पॉलिटिकल कमेंटरी

‘भारत के मजदूरों और किसानों के खून-पसीने से बना है ताजमहल’

जो पांच बार के सांसद रहे हैं; हिंदुत्व और राष्ट्रवाद पर खुल कर बोलते रहे हैं; विरोधी उनके जिस तेवर पर निशाना साधते हैं, समर्थक उनके उसी तेवर के दीवाने हैं; वे गुरूवार को जब बतौर मुख्यमंत्री ताजमहल देखने पहुंचे तब देश और दुनिया भर की मीडिया की नजर उनके हर एक अंदाज पर थीं। इसलिए, क्योंकि मुख्यमंत्री बनने के बाद वे पहली बार ताजमहल देखने गए, इसलिए भी क्योंकि मुख्यमंत्री बनने से पहले भी वे कभी

हिमाचल प्रदेश चुनाव : मीडिया को कोई बताए कि सिर्फ गुजरात में नहीं, हिमाचल में भी चुनाव है !

इस समय देश के दो महत्वपूर्ण राज्यों हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन चुनावी चर्चा से हिमाचल लगभग पूरी तरह से गायब है। हिमाचल की धरती पर आप कदम रखेंगे तो वहां वर्तमान कांग्रेस सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा है और सरकार के प्रति जनता में बेहद गुस्सा है, लेकिन इसकी झलक आपको न तो समाचार चैनलों पर देखने को मिलेगी और न ही अंग्रेजी के बड़े अख़बारों में।

गुजरात चुनाव : विकास के मुद्दे पर मात खाने के बाद जातिवादी राजनीति पर उतरी कांग्रेस

गुजरात में भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए कांग्रेस अपने तरकश के सभी तीर आजमाती रही है। लेकिन,  पिछले तीन विधानसभा चुनाव में उसे कामयाबी नही मिली। इस बार स्थिति बदली थी।  नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन गए। कांग्रेस को लगा कि इस बार मुकाबला पहले की अपेक्षा आसान होगा। राहुल गांधी ने मोर्चा खोल दिया।

‘मेरे लिए सवा सौ करोड़ देशवासियों की सेवा ही बाबा की सेवा है’

राजनेताओं के धर्मिक स्थलों पर जाने, वहां पूजा-अर्चना करने की परंपरा पुरानी है। इसे उनकी व्यक्तिगत रुचि कहा जा सकता है। लेकिन नरेंद्र मोदी आध्यात्मिक भावना के साथ पर्यटन का विचार भी साथ लेकर चलते हैं। ऐसी कई यात्राओं में वह इसका प्रमाण दे चुके हैं। गोवर्धन पूजा के दिन वह केदारनाथ धाम पहुंचे और पूजा-अर्चना की। लेकिन, यह उनका एकमात्र उद्देश्य नहीं था। वह जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस समय से

अयोध्या में पुनः साकार हुई त्रेता युग की दीपावली !

बुधवार 18 अक्‍टूबर का दिन अयोध्‍या नगरी के लिए अभूतपूर्व एवं ऐतिहासिक था। पूरे नगरवासियों ने कुछ ऐसा देखा जिसकी अभी तक कल्‍पना भी नहीं रही होगी। दीपोत्‍सव का पर्व यादगार बन गया। मानो साक्षात त्रेता युग इस युग में उतर आया हो। उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की पहल पर अयोध्‍या में दीपावली पर्व भव्‍य पैमाने पर मनायी गयी। इस आयोजन की सूत्रधार भले ही सरकार थी, लेकिन यह जन

स्क्रिप्ट राइटर नेता नहीं बनाते, नेता ‘परफॉर्म’ करके बना जाता है राहुल गांधी जी !

इन दिनों खबर मिल रही है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने स्क्रिप्ट राइटर बदल लिए हैं। अब वो लोग उनके लिए लिखने लगे हैं जो फिल्मों के लिए डायलॉग्स लिखते हैं और पहली कतार में बैठे लोगों की तालियाँ बटोरते हैं। राहुल गांधी सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए आजकल सस्ते फ़िल्मी हथकंडे का सहारा ले रहे हैं। चुटकुले, कहानियाँ और पहेलियाँ सुनाना उनका शगल हो गया है, जनता उन्हीं को सुनकर मनोरंजन

योगी की गुजरात यात्रा राजनीतिक होने के साथ-साथ यूपी के विकास पर भी केन्द्रित थी !

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गुजरात यात्रा मुख्य रूप से राजनीतिक थी, लेकिन यहां भी वह उत्तर प्रदेश के विकास को नही भूले। अवस्थापना और औद्योगिक विकास के अधिकारी गुजरात यात्रा में उनके साथ थे। मुख्यमंत्री गुजरात के निवेशकों से मिले और उन्हें उत्तर प्रदेश में निवेश का आमंत्रण दिया। इस प्रकार यह यात्रा आर्थिक विकास की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो गई। कार्य करने का यही अंदाज प्रधानमंत्री

जनरक्षा यात्रा : केरल में भी वामपंथियों के लिए बजने लगी खतरे की घंटी !

लोकतंत्र में वैचारिक मतभेद एवं बहस-मुबाहिसों को पर्याप्त स्वीकार्यता प्रदान की गयी है। स्वतंत्रता के पश्चात भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में अनेक ऐसे दलों का निर्माण हुआ जो किसी न किसी वैचारिक विरोध के फलस्वरूप अस्तित्व में आए। लेकिन वैचारिक भिन्नता की वजह से हिंसा का सहारा लेना किसी भी दृष्टि से न तो लोकतंत्र के अनुकूल है और न ही इसे उचित ठहराया जा सकता है। स्वस्थ बहस और वाद

ये जनता की चिंताओं और समस्याओं के प्रति अत्यंत संवेदनशील सरकार है !

नरेंद्र मोदी के रूप में देश ने ऐसा प्रधानमंत्री चुना है, जो जनता की नब्ज़ को पहचानता है तथा जिसे आरोपों का पलटवार प्रमाणपूर्वक करना आता है। कई दिनों से, विशेषकर विपक्षी नेताओं द्वारा, गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी ‘जीएसटी’ की आलोचना हो रही थी। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में आई थोड़ी गिरावट के बहाने देश की अर्थव्यवस्था के चरमराने की बात कही जा रही थी। सरकार की नीतियों को गलत बताया जा

गुजरात में किसानों का मुद्दा उठाने से पहले वहाँ की ‘कृषि क्रांति’ के बारे में तो जान लें, राहुल गांधी !

गुजरात में कांग्रेस की खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी गुजरात का ताबड़तोड़ दौरा कर रहे हैं। चूंकि मोदी को सांप्रदायिक ठहराने की 2014 की कांग्रेसी मुहिम उल्‍टा असर दिखा चुकी है, इसलिए कांग्रेस इस बार विकास को मुद्दा बना रही है। राहुल गांधी कभी नोटबंदी तो कभी जीएसटी के बहाने बेरोजगारी का मुद्दा उठा रहे हैं।