सतीश सिंह

बिहार के सुस्त विकास को फिर गति देगी जदयू-भाजपा सरकार

नीतीश कुमार के इस्तीफे को सिर्फ मौजूदा घटनाक्रम से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है। महागठबंधन के बैनर के तले नीतीश कुमार जरूर मुख्यमंत्री बन गये थे, लेकिन वे अपनी छवि के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे थे। उनके अतंस में अकुलाहट थी। देखा जाये तो परोक्ष रूप से लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर रहे थे।

‘मेरी यात्रा अकेले सिर्फ मेरी नहीं रही, बल्कि हमारे देश और समाज की भी यही गाथा रही है’

रामनाथ कोविंद 20 जुलाई 2017 को भारत के 14 वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। रामनाथ कोविंद ने यूपीए के प्रत्याशी मीरा कुमार को लगभग 3 लाख 34 हजार वोटों से हराया, जो प्रतिशत में 65.65 है। गत 25 जुलाई को उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की। आमतौर पर भारत में जब कोई गैर-दलित किसी बड़े पद के लिये चुना जाता है तो उसके गुणों की चर्चा की जाती है, वहीं अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति वर्ग के संदर्भ में

महागठबंधन में मची अंतर्कलह में नया कुछ नहीं, ऐसे गठबंधनों का यही हश्र होता है

नीतीश कुमार की छवि एक ईमानदार राजनेता की रही है, लेकिन सत्ता और महत्वाकांक्षा को हासिल करने की चाहत ने उन्हें महागठबंधन का हिस्सा बनने के लिये मजबूर कर दिया, जबकि राजद के मुखिया लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार का ईमानदारी से दूर-दूर तक का नाता नहीं है। बावजूद इसके लालू प्रसाद यादव अपने परिवार को किसी भी तरह से सत्ता की कुर्सी पर बिठाकर रखना चाहते हैं। उनके परिवार के

चीन की बदमाशियों को जीएसटी से मिलेगा माकूल जवाब

भारत में 1 जुलाई, 2017 से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को लागू कर दिया गया है। जीएसटी के प्रावधानों को देखते हुए माना जा रहा है कि इससे चीन के निर्यात पर लगाम लगेगा, क्योंकि जीएसटी के कुछ प्रावधानों के कारण चाइनीज उत्पादों का अंतर्राजीय वितरण आसानी से नहीं किया जा सकेगा, जिससे चाइनीज उत्पाद देश के दूर-दराज इलाकों तक नहीं पहुँच सकेंगे। इनकी पहुँच केवल एक राज्य के स्थानीय बाज़ारों तक

सातवें वेतन आयोग का मुद्रास्फीति पर नहीं पड़ेगा कोई नकारात्मक प्रभाव

आज समग्र सीपीआई में ग्रामीण सीपीआई की हिस्सेदारी 53.5% है, जिसमें आवास क्षेत्र का अंश शामिल नहीं है। लिहाजा, केंद्रीय कर्मचारियों के एचआरए में बढ़ोतरी से मुद्रास्फीति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की बात कहना बेमानी है। इसका मुद्रास्फीति पर अप्रत्यक्ष प्रभाव भी न्यून पड़ेगा,

सरल भाषा में जानिये कि जीएसटी से कैसे कम होगी महंगाई और होंगे क्या-क्या फायदे !

जीएसटी लागू होने के बाद वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग लगने वाले सभी कर एक ही कर में समाहित हो जायेंगे। इसके तहत अलग-अलग टैक्स की बजाय एक टैक्स लगने की वजह से उत्पादों के दाम घटेंगे। कम टैक्स होने से मैन्युफैक्चरिंग लागत घटेगी। साथ ही, सरकार की टैक्स वसूली की लागत भी कम होगी। स्पष्ट है, इससे आम उपभोक्ताओं को फायदा होगा।

योग : शारीरिक-मानसिक कष्टों को दूर कर नव ऊर्जा का संचार करने वाली भारतीय जीवन-पद्धति

योग एक प्राचीन भारतीय जीवन-पद्धति है, जिसकी मदद से शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम किया जाता है। योग के माध्यम से न सिर्फ शारीरिक बीमारियों को दूर किया जा सकता है, बल्कि मानसिक तकलीफों का भी निदान किया जा सकता है। योग शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाकर जीवन

एससीओ की सदस्यता से भारत की कूटनीति को मिलेगी और मजबूती

बेल्ट एंड रोड फोरम का बहिष्कार करने के बाद शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भारत का शामिल होना कूटनीतिक एवं कारोबारी दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर इस संगठन का सामरिक व कारोबारी महत्व है। इस संगठन का उद्देश्य चरमपंथी ताकतों को नेस्तनाबूत करने के साथ-साथ सदस्य देशों के बीच कारोबारी रिश्ते मजबूत करना है। भारत मौजूदा समय में मुख्य तौर पर आतंकवाद और पूँजी

मोदी के रूस दौरे से पाक के रूस से नजदीकी बढ़ाने की कूटनीति को जोरदार धक्का लगा है !

देखा जाये तो आज विदेश नीति के मायने बदल गये हैं। पहले विदेश नीति के तहत सामरिक मामलों को तरजीह दी जाती थी, लेकिन अब इसके अंतर्गत आर्थिक मसलों को केंद्र में रखा जाता है। आज की तारीख में छोटे देश भी परमाणु हथियार से लैस हैं। ऐसे में कोई भी देश किसी दूसरे देश पर हमला करने की हिमाकत नहीं कर सकता है।

विकास की राजनीति के तीन साल

भाजपा नीत मोदी सरकार के तीन सालों के शासन के बाद आज देश में जो राजनीतिक माहौल नज़र आ रहा उसका स्पष्ट संकेत यही है कि अगर फिर से आम चुनाव कराया जाये तो आसानी से भाजपा दोबारा सत्ता में आ जायेगी। ऐसे में इस सवाल का उठना लाजिमी है कि आखिर कौन से कारण हैं, जिनकी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पूरे देश में कायम है।