वर्ल्ड व्यू

कृषि और जल प्रबंधन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण रहेगा नीदरलैंड का सहयोग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी विदेश नीति में यूरोप को भी प्राथमिकता दी थी। इसके चलते यूरोपीय देशों के साथ भारत के रिश्तों में बहुत सुधार आया। पिछले कुछ वर्षों में व्यापारिक और आर्थिक क्षेत्र सहयोग बढ़ा है। रणनीतिक क्षेत्र में भी यही स्थिति है।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ब्रिटेन और फ्रांस ने भारत का समर्थन किया। फ्रांस से राफेल विमान भी समय से भारत को मिला है। इसी प्रकार नीदरलैंड से भी नरेंद्र मोदी के पिछले कार्यकाल में ही रिश्ते मजबूत हुए थे। तब भारत और नीदरलैंड के बीच

जाधव प्रकरण : आईसीजे में भारत की बड़ी जीत, फिर एकबार बेनकाब हुआ पाकिस्तान

पाकिस्तान की जेल में कैद में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के फैसले से जाधव के परिवार को बहुत बड़ा सुकून मिलेगा। आज भारत में जश्न सा माहौल है, भारत के लोग, चाहे वह किसी भी विचारधारा के हों, किसी भी भी धर्म के हों, जाधव की वापसी की राह देख रहे हैं।

बद से बदतर होती पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था, खाने-पीने की चीजों में कटौती को मजबूर लोग

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय बेहद बुरे दौर में गुजर रही है। पुलवामा हमले के बाद   भारत द्वारा उससे मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीने जाने के बाद से उसकी हालत और खराब हुई है। अब बढ़ती महँगाई पर काबू पाने के लिये पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) से 6 अरब डॉलर कर्ज माँगा है। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के प्रमुख अब्दुल हफीज़ शेख के अनुसार यह कर्ज पाकिस्तान,

भाषा की ताकत जाननी हो तो पाकिस्तान का यह इतिहास पढ़ लीजिये !

पाकिस्तान के लिए दो तारीखें अहम हैं। 24 मार्च, 1940 और 21 फरवरी,1952। आप कह सकते हैं कि 24 मार्च, 1940 को पाकिस्तान की स्थापना की बुनियाद रखी गई थी। और 21 मार्च, 1948 को उसी पाकिस्तान को दो भागों में बांटने की जमीन तैयार की गई। संयोग देखिए कि इन दोनों तारीखों से एक खास शख्स जुड़ा है। इसका नाम है मोहम्मद अली जिन्ना।

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में छाए रहे मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिंगापुर यात्रा मात्र छत्तीस घण्टे की थी, लेकिन यह द्विपक्षीय व क्षेत्रीय सहयोग की दिशा में उपयोगी साबित हुई। यहां मोदी ने मेजबान सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और जापान के प्रधानमंत्री तथा अमेरिका के उपराष्ट्रपति आदि से वार्ता की। इसमें अनेक द्विपक्षीय मसलों पर सहमति बनी तथा क्षेत्रीय स्तर पर आपसी संपर्क के साथ-साथ हिन्द प्रशांत क्षेत्र में साझा

सियोल शांति पुरस्कार : प्रधानमंत्री मोदी की लोक-कल्याणकारी नीतियों पर वैश्विक मुहर

जब किसी देश के मुखिया को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मान से नवाज़ा जाता है, तो यह उस देश के लिए हर्ष का विषय होता है। गौरतलब है कि गत दिनों ‘सियोल शांति पुरस्कार 2018’ के लिए नरेंद्र मोदी को चुना गया है। यह सम्मान नरेंद्र मोदी को वैश्विक आर्थिक प्रगति, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और भारत के लोगों के मानवीय विकास को तेज़ करने की प्रतिबद्धता तथा सामाजिक

एस-400 के अलावा भारत-रूस के बीच हुए कई और महत्वपूर्ण समझौते

अमेरिकी प्रतिबंध की परवाह न करते हुए भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली का सफलतापूर्वक सौदा किया, जिस पर पूरे विश्‍व की निगाहें थीं। यह भारत की महत्‍वपूर्ण कूटनीतिक सफलता मानी जा रही है। एस-400 की बड़ी उपलब्धि के अलावा भारत ने रूस की सरकार के साथ अन्‍य समझौते भी किए जो कि दोनों देशों के संबंधों की दृष्टि से काफी अहम माने जा

बदलते दौर में मोदी की रवांडा यात्रा का मतलब

रवांडा मध्य और पूर्वी अफ्रीका में सबसे छोटे देशों एक संप्रभु राज्य है। विषुवत रेखा रवांडा युगांडा, तंजानिया, बुरुंडी और कांगो के लोकतांत्रिक गणराज्य से घिरा हुआ है। पूर्व में अपने जातीय समुदायों के हिंसक टकराव के कारण विश्व मीडिया की नजरों में आने वाला रवांडा अब अपने तीव्र विकास के लिए जाना जाता है। रवांडा अफ्रीका के सबसे तेज विकास करने वाले देशों में है।

भारत-रूस संबंधों से सिर्फ इन दोनों देशों को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को हो सकता है लाभ !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गत दिनों संपन्न हुई ताजा अनौपचारिक रूस यात्रा को बेहद ही खास माना जा रहा है, क्योंकि दोनों नेताओं की यह मुलाकात निकट भविष्य में भारत-रूस द्विपक्षीय सहयोग की दशा व दिशा तय करेगी। हालांकि मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकातों का दौर इस पूरे साल चलने वाला है।

अपनों के दबाव में भारत से सम्बन्ध सुधारने को मजबूर चीन !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी चीन यात्रा से एशिया की दो महाशक्तियों के बीच डोकलाम विवाद के बाद पैदा हुई खटास खत्म होने की संभावना है। डोकलाम विवाद पर दोनों देश रणभूमि में आमने-सामने थे। मोदी 27 और 28 अप्रैल को चीन यात्रा पर होंगे। वहां वे अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान करने तथा दोनों देशों के बीच परस्पर संवाद को बढ़ावा देने के लिए चीन के वुहान शहर में एक