चीनी मोबाइल कंपनी हुआवे को भारत में मंजूरी मिलने का मतलब

5जी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये गुणवततापूर्ण स्मार्ट फोन का होना जरूरी है। चीनी मोबाइल कंपनी हुआवे कई फीचरों से लैस है, जिससे आम आदमी का जीवन आसान हो जायेगा। इसके अलावा, मोबाइल उद्योग का भारत की जीडीपी में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। यह रोजगार सृजन का भी बहुत बड़ा जरिया है। लिहाजा, सिर्फ विरोध करने भर के लिये चीनी मोबाइल कंपनी हुआवे को भारत में 5 जी सेवा देने से मना करना समीचीन कदम नहीं होता। अतः इसे मंजूरी देना सही कदम है।

भारत में चीन की मोबाइल कंपनी हुआवे को 5 जी परीक्षण करने की सैद्धांतिक मंजूरी कुछ अन्य विदेशी मोबाइल कंपनियों के साथ अंतत: दे दी गई। गौरतलब है कि अमेरिका ने हुआवे पर सुरक्षा कारणों का हवाला देकर लंबे समय से प्रतिबंध लगा रखा है। इतना ही नहीं, वह दूसरे देशों पर भी हुआवे पर प्रतिबंध लगाने के लिए दबाव बना रहा है। हुआवे वर्तमान में दुनिया की शीर्ष मोबाइल कंपनियों में से एक है। 

हुआवे ने किया भारत में 5 जी का परीक्षण  

आजकल वैश्विक स्तर पर तकनीकी कार्यक्रम आयोजित किये जाने लगे हैं। ऐसे कार्यक्रमों में बार्सिलोना मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस, लास वेगास कंज्यूमर इलेक्ट्रोनिक शो, बर्लिन आईएफए आदि का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है। भारत में भी इसी तर्ज पर वर्ष 2017 से इंडिया मोबाइल कांग्रेस का आयोजन किया जा रहा है। वर्ष 2019 की इंडिया मोबाइल कांग्रेस में हुआवे के अलावा, नोकिया, एरिक्सन आदि मोबाइल कंपनियों ने 5 जी तकनीक का परीक्षण किया। 

क्या है 5 जी तकनीक

अमेरिका, स्विट्जरलैंड, फिनलैंड ब्रिटेन आदि देशों में 5 जी सेवा शुरु हो चुकी है। कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, हांगकांग, स्पेन, स्वीडन, कतर और यूएई ने 5 जी सेवा जल्द ही शुरू करने वाले हैं। 5 जी से स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं को अनेक सुविधाएं मिलेंगी। इसकी मदद से बिना ऑप्टिकल फाइबर वायर के लोग उच्चतम स्पीड का उपभोग कर सकेंगे, जिससे समय की बचत होगी।

एचडी (हाईडेफिनेशन) क्वालिटी की फिल्म डाउनलोड करने में चंद सेकेंड लगेंगे। 5 जी इंटरनेट कनेक्शन में कनेक्टिविटी टूटने की संभावना कम होगी। इस तकनीक के उपयोग में आने के बाद दैनिक जरूरतों से जुड़ी चीजें हाइटेक हो जायेंगी। जानकारों के अनुसार 5 जी की इंटरनेट स्पीड 4 जी से 10 से 20 गुना ज्यादा होगी। 

हुआवे का 5 जी एप्लीकेशन

हुआवे का एप्लीकेशन सिर्फ दूरसंचार क्षेत्र से संबंधित नहीं है. इसका दायरा काफी व्यापक है। यह अनेक क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है, जैसे, 5 जी प्लस सेफ सिटी, 5 जी प्लस स्मार्ट सिटी, 5 जी प्लस वर्चुअल रिएलिटी,  5 जी प्लस एयरपोर्ट, 5 जी प्लस एजुकेशन आदि। 5 जी प्लस स्मार्ट सिटी अधतन वर्जन है, जिसे इंटेलीजेंट ऑपरेशन सेंसर से लैस किया गया है। हुआवे ने इसमें इंफोर्मेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी फीचर डाला है, जो स्मार्ट सिटी को बेहतर बनाने में मदद करेगा। हुआवे 200 से अधिक शहरों और 40 से अधिक देशों में यह एप्लीकेशन मुहैया करा रहा है। 

हुआवे का दूसरा एप्लीकेशन 5 जी प्लस एआई सेफ सिटी है। यह इंटेलीजेंस सिटी सर्विलांस सॉल्यूशन आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस तकनीक से लैस है, जिसके जरिये गुम हुई चीजों को ढूंढा जा सकेगा। हुआवे का तीसरा एप्लीकेशन 5 जी प्लस स्मार्ट सिटी स्मार्ट पोल है, जिसके माध्यम से स्मार्ट लाइटिंग, वायरलैस नेटवर्क, वीडियो सर्विलांस और इमरजेंसी कॉल आदि की सुविधाएं दी जायेंगी। हुआवे का चौथा एप्लीकेशन  5 जी प्लस स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन  एयरपोर्ट है, जिसकी मदद से यात्रियों को हवाई जहाज, यात्रा एवं सुरक्षा से संबंधित जानकारी  उपलब्ध कराई जायेगी।  

जीडीपी में मोबाइल उद्योग का योगदान 

औद्योगिक नीति व संवर्धन विभाग और दूरसंचार विभाग द्वारा जारी संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की जीडीपी में मोबाइल उद्योग का योगदान वर्ष 2020 तक बढ़कर 8.2 प्रतिशत हो जायेगा, जो वर्तमान में 6.5 प्रतिशत है। मौजूदा समय में भारत में मोबाइल उद्योग का देश की जीडीपी में 6.5 प्रतिशत, राशि में लगभग 140 बिलियन यूएस डॉलर का योगदान है। साथ ही, यह 4 मिलियन से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध करा रहा  है।   

निष्कर्ष

शोध कंपनी गार्टनर के मुताबिक, वर्ष 2020 तक दुनिया भर में 5 जी वायरलेस नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर से मिलने वाला राजस्व 4.2 अरब डॉलर पहुंच जायेगा और वर्ष 2025 तक 75 अरब इंटरनेट ऑफ थिंग्स डिवाइस आने की उम्मीद है, जिससे इंटरनेट की मदद से बहुत सारे काम आसानी से होने लगेंगे। ऐसे में चीन की सिर्फ एक मोबाइल कंपनी हुआवे को सुरक्षा कारणों से भारत में 5 जी की सेवा देने से मना करना सही कदम नहीं होता। भारत की कुछ कंपनियाँ जरूर मोबाइल फोन का निर्माण कर रही हैं, लेकिन चीनी मोबाइल कंपनियों के वर्चस्व से अभी इनकार नहीं किया जा सकता। 

सच कहा जाये तो अमेरिका द्वारा हुआवे पर प्रतिबंध लगाने का सबसे महत्वपूर्ण कारण चीन और अमेरिका के बीच चल रहा कारोबारी जंग है। 5जी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये गुणवततापूर्ण स्मार्ट फोन का होना जरूरी है। चीनी मोबाइल कंपनी हुआवे कई फीचरों से लैस है, जिससे आम आदमी का जीवन आसान हो जायेगा। इसके अलावा, मोबाइल उद्योग का भारत की जीडीपी में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। यह रोजगार सृजन का भी बहुत बड़ा जरिया है। लिहाजा, सिर्फ विरोध करने भर के लिये चीनी मोबाइल कंपनी हुआवे को भारत में 5 जी सेवा देने से मना करना समीचीन कदम नहीं होता। अतः इसे मंजूरी देना सही कदम है। 

(लेखक भारतीय स्टेट बैंक के कॉरपोरेट केंद्र मुंबई के आर्थिक अनुसंधान विभाग में कार्यरत हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)