भारतीय सेना

प्रधानमंत्री मोदी के लद्दाख दौरे से साबित हो गया कि ये 1962 का भारत नहीं, 2020 का ‘नया भारत’ है

1962 के विपरीत प्रधानमंत्री मोदी न सिर्फ सेना को अत्‍याधुनिक हथियारों से लैस कर रहे हैं बल्‍कि सेना को स्‍थिति से निपटने के लिए पूरी छूट भी दे रखी है।

भारत-चीन प्रकरण: विदेश नीति के मामले में तो अपनी अपरिपक्व बयानबाजी से बाज आएं राहुल गांधी

घरेलू राजनीति में अपरिक्‍वता का परिचय देने वाले राहुल गांधी जिस तरह विदेशी मामलों में राजनीतिक लाभ के लिए गलतबयानी कर रहे हैं, वह देश के लिए घातक है।

पीओके में भारतीय सेना की कार्यवाही का यही संदेश है कि अब आतंकियों की खैर नहीं!

आज का दिन भारतीय सेना सहित देश भर के राष्‍ट्रप्रेमियों के लिए बहुत गर्व भरी सूचना लेकर सामने आया है। भारतीय सेना के जाबांज सैनिकों ने पाकिस्‍तान के आतंकवादी शिविरों पर जबर्दस्‍त हमला किया है। इसमें कई आतंकी मारे जाने की सूचना है। असल में जिस स्‍थान पर यह सैन्‍य कार्रवाई की गई, वहां आतंकी शिविर संचालित होते हैं। सेना के ऑपरेशन में इन शिविरों को

‘एक के बदले दस सिर’ लाने वाली बात पर मोदी एकदम खरे साबित हुए हैं !

गत वर्ष उड़ी हमले के बाद भारतीय जवानों ने जब सर्जिकल स्ट्राइक करके उसका बदला लिया था, तो देश में एक गजब के उत्साह और ऊर्जा का संचार हो उठा था। इसका कारण यह था कि तबसे पहले इस तरह की सैन्य कार्रवाई देश ने लम्बे समय से नहीं देखी थी। संप्रग सरकार के दस साल के कार्यकाल में देशवासियों ने सिर्फ पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम के उल्लंघन से लेकर पाक-प्रेरित आतंकियों द्वारा हमलों के पश्चात् सत्तापक्ष

हाइफा युद्ध : भारतीय योद्धाओं के बलिदान ने लिखी इजरायल की आजादी की इबारत

पराजय का इतिहास लिखने वाले इतिहासकारों ने बड़ी सफाई से भारतीय योद्धाओं की अकल्पनीय विजयों को इतिहास के पन्नों पर दर्ज नहीं होने दिया। शारीरिक तौर पर मरने के बाद जी उठने वाले देश इजरायल की आजादी के संघर्ष को जब हम देखेंगे, तब हम पाएंगे कि यहूदियों को ‘ईश्वर के प्यारे राष्ट्र’ का पहला हिस्सा भारतीय योद्धाओं ने जीतकर दिया था। वर्ष 1918 में हाइफा के युद्ध में भारत के अनेक योद्धाओं ने अपने

भारतीय सेना पर लांछन लगा पाकिस्तान की लाइन को आगे बढ़ाते रहे हैं वामपंथी !

भारतीय सेना सदैव से कम्युनिस्टों के निशाने पर रही है। सेना का अपमान करना और उसकी छवि खराब करना, इनका एक प्रमुख एजेंडा है। यह पहली बार नहीं है, जब एक कम्युनिस्ट लेखक ने भारतीय सेना के विरुद्ध लेख लिखा हो। पश्चिम बंगाल के कम्युनिस्ट लेखक पार्थ चटर्जी ने सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की तुलना हत्यारे अंग्रेज जनरल डायर से करके सिर्फ सेना का ही अपमान नहीं किया है, बल्कि अपनी संकीर्ण

सेना के साथ-साथ सरकार को भी जाता है सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय

सीज फायर का उल्‍लंघन तो मानो पाकिस्‍तान का दैनंदिनी कार्य हो गया है। जब संयुक्‍त राष्‍ट्र में झूठे आंसू बहाकर और सरहद पर भारतीय सेना के जवानों को हमेशा की तरह पीठ पीछे आकर कायराना तरीके से मारकर भी पाक की नापाकियत कम नहीं पड़ती तो वह जब तक संघर्ष विराम का उल्‍लंघन करके अपनी मौजूदगी जताने की कोशिश करता है। जब यह सब होता रहा तब समय-समय पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,

भारत ने किया पीडीवी इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण, बढ़ी भारतीय सेना की ताकत

मोदी सरकार द्वारा केंद्र की सत्ता में आने के पश्चात् भारत की सैन्य-शक्तियों को बढ़ाने की दिशा में गंभीरतापूर्वक कदम उठाए गए हैं, जिनके फलस्वरूप आज भारत हवा, पानी और ज़मीन तीनों मोर्चों पर पर अपनी तरफ आँख उठाने वाले को माकूल जवाब देने के लिए तैयार नज़र आने लगा है। इसी क्रम में भारत ने रक्षा के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाते हुए एडवांस्ड एयर डिफेंस इंटरसेप्टर मिसाइल के अंतर्गत पीडीवी का

भारतीय सेना पर अपनी घटिया सियासत से बाज आयें, ममता बनर्जी!

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दिनों केंद्र की मोदी सरकार से जानें क्यों बुरी तरह से खार खायी दिख रही हैं। मोदी सरकार की नोटबंदी के बाद से ही ममता बनर्जी केंद्र सरकार के प्रति अत्यंत आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। वे केंद्र पर निशाना साधने के लिए तरह-तरह के दाँव-पेंच आजमाने में लगी हैं। पहले उन्होंने दिल्ली के स्वघोषित ईमानदार और महाविवादित मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के साथ