कामकाज

भारत के विदेशी व्यापार को गति देने में सहायक होंगे मुक्त व्यापार समझौते

मुक्त अथवा क्षेत्रीय व्यापार समझौतों के कारण, विदेशी व्यापार में वृद्धि होने से, इन देशों की आय में वृद्धि होती है, रोजगार के अवसर बढ़ते हैं तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे व्यक्तियों की संख्या में कमी होती है।

चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती बरकरार

सरकारी व्यय में वृद्धि, राजस्व संग्रह व जीएसटी संग्रह में तेजी आदि से साफ पता चलता है कि अर्थव्यवस्था मजबूती की दिशा में तेजी से अग्रसर है।

आकांक्षी जिला कार्यक्रम से देश के विकास को मिल रही है रफ्तार

युनाईटेड नेशंस (UN) ने अपने एक प्रतिवेदन में भारत में लागू किए गए आकांक्षी जिला कार्यक्रम की मुक्त कंठ से सराहना की है एवं दुनिया के अन्य हिस्सों में भी इसे अपनाने की सिफारिश की है।

भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर के लम्बे समय तक मजबूत बने रहने की दिख रही संभावना

भारतीय अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने में मदद मिल रही है। कोरोना महामारी के दौर में अप्रेल 2020 के बाद से देश में डिजिटल भुगतान बहुत तेजी के साथ बढ़े हैं।

देश को लालटेन युग से बाहर निकालने में कामयाब रही मोदी सरकार

बिजली की खपत और आर्थिक विकास में सीधा संबंध पाया जाता है। जिन राज्यों में बिजली की खपत ज्‍यादा है वहां गरीबी आखिरी सांसे गिन रही है।

विकास को गति देने वाली मौद्रिक समीक्षा

यह 10वीं मौद्रिक समीक्षा है, जब रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर और रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है।

डिजिटल इंडिया के माध्यम से क्रांतिकारी परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है भारत

डिजिटल इंडिया के माध्यम से किसानों को अपनी फसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचने हेतु भी सक्षम बनाया जा रहा है।

ग्रामीण विकास को गति देने वाला बजट

वित्त वर्ष 2022-23 के बजट के प्रावधानों के तहत भारतीय रेलवे छोटे किसानों और मीडियम इंटरप्राइजेज़ को माल ढुलाई की सेवा देने के लिए नये उत्पादों और ढुलाई सेवा का विकास करेगा

पूंजी निवेश को बढ़ाकर रोजगार निर्मित करने वाला बजट

2021-22 के आम बजट में किए गए कुल खर्चों 34.83 लाख करोड़ रुपए के प्रावधान के बाद अब वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में कुल खर्चों को बढ़ाकर 39.45 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

बजट प्रावधानों से बैंकिंग क्षेत्र को मिलेगी मजबूती

बजट प्रावधानों से बैंकों के ऋण वृद्धि दर में इजाफा होने और एनपीए के स्तर में कमी आने की संभावना है साथ ही साथ इससे आगामी महीनों में बैंकों के मुनाफे में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।