प्रहलाद सबनानी

दवा उद्योग के क्षेत्र में विकसित देश भी अब भारत पर निर्भर

विश्व के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी एवं भारतीय जनता का अभी हाल ही में आभार प्रकट किया है क्योंकि भारत ने अमेरिका को कोरोना वायरस को नियन्त्रित करने हेतु हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन नामक दवा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कराई हैं। यह दवा ब्राज़ील एवं श्रीलंका के साथ ही विश्व के कई अन्य देशों को भी उपलब्ध कराये जाने पर इन देशों के राष्ट्रपतियों ने भी भारत का आभार जताया है।

येस बैंक प्रकरण से घबड़ाने की जरूरत नहीं, बहुत मज़बूत है भारतीय बैंकिंग उद्योग

भारतीय बैंकिंग उद्योग आज बहुत ही मज़बूत स्थिति में है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू पूँजी पर्याप्तता सम्बंधी बाज़ल कमेटी के नियमों को भारतीय बैंकों में लागू किया जा चुका है एवं आज भारत में कई सरकारी क्षेत्र एवं निजी क्षेत्र के बैंकों का पूँजी पर्याप्तता अनुपात बेंचमार्क से कहीं अधिक है। अतः यह पूरी उम्मीद की जानी चाहिए कि येस बैंक में आए

कोरोना वायरस के प्रतिकूल प्रभाव से बची रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था

देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पर चर्चा के दौरान कहा था कि अर्थव्यवस्था के बुरे दिन अब ख़त्म होने वाले हैं और सुधार के संकेत अब साफ़ दिखाई देने लगे हैं। उन्होंने उस समय सुधरती वैश्विक परिस्थितियों का हवाला दिया था। जनवरी 2020 में क्रय विनिर्माण सूचकांक (PMI) में जो उछाल आया है वैसा पिछले 8 सालों में देखने में नहीं आया है।

कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण में जुटी मोदी सरकार

केंद्र सरकार इस समय किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दुगना करने के उद्देश्य से मिशन मोड में कार्य कर रही है। हाल ही में संसद में प्रस्तुत किए गए केंद्रीय बजट में भारतीय कृषि के आधुनिकीकरण हेतु कई उपायों की घोषणा की गई है। केंद्रीय बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 16-सूत्रीय  कार्ययोजना पर बल दिया है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के प्रभुत्व का होगा अगला दशक

21वीं सदी के तीसरे दशक में समाहित, वर्ष 2022 में भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण करेगा। आज देश के अंदर ही नहीं बल्कि देश के बाहर भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार कई वर्गों, अर्थशास्त्रियों, अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में यह धारणा प्रबल होती जा रही है कि न केवल अगला दशक बल्कि अगली सदी भी भारत के प्रभुत्व वाली होने की प्रबल सम्भावना बनती जा रही है। इसकी

जैविक खेती के विकास पर मोदी सरकार दे रही विशेष ध्यान

केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार के सत्ता में आने के बाद से देश में जैविक खेती के विकास हेतु कई प्रयास प्रारम्भ किए गए हैं। बड़े-बड़े आदिवासी क्षेत्रों, वर्षा सिंचित क्षेत्रों एवं ऐसे क्षेत्र जहाँ उर्वरक का कम उपयोग होता है, उन्हें जैविक खेती क्षेत्रों में प्रोत्साहित/विकसित किया जा रहा है। इस प्रकार, 30 लाख हैक्टेयर नए क्षेत्र में जैविक खेती प्रारम्भ किए जाने की योजना है। अंडमान

बुनियादी ढाँचे के विकास को गति दे रही केंद्र सरकार

भारत सरकार ने देश में बुनियादी ढाँचे को विकसित करने एवं देश के आर्थिक विकास को गति देने के उद्देश्य से बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए वर्ष 2025 तक 103 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने का निर्णय लिया है। इसके लिए हाल ही में देश में पहली बार एक “राष्ट्रीय बुनियादी ढाँचा पाइप लाइन” बनाई गई है। जिसके अंतर्गत देश में पूँजी निवेश का पूरा ख़ाका तैयार किया

ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांति लाने में कामयाब मोदी सरकार

हाल ही में अन्तर्राष्ट्रीय ऊर्जा संस्थान ने एक समीक्षा प्रतिवेदन जारी किया है जिसमें बताया गया है कि भारत में  95 प्रतिशत लोगों के घरों में बिजली मुहैया कराई जा चुकी है और 98 प्रतिशत परिवारों की, खाना पकाने के लिए, स्वच्छ ईंधन तक पहुँच बन गई है। साथ ही, उक्त समीक्षा प्रतिवेदन में यह भी बताया गया है कि ऊर्जा के क्षेत्र में निजी निवेश की मात्रा भी बढ़ी है, जिससे भारत में ऊर्जा के क्षेत्र की दक्षता में सुधार हुआ है। उसकी वजह से ऊर्जा की क़ीमतों में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है एवं ऊर्जा की क़ीमतें सस्ती हुई

मिशन मोड में चल रही प्रधानमंत्री आवास योजना, तय समय से पहले पूरा होने की उम्मीद

प्रधानमंत्री आवास योजना को लागू किए जाने की रफ्तार देखकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह योजना अपने तय समय से पहले ही पूरी हो जाएगी। इसी कड़ी में केंद्र के शहरी एवं विकास मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत एक करोड़वें घर को मंजूरी का लक्ष्य दिनांक 27 दिसम्बर 2019 को हासिल कर लिया गया है।

समय की आवश्यकता है अटल भूजल योजना

भारत में कृषि से सम्बंधित पानी की कुल माँग का 65 प्रतिशत और घरों में पानी की कुल माँग का 85 प्रतिशत हिस्सा भूजल प्रदान करता है। बढ़ती जनसंख्या, बढ़ता शहरीकरण और बढ़ते औद्योगीकरण के कारण भूजल पर दबाव बहुत बढ़ता जा रहा है। आज देश के सीमित जल संसाधन ख़तरे में आ गए हैं। देश के ज़्यादातर हिस्सों में अधिकतम एवं अनियंत्रित तरीक़े से भूजल का दोहन