अर्थव्यवस्था

कोरोना काल में परेशान कर्जदारों को मोदी सरकार ने दी राहत

मोदी सरकार के ब्याज पर प्रभारित ब्याज की राशि को माफ़ करने और मोरेटोरियम अवधि को बढ़ाने के फैसले से कोरोना महामारी से प्रभावित ऋणियों को तत्काल राहत मिलेगा

मोदी सरकार के प्रयासों से कोरोना संकट के बावजूद पटरी पर लौट रहीं आर्थिक गतिविधियाँ

हर्ष का विषय है कि माह सितम्बर 2020 में देश में आर्थिक गतिविधियों ने वापस रफ़्तार पकड़ ली है। केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक क्षेत्र के सम्बंध में सही समय पर लिए गए कई निर्णयों के चलते ही यह सम्भव हो सका है।

नए श्रम कानूनों के लागू होने से देश के आर्थिक विकास को लगेंगे पंख

उक्त श्रम क़ानूनों के लागू होने एवं इसके सही तरीक़े से सफलता पूर्वक क्रियान्वयन के बाद स्वस्थ, सुखी एवं संतुष्ट श्रमिक के सपने को भी साकार किया जा सकेगा

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे बैंक

देश में लगभग 1.30 लाख से अधिक बैंक शाखाओं का नेटवर्क है। प्रधानमंत्री जनधन योजना की मदद से लगभग 40 करोड़ लोग बैंक से जुड़े चुके हैं। इस वजह से बैंक ज्यादा किसानों और लघु, छोटे एवं मझौले कारोबारियों को ऋण दे पा रहे हैं।

बुनियादी ढांचे के एकीकृत विकास से अर्थव्यवस्था को गति देने में जुटी मोदी सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुनियादी ढांचे को मजबूत करके आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने और रोजगार पैदा करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

मोदी सरकार की नीतियों से भारत में वित्तीय समावेशन को मिल रही गति

केंद्र में वर्तमान मोदी सरकार के कार्यभार ग्रहण करने के बाद से तो वित्तीय समावेशन के कार्यान्वयन में बहुत अधिक सुधार देखने में आया है।

प्रवासी मजदूरों के लिए संजीवनी सिद्ध हो रहा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान

गरीब कल्याण रोजगार का ऑनलाइन वेब पोर्टल बनाया गया है। यह वेब पोर्टल प्रवासी मजदूरों एवं कामगारों को इस अभियान की जिलावार जानकारी प्रदान करता है।

आर्थिक सुधारों को गति देने में जुटी सरकार

सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उठाये गये नीतिगत कदमों से वित्तीय बाजार की स्थिति में कुछ सुधार आया है और बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को नकदी की किल्लत का ज्यादा सामना नहीं करना पड़ रहा है, जिससे उधारी की लागत में भी कमी आई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार कोरोना महामारी

लगातार मजबूत हो रहे भारत-अमेरिका आर्थिक संबंध

हाल के समय में भारत और अमेरिका के बीच आपस में व्यापार और निवेश के सम्बंध  मज़बूत होते जा रहे हैं। विशेष तौर पर विदेशी व्यापार के क्षेत्र में अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा साझीदार बन गया है।

कोरोना संकट से उबरकर तेजी से पटरी पर लौटती भारतीय अर्थव्यवस्था

कई अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्थान भारत के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2021-22 में 9 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि की सम्भावनाएँ व्यक्त कर रहे हैं।