नजरिया

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच विश्व पटल पर दिखा भारत की विदेश नीति का दम

रूस व अमेरिका दोनों के साथ संबंधों को साधना हो, इन सभी नीतियों के द्वारा भारत ने विदेश नीति के नए मानदंड स्थापित किए किए हैं।

मोदी सरकार के ऑपरेशन गंगा ने दुनिया में कायम की मिसाल

भारत अपने महत्‍वपूर्ण मिशन ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन एवं उसकी सीमा पर फंसे सैकड़ों भारतीयों को सफलतापूर्वक एयर लिफ्ट करने में लगा है।

गुरूजी का संगठन मंत्र और तंत्र आज भी प्रासंगिक

गुरूजी को यह कदापि पसन्द नहीं था कि कोई भी सेवा-कार्य जनता पर उपकार की भावना से किया जाए।  उनके अनुसार ” सेवा हिन्दू जीवन – दर्शन की प्रमुख विशेषता है।

मुलायम के पदचिन्हों पर चलते हुए अखिलेश दे रहे राजनीति में अपराधीकरण को बढ़ावा

सपा के मुखिया अखिलेश यादव जनता के बीच चाहे जो दावा कर लें, मौका मिलते ही वह पहले की तरह माफिया एवं अपराधियों की रहनुमाई, दंगाइयों और आतंकियों की पैरोकारी करने से बाज नहीं आते।

उत्तर प्रदेश में मुद्दाविहीन नजर आ रहा विपक्ष

भाजपा सरकार के पास गिनाने के लिए पर्याप्‍त उपलब्धियां हैं जबकि विपक्ष के पास ना तो गिनाने के लिए अतीत के काम हैं और ना ही भविष्‍य में किए जाने वाले वायदों के लिए कोई विश्‍वास योग्‍य आधार।

टीकाकरण का एक वर्ष : मोदी सरकार की मजबूत संकल्प शक्ति से ही पूरा हुआ असंभव जैसा लक्ष्‍य

देश में 16 जनवरी 2021 को टीकाकरण कार्यक्रम की शुरूआत हुई थी। पिछले एक वर्ष के दौरान टीके की करीब 156.76 करोड़ खुराकें दी गई हैं।

स्वामी विवेकानंद : भारत का भारत से साक्षात्कार कराने वाले युगद्रष्टा संत

आदि शंकराचार्य ने संपूर्ण भारतवर्ष को सांस्कृतिक एकता के मज़बूत सूत्र में पिरोया, वहीं स्वामी विवेकानंद ने आधुनिक भारत को उसके स्वत्व एवं गौरव का बोध कराया।

स्वामी विवेकानंद के 1893 के शिकागो भाषण की आधुनिक समय में प्रासंगिकता

जिस समय दुनिया धार्मिक, वैचारिक श्रेष्ठता के लिए लड़ रही थी और एक-दूसरे की जमीन हड़पने में व्यस्त थी, स्वामी जी ने “मानव सेवा ही भगवान की सेवा” का संदेश दिया – क्योंकि वे प्रत्येक मानव में ईश्वर को देखते थे।

जयंती विशेष : युवाओं में आत्मविश्वास जगाने वाले स्वामी विवेकानंद

अब समय आगया है कि हर भारतीय स्वामी विवेकानंद के सपनों का आत्मनिर्भर भारत बनाने में अपना योगदान दे। लेकिन यह कार्य इतना आसान नहीं है।

जयंती विशेष : ‘यदि भारत को जानना चाहते हैं, तो स्वामी विवेकानंद को पढ़िए’

स्वामी जी ने अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोपीयन देशों में  कई निजी एवं सार्वजनिक व्याख्यानों का आयोजन कर महान हिन्दू संस्कृति के सिद्धांतों का प्रचार प्रसार किया एवं उसे सार्वभौमिक पहचान दिलवाई।