। इसी सोच के आधार पर नई शिक्षा नीति की रूप रेखा तैयार की गई है। अपनी इस नई शिक्षा नीति को लेकर मोदी सरकार एक बार फिर चर्चा में है। चूंकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है, तो जाहिर है इसके विरोध में भी स्वर उठना भी स्वाभाविक था और अपेक्षा के अनुरूप स्वर उठे भी।

बैंकिंग क्षेत्र को मजबूती देने में जुटी मोदी सरकार

बैंकिंग क्षेत्र में सख्ती बरतने एवं विविध उपायों को अमल में लाने से फंसे कर्ज की वसूली में तेजी आई है। एनपीए की राशि में 1 लाख करोड़ रूपये की कमी आई है। बैंकों में विगत 4 सालों में 4 लाख करोड़ रूपये की वसूली हुई है, जिससे खस्ताहाल बैंकिंग क्षेत्र को काफी राहत मिली है।

चंद्रयान-2 : अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और उपलब्धि की ओर भारत

अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत एक और उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। 15 जुलाई को भारत चंद्रयान-2 मिशन के तहत रॉकेट लॉन्‍च करेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इस यान को 15 जुलाई रात 2 बजकर 51 मिनट पर लॉन्‍च करेगा। इसका भार 640 टन है और इसके निर्माण में 375 करोड़ रुपए की लागत आई है।

शून्य बजट प्राकृतिक कृषि से आत्मनिर्भर होंगे किसान

इस तकनीक से खेती-किसानी करने की लागत लगभग शून्य होती है। वित्त वर्ष 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में इसे छोटे किसानों के लिए आजीविका का एक आकर्षक विकल्प बताया गया है। अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह कृषि पद्धति नवोन्मेषी है, जिसके जरिये वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है।

सभी तबकों की जरूरतों का ध्यान रखने वाला बजट

देश की प्रथम पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने विगत 5 जुलाई को मोदी 2.0 कार्यकाल का पहला पूर्णकालिक बजट पेश किया जिसे नये कलेवर में लाल कपड़े में रखा गया तथा इसे बही खाता कहा गया। माननीय वित्त मंत्री ने जो बही खाता देश के समक्ष रखा उसमें समाज के सभी तबकों का किसी न किसी रूप में ध्यान रखा गया।

देश को न्यू इंडिया की दिशा में आगे ले जाने वाला बजट

यह बजट भारत को न्यू इंडिया की दिशा में आगे ले जाने वाला है। नरेंद्र मोदी जानते हैं कि किस प्रकार देश को विकसित बनाया जा सकता है। इसी संदर्भ में उन्होंने निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि यह बजट  गरीबों को सशक्त बनाने और युवाओं को बेहतर भविष्य  देने वाला है।

बजट 2019 : गांवों की तस्‍वीर बदलने की कवायद

भारतीय राजनीति की विडंबना रही कि यहां आजादी के बाद से ही खेती-किसानी के नाम पर राजनीति हुई, लेकिन गांवों की दशा में अपेक्षित सुधार नहीं आया। सरकारों ने वोट तो ग्रामीण विकास के नाम पर मांगा लेकिन विकास किया शहरों का। इसका नतीजा यह निकला कि शहर और गांव के बीच खाई बढ़ती गई।

समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाला बजट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। वे पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं, जिन्होंने बजट पेश किया है। इसके पहले वर्ष 1970 में श्रीमती इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश किया था। लेकिन तब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री भी थीं, ऐसे में पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ही मानी जाएंगी।