भारत

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के प्रभुत्व का होगा अगला दशक

21वीं सदी के तीसरे दशक में समाहित, वर्ष 2022 में भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण करेगा। आज देश के अंदर ही नहीं बल्कि देश के बाहर भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार कई वर्गों, अर्थशास्त्रियों, अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में यह धारणा प्रबल होती जा रही है कि न केवल अगला दशक बल्कि अगली सदी भी भारत के प्रभुत्व वाली होने की प्रबल सम्भावना बनती जा रही है। इसकी

राष्ट्रीय हितों की दिशा में उचित कदम है भारत का आरसेप में शामिल न होना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकाक में 4 नवम्बर, 2019 को आसियान देशों के प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते आरसीईपी यानी रीजनल कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप में भारत के शामिल नहीं होने का फैसला किया। आरसीईपी सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधी जी के सिद्धांत और अपनी अंतरात्मा की वजह से उन्होंने यह निर्णय लिया है।

फिर एकबार कारोबारी सुगमता रैंकिंग में भारत की ऊंची छलांग!

विश्व बैंक हर साल “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस” या कारोबारी सुगमता के संबंध में वैश्विक रैकिंग जारी करता है। “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस 2020”की रैकिंग में भारत 190 देशों की सूची में 14 स्थानों की छलांग लगाते हुए 77वें स्थान से 63वें स्थान पर पहुँच गया है। इतना ही नहीं भारत को देश में कारोबार का माहौल बेहतर करने के लिये सर्वश्रेष्ठ देश के रूप में चुना गया है।

ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ की हुंकार

विदेश नीति में नेतृत्व का बहुत महत्व होता है। नेतृत्व के आधार पर विदेश नीति का प्रभाव निर्धारित होता है। देश वही रहता है, लेकिन नेतृत्व बदलते ही अंतरराष्ट्रीय जगत में उंसकी भूमिका में बदलाव आ जाता है। मनमोहन सिंह के समय भारतीय विदेश नीति का प्रभाव अलग था। उनका नेतृत्व हाईकमान की कृपा पर आधारित था। उनसे अमेरिकी राष्ट्रपति के हाथ पर हाथ मारने या

‘सुषमा स्वराज का निधन भारतीय राजनीति की वो क्षति है, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती’

सुषमा स्‍वराज अब हमारे बीच नहीं हैं। उनके जाने से राजनीति ही नहीं, बल्कि देश व दुनिया के समाज को भी क्षति पहुंची है। उनके जैसी महिलाएं राजनीति के क्षेत्र से आती हैं, तो समूचा समाज उनसे प्रभावित होता है, उनका लोहा मानता है। भाजपा की कद्दावर नेता और पूर्व विदेश मंत्री होने के अलावा भी वे बहुआयामी व्‍यक्तित्‍व की धनी थीं।

चंद्रयान-2 : अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और उपलब्धि की ओर भारत

अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत एक और उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। 15 जुलाई को भारत चंद्रयान-2 मिशन के तहत रॉकेट लॉन्‍च करेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इस यान को 15 जुलाई रात 2 बजकर 51 मिनट पर लॉन्‍च करेगा। इसका भार 640 टन है और इसके निर्माण में 375 करोड़ रुपए की लागत आई है।

कारोबार करना सुगम होने से चीन को छोड़ भारत आ सकती हैं 200 अमेरिकी कम्पनियाँ

अमेरिका और चीन के बीच चल रही कारोबारी लड़ाई का फ़ायदा भारत को मिलने की संभावना बन रही है। यह खबर है कि दोनों देशों के बीच चल रहे कारोबारी जंग की वजह से 200 अमेरिकी कंपनियाँ भारत में अपना कारोबार शुरू कर सकती हैं। ऐसा होने से भारत में निवेश बढ़ेगा, रोजगार में वृद्धि होगी, घरेलू मुद्रा में मजबूती आयेगी, उत्पादों की मांगों में इजाफा होगा और मुद्रास्फीति में कमी आने से

ओआईसी सम्मेलन: भारतीय विदेश नीति में जुड़ा नया अध्याय

ओआईसी द्वारा भारत को अपने सम्मेलन में विशेष अतिथि के रूप में बुलाना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए मेजबान और अन्य सदस्य देशों ने पाकिस्तान की गुहार को भी नजरअंदाज कर दिया। वह भारत को रोकने के लिए चिल्लाता रहा, लेकिन उसकी एक न सुनी गई। जबकि पाकिस्तान इसके संस्थापक सदस्यों में शामिल रहा है।

सरकार की बड़ी कूटनीतिक सफलता है वीर अभिनंदन की सकुशल वापसी

पराक्रम, शौर्य और अदम्य साहस भारतीय सेना के पर्यायवाची शब्द हैं। जब हम कहते हैं कि हमारी सेना सभी तरह की स्थितियों का सामना करने को तैयार है, तो इसका उदारहण हम मिग-21 के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन के साहस से समझ सकते हैं।

‘पाकिस्तान की आधी हार हो चुकी है, अब उसपर सम्पूर्ण विजय का समय है’

यह सेना की बहुत बड़ी सफलता है कि उसने पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड अब्दुल रशीद गाज़ी को आखिरकार मार गिराया हालांकि इस ऑपरेशन में एक मेजर समेत हमारे चार जांबांज सिपाही वीरगति को प्राप्त हुए। देश इस समय बेहद कठिन दौर से गुज़र रहा है क्योंकि हमारे सैनिकों की शहादत का सिलसिला लगातार जारी है।