पॉलिटिकल कमेंटरी

कभी वंशवाद को समस्या कहने वाले राहुल गांधी अब उसे देश की पहचान बता रहे !

कथा सम्राट प्रेमचंद ने कहा था कि सिर्फ मूर्ख और मृतक अपने विचार नहीं बदलते हैं। भारतीय राजनीति में वंशवाद को लेकर हाल ही में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेमचंद के इस कथन का साबित भी किया। अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक बातचीच में राहुल गांधी ने कहा कि भारत वंशवाद से ही चल रहा है। इसके लिए उन्होंने मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव से लेकर तमिलनाडु के नेता करुणानिधि के बेटे स्टालिन

योगी सरकार ने जारी किया रिपोर्ट कार्ड, सुधार और विकास की राह पर बढ़ रहा प्रदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रिपोर्ट कार्ड जारी करने की परंपरा को आगे बढाया। अपनी सरकार के सौ दिन पूरे होने पर उन्होने रिपोर्ट कार्ड जारी किया था। वह बिल्कुल शुरुआती दौर था। फिर भी योगी आदित्यनाथ ने अपनी जबाबदेही का स्वयं निर्धारण किया। रिपोर्ट कार्ड के रूप में उसे सार्वजनिक किया। अब सरकार ने छह महीने पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर भी मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट कार्ड जारी किया है। यह तय

रोहिंग्या पर उचित और सराहनीय है केंद्र सरकार का रुख

भारत कभी भी शरणार्थी बनने में पीछे नहीं हटा है; यहूदी, पारसी जैसे कई धर्म यहाँ बसते हैं। लेकिन, राष्ट्रीय सुरक्षा को संकट में डालकर किसीको शरण देना किसी लिहाज से उचित नहीं है। रोहिंग्याओं के प्रति भारत सरकार ने शरण न देने का जो स्पष्ट और सख्त रुख अख्तियार किया है, वो न केवल उचित बल्कि प्रशंसनीय भी है।

देश के लिए हर तरह से घातक हैं रोहिंग्या, नहीं दी जा सकती शरण !

रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में शरण देने की मांग हो रही है। ये कथित मानवतावादी जान लें कि राष्ट्रीय सुरक्षा नाम की चीज भी होती है। देश पहले ही कश्मीर, नक्सली, गरीबी, बेरोजगारी आदि समस्याओं से जूझ रहा है। ऐसे में, देश अपने सीमित संसाधनों को रोहिंग्या पर लुटाने के लिए तैयार नहीं है। खुद पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जरदारी ने रोहिंग्याओ को पाकिस्तान में शरण देने का विरोध किया है। बांग्लादेश रोहिंग्याओ को

भारतीय राजनीति के करिश्माई व्यक्तित्व हैं अमित शाह

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का दो दिवसीय उत्तराखण्ड दौरा न केवल अनूठा है, अपितु संपूर्ण राजनीतिक प्रतिष्ठान के लिए एक लंबी लकीर खींचने वाला भी साबित होगा। अमित शाह अपने दो दिनी प्रवास में पार्टी की सबसे छोटी इकाई ‘मडंल’ के पदाधिकारियों से लेकर प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों-विधायकों के साथ ताबडतोड़ बैठकें करेंगे। साथ ही, बुद्धिजीवियों से भी संवाद स्थापित करेंगे।

अपने नेताओं की भाषाई अभद्रता पर कांग्रेस आलाकमान के मौन का मतलब क्या है ?

इस हफ्ते कॉलम की शुरुआत एक सच्ची कहानी से करता हूँ। स्वामी विवेकानंद एक बार सत्संग में भगवान के नाम का महात्म्य बता रहे थे, तभी एक व्यक्ति ने कहा “शब्दों में क्या रखा है, आप बार बार उन्हें रटने को क्यों कहते हैं? इसका भला क्या फायदा?’’ स्वामी जी ने उस व्यक्ति की बात सुनी और अचानक ही उसे मूर्ख, गधा जैसे अपशब्द कहने लगे. सामने वाला व्यक्ति आगबबूला हो गया और

बर्कले संबोधन : बड़बोलेपन में खुद ही खुद की पोल-पट्टी खोलते गए राहुल गांधी !

कांग्रेस के उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी पिछले सप्‍ताह अपने अमेरिका दौरे को लेकर चर्चाओं में रहे। वहां यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया, बर्कले में उन्‍होंने अपना भाषण दिया जिसमें मोदी सरकार की योजनाओं की आलोचना की और खुद को पाक साफ बताया। उन्‍होंने केंद्र की भाजपा नीत सरकार के तीन साल के कार्यकाल के दौरान हासिल सभी उपलब्धियों को लगभग नकारने के अंदाज में आड़े हाथों लिया। उन्‍होंने जो भी कहा वह

राजनीति में परिवारवाद को सही साबित करने के लिए बचकानी दलीलें दे रहे, राहुल गांधी !

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया, बर्कले में छात्रों से चर्चा के दौरान कई ऐसी बातें कहीं जो कांग्रेस के भूत और भविष्य की रूपरेखा का संकेत दे रही हैं। इस व्याख्यान में राहुल गाँधी ने नोटबंदी, वंशवाद की राजनीति सहित खुद की भूमिका को लेकर पूछे गये सवालों के स्पष्ट जवाब दिए। मसलन 2014 के आम चुनाव से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि कांग्रेस 2012

भारत-जापान के बीच बढ़ रही नजदीकी से परेशान चीन

भारत और जापान के सम्बन्ध शुरू से अच्छे रहे हैं। जापान में बौद्ध धर्म का व्यापक प्रभाव होने के कारण दोनों देशों के बीच संबंधों में और भी प्रगाढ़ता आई है। भारत की आजादी के लिये किये जा रहे संघर्ष में भी जापान की शाही सेना ने सुभाष चंद्र बोस की मदद की थी। आजादी मिलने के बाद से दोनों देशों के बीच सौहाद्र्पूर्ण संबंध रहे हैं, जबकि भारत और जापान दोनों देशों के चीन के साथ कमोबेश तल्खी वाले रिश्ते रहे हैं। इस

मोदी विरोध के चक्कर में विदेशी धरती पर देश की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचा बैठे, राहुल गांधी !

राहुल गांधी अपनी गोपनीय विदेश यात्रओं के लिए चर्चित रहे हैं। शुरू में कांग्रेस के प्रवक्ता कहते थे कि वह चिंतन-मनन के लिए विदेश गए हैं। लेकिन, लौटने के बाद चिंतन मनन का कोई प्रभाव नही दिखता था। राहुल पुराने अंदाज में ही रहते थे। इसके बाद प्रवक्ताओं ने इस दलील से तौबा कर ली। फिर उनके विदेश जाने पर बताया जाने लगा कि वह अपनी नानी से मिलने गए हैं। लेकिन, इसबार किसी को कुछ कहना नहीं