पॉलिटिकल कमेंटरी

पाक उच्च सदन में पहुँची कृष्णा कुमारी की हालत जोगेंद्र नाथ मण्डल जैसी न हो जाए !

पाकिस्तान में कृष्णा कुमारी नाम की हिन्दू महिला का नेशनल एसेंबली के उच्च सदन के लिए चुना जाना और सन 1947 में मोहम्मद अली जिन्ना की कैबिनेट में जोगिन्दर नाथ मंडल को शामिल किए जाने को जोड़कर देखने की आवश्यकता है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में थार से आती हैं कृष्णा कुमारी। वो सिंध की सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की सदस्य हैं। कहा जा रहा है कि कृष्णा कुमारी मुस्लिम देश में ‘पहली

मोदी सरकार ला रही क़ानून, बैंकों का पैसा लूटकर भागने वालों की आएगी शामत !

नीरव मोदी, मेहुल चौकसी विजय माल्या आदि आर्थिक अपराधियों पर नकेल कसने के लिये कैबिनेट ने “भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल 2018” को मंजूरी दी है। प्रस्तावित विधेयक में आर्थिक अपराध को अंजाम देकर विदेश भागने वालों को अदालत द्वारा उन्हें दोषी साबित किये जाने से पहले उनकी संपत्तियों को जब्त करने का प्रावधान है। हालाँकि, इसे अमलीजामा पहनाने के लिये संबंधित देश के सहयोग की जरूरत होगी। इस

पूर्वोत्‍तर में अबकी ‘वोट बैंक’ नहीं, ‘विकास’ की राजनीति का सिक्‍का चला है!

पूर्वोत्‍तर भारत में भारतीय जनता पार्टी को मिल रही कामयाबी के राजनीतिक मायने के साथ-साथ आर्थिक मायने भी हैं जो इस शोर में दब से गए हैं। आजादी के बाद अधिकांश सरकारों के लिए पूर्वोत्‍तर बेगाना ही रहा। उनके लिए गुवाहाटी ही पूर्वोत्‍तर का आदि और अंत दोनों था। जनजातियों में वर्गीय संघर्ष को बढ़ावा देकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने और बांग्‍लादेशी घुसपैठियों को सुनियोजित तरीके से बसाकर

मोदी-शाह की करिश्माई जोड़ी के आगे पूर्वोत्तर में भी ढेर हुए सभी सूरमा !

पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के चुनाव केवल सत्ता परिवर्तन तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इनका वैचारिक दृष्टि से राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्व है। जिन गिने-चुने प्रदेशों से ऊर्जा लेकर वामपंथी देश की राजधानी नई दिल्ली और केंद्रीय विश्विद्यालयों में धमक दिखाने का प्रयास करते रहे हैं, वहाँ भी अब वे निस्तेज हो गए हैं। इसके सकारात्मक वैचारिक परिणाम सामने आएँगे।

पूर्वोत्तर चुनावों में सिद्ध हो गया कि भाजपा अब पूरे भारत पर राज करने वाली पार्टी बन गयी है !

पूर्वोत्तर के तीन राज्यों की जनता ने कांग्रेस और वामपंथी दलों की झूठ और प्रपंच से भरी राजनीति को बेनकाब कर, वहाँ भगवा परचम लहरा दिया है। त्रिपुरा में 25 साल पुरानी “तथाकथित” इमानदार माणिक सरकार अब अतीत का हिस्सा बन गई है। इसी तरह नागालैंड में भी भाजपा ने अपने सहयोगी दल नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के साथ मिलकर शानदार प्रदर्शन किया है। पूर्वोत्तर के महत्वपूर्ण त्रिपुरा राज्य में लेफ्ट का

एक और कांग्रेसी ‘दामाद जी’ का घोटाला आया सामने, सवालों के घेरे में कांग्रेस !

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी इन दिनों दूसरों को शुचिता का पाठ पढ़ाने में कुछ ज्यादा ही व्यस्त हैं, लेकिन उनकी नजर शायद इतनी कमजोर हो गई है कि उनको अपने लोगों द्वारा किये गए घोटाले बिलकुल ही नज़र नहीं आते। उनको यह भी याद नहीं रहता है कि उनकी सरकार आज से तीन साल पहले घोटाले की वजह से चली गई थी। यूपीए-2 के समय ही इतने घोटाले के बीज बो दिए कि उस समय के लगाये गए पौधे अब दरख़्त

अन्य राज्यों के लिए प्रेरणादायक है अपराध के खात्मे का ‘योगी मॉडल’ !

किसी भी आबादी में समाज और सभ्यता की शुरुआत तब से मानी जा सकती है जब वहां उस समाज के सदस्यों के द्वारा किये जा रहे क्रियाकलापों का अच्छे-बुरे में वर्गीकरण होने लगता है। कुछ हरकतों को समाज वर्ज्य घोषित कर देता है एवं इन्हें समाज की अवधारणा और स्थायित्व के लिए खतरा मान लिया जाता है। ऐसा करने पर कठोर सज़ा का प्रावधान भी समाज द्वारा किया जाता है एवं इसे अपराध बोला जाता है।

योगी सरकार की सख्ती से यूपी में टूट रही अपराधियों की कमर !

एक समय अपराध और असुरक्षा के लिए कुख्यात उत्तर प्रदेश अब अपराधियों की धरपकड़ के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। यह तो किसी से छिपा नहीं है कि पिछले लगभग दशक-डेढ़ दशक के दौरान सपा-बसपा सरकारों के शासन में उत्तर प्रदेश अपराध का पर्याय बन गया था। दिनदहाड़े लूट, हत्या, वसूली, छेड़छाड़, बलात्कार, अपहरण जैसे गंभीर अपराधों को बेख़ौफ़ अंजाम दिया जाता था। वहीं पुलिस राजनीतिक

‘शासन के मोर्चे पर विफल केजरीवाल को टकराव की राजनीति का ही सहारा है’

केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को पूर्ण बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता में आए तीन साल का समय हो गया है, इस कालखंड में अगर उनकी सरकार पर नजर डालें तो उसके खाते में काम कम, विवाद ही ज्यादा दिखाई देते हैं। राज्यपाल और केंद्र से टकराव हो या विधायकों का लाभ के पद मामले में अयोग्य सिद्ध होना हो अथवा विपक्षी नेताओं पर उल-जुलूल आरोप लगाकर केजरीवाल का मानहानि के मुकदमों में फँसना हो, ऐसे

यूपी के अच्छे दिन लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी इन्वेस्टर समिट !

कई बार बिना किसी विशेष योजना के भावपूर्ण और सार्थक चित्र उभरते हैं। लखनऊ की इन्वेस्टर्स समिट में यह दृश्य दिखाई दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्वेस्टर्स समिट की डाक्यूमेंट्री को जारी किया, जिसकी शुरुआत कई छोटे कुम्भों के द्वारा एक बड़े कुंभ के भरने के प्रभावी दृश्य से होती है। इसके कई अर्थ हैं। इन्वेस्टर्स समिट के लिए यह प्रतीक बेहरतीन था। नरेंद्र मोदी ने कहा भी कि योगी सरकार ने माहौल बदला है।