भाजपा

कृषि कानून की प्रतियां फाड़कर किसान आंदोलन को भुनाने की व्‍यर्थ कोशिश करते केजरीवाल

केजरीवाल को यदि वास्‍तव में अवाम की चिंता होती तो वे सबसे पहले इस कथित आंदोलन को खत्‍म कराने की पहल करते ना कि यहां अपनी नफरत की राजनीति का अवसर तलाशते।

केरल : पलक्कड़ नगरपालिका में भाजपा की जीत के संकेत बहुत व्यापक हैं

वामपंथ अपने ही गढ़ में हाँफता हुआ तब दिखा, जब उसके मेयर के उम्मीदवार को बीजेपी के एक साधारण से कार्यकर्त्ता ने पराजित कर दिया।

बंगाल : ममता की सांप्रदायिक राजनीति पर मोदी की विकासवादी राजनीति पड़ रही भारी

2019 लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद कहना गलत नहीं होगा कि 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी की स्थिति सबसे बड़ी पार्टी के रूप में दिख रही है।

कोरोना से लड़ाई में अव्वल रहे यूपी-बिहार और गुजरात, महाराष्ट्र और केरल साबित हुए फिसड्डी

बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात आदि राज्यों ने कोरोना वायरस के विरुद्ध जंग में देश में क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया।

हैदराबाद नगर निगम चुनाव में भाजपा की जीत का संदेश बहुत बड़ा है

हैदराबाद की जनता ने बीजेपी को जीत दिलाकर उसके लिए तेलगू प्रदेश में रास्ता खोल दिया है। बीजेपी को मुख्य विपक्षी पार्टी बनाकर लोगों ने अपना विकल्प ढूंढ लिया है।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हो रहा भारत की सांस्कृतिक पहचान का पुनरुत्थान

2014 में सत्ता में आने के बाद से ही भारत की सांस्कृतिक पहचान के पुनरुत्थान के क्रम में नरेंद्र मोदी सरकार लगातार प्रयासरत है।

मोदी सरकार की नीतियों पर जनता की मुहर हैं चुनावी नतीजे

बिहार के साथ-साथ इन उपचुनावों के नतीजों को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले साल की नीतियों, उपलब्‍धियों पर जनमत संग्रह के तौर पर देखा जा रहा है।

बिहार चुनाव : पराजितों का ईवीएम राग शुरू

ईवीएम राग के गायन का एक लाभ यह है कि पराजित दल व नेतृत्व आत्मचिंतन से साफ बच निकलता है। पराजय का पूरा ठीकरा ईवीएम पर फोड़ कर वह निश्चिंत हो जाता है।

अमित शाह के बंगाल दौरे के निहितार्थ

पिछले अनेक चुनावों में हमने देखा है कि अमित शाह ने जब भी कोई चुनावी लक्ष्य तय किया है, तो अधिकांश बार वे कामयाब रहे हैं। अबकी बंगाल की बारी है।

बिहार चुनाव : राजग के पास विकास का मुद्दा है, जबकि राजद अपने शासन का नाम भी नहीं ले रहा

भाजपा व जेडीयू दोनों सुशासन को महत्व देने वाले दल हैं, जबकि राजद व कांग्रेस के काम करने का अलग तरीका है। इन दोनों दलों को विकास से कोई मतलब नहीं।