नजरिया

वैश्विक स्तर पर पुनः वैभवकाल की ओर अग्रसर भारतीय अर्थव्यवस्था

वर्ष 2014 के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ ली है और वैश्विक स्तर पर प्रथम 10 अर्थव्यवस्थाओं की रैंकिंग में लगातार सुधार करती जा रही है।

गड़ौली धाम : अलग अर्थों में विस्तृत होती जा रही है काशी

अब बाबा विश्वनाथ, संकटमोचन और प्रचलित घाटों के अतिरिक्त भी काशी के पास एक ऐसा स्थान है जहाँ गौ-गंगा और गौरी-शंकर का दर्शन सुलभ होगा।

वैश्विक मंदी के माहौल में एयर इंडिया विमान सौदा भारत की बदलती आर्थिक तस्वीर की ही कहानी कहता है!

अमेरिका के साथ एयर इंडिया ने फ़्रान्स की एयरबस कम्पनी से भी 250 विमान खरीदने की घोषणा की है। इनमें से 40 बड़े आकार के ए350 और 210 छोटे आकार के विमान होंगे।

अडाणी प्रकरण : निवेशकों को भरोसा और समझदारी बनाए रखने की जरूरत

यह रिपोर्ट अडाणी इंटरप्राइजेज़ के 20000 करोड़ रुपए के एफपीओ लाने से ठीक पहले जारी किया गया, लिहाजा हिंडनबर्ग की मंशा पर भी सवाल उठ रहे हैं।

भगवान शिव को अभी तक हमने जितना जाना है, उससे कहीं अधिक जानना शेष है

शिव का एक रूप अर्धनारीश्वर भी है और वे शिव लिंग के रूप में भी उपस्थित हैं। यह विशिष्टता दुनिया के किसी अन्यान्य देव रूपों में नहीं है।

छत्रपति शिवाजी : समय एवं समाज की चेतना को झंकृत करने वाले नायक

शिवाजी महाराज केवल एक व्यक्ति नहीं थे, वे एक सोच थे, संस्कार थे, संस्कृति थे,   पथ-प्रदर्शक,  क्रांतिकारी मशाल थे, युगप्रवर्तक शिल्पकार थे।

देश की युवा शक्ति को विकास की मजबूत कड़ी बनाने में जुटी मोदी सरकार

भारत में प्रति व्यक्ति आय को वर्ष 2047 तक लगभग तिगुना करने की योजना बनाई गई है। प्रति व्यक्ति औसत आय को 445,000 रुपए प्रति वर्ष तक ले जाना है।

जी-20 : भारतीय विचार से निकल रही वैश्विक समस्याओं के समाधान की राह

जी-20 अध्यक्षता के दौरान भारत के अनुभव और ज्ञान का लाभ विश्व को, विशेषकर विकासशील देशों को मिलेगा। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि..

विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में बजा भारत का डंका!

भारत से भी कुछ मंत्री व निजी क्षेत्र की कम्पनियों के अधिकारी इस बैठक में शामिल हुए। भारत में लागू आर्थिक नीतियों की विश्व आर्थिक मंच पर बहुत तारीफ की गई। 

रामचरितमानस प्रकरण : ‘निंदा या आलोचना केवल हिंदू ग्रंथों की हो सकती है, ऐसी उदारता अन्यत्र दुर्लभ है’

वस्तुतः रामचरितमानस के प्रत्येक प्रसंग आध्यात्मिक ऊर्जा के स्रोत हैं। भक्ति के धरातल पर पहुंच कर ही इसका अनुभव किया जा सकता है।