कामकाज

एकीकरण और पुनर्पूंजीकरण के जरिये बैंकों को मजबूती देने में जुटी मोदी सरकार

विजया बैंक और देना बैंक का एक अप्रैल को बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हो जायेगा। देश में पहली बार तीन बैंकों का एकीकरण होगा। इस विलय से बनने वाला बैंक परिसंपत्ति के मामले में देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक और कुल मिलाकर तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) देश का सबसे बड़ा बैंक है जबकि दूसरे स्थान पर एचडीएफसी बैंक है।

मोदी की नीतियों से देश के साथ-साथ विदेशनीति के मोर्चे पर भी कारगर साबित हो रही सौर ऊर्जा

सौर ऊर्जा का क्षेत्र नया नहीं है। प्राचीन भारत में ही इसके महत्व का प्रतिपादन हो गया था। ऋषियों ने सूर्य को प्रत्यक्ष देव माना। संभव है कि वह सौर ऊर्जा से भी परिचित रहे होंगे। परतंत्रता के दौर में इस ज्ञान को नजरअंदाज किया गया। स्वतंत्रता के बाद इस दिशा में व्यापक शोध की आवश्यकता थी। लेकिन बहुत समय बाद इसकी सीमित शुरुआत की गई। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री

मोदी सरकार की नीतियों का असर, दुनिया में सबसे तेजी से भारत में कम हो रही गरीबी !

जिस देश में गरीबी हटाओ के नारे के बावजूद गरीबी बढ़ती गई हो, वहां गरीबी मिटाने की बात करना कल्‍पना-लोक में विचरण करना ही माना जाएगा। सौभाग्‍यवश यह कल्‍पना अब हकीकत में बदल चुकी है। अमेरिकी शोध संस्‍था ब्रुकिंग्‍स के फ्यूचर डेवलपमेंट ब्‍लॉग में प्रकाशित रिपार्ट के मुताबिक भारत अब दुनिया का सबसे ज्‍यादा गरीबों का घर नहीं रह गया है। मई, 2018

आयुष्मान भारत योजना से प्रेरित होकर उत्तराखंड सरकार ने भी की स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी पहल

स्वतंत्रता के पश्चात देश में सरकारों ने आम आदमी को केंद्र में रखकर तमाम जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित कीं और कई नारे दिए। मगर ज्यादातर सरकारों की नीति और नीयत साफ ना होने के कारण तमाम योजनाएं ढकोसला ही साबित हुई हैं। इन योजनाओं ने आम आदमी के बजाय योजनाकारों को ही लाभ पहुंचाया और उनकी संपन्नता में बढ़ोतरी की।

आईबीसी क़ानून के जरिये फंसे कर्ज की वसूली से बैंकों की वित्तीय स्थिति में तेजी से हो रहा सुधार

भले ही बैंकों के फंसे कर्ज (एनपीए) का इलाज लोगों को मुश्किल लग रहा है, लेकिन सरकार और बैंकों के प्रयास से मामले में सकारात्मक परिणाम परिलक्षित होने लगे हैं। एक तरफ सरकार समय-समय पर बैंकों को विभिन्न जरूरतों, उदाहरण के तौर पर, नियामकीय और फंसे कर्ज आदि  के लिये पूँजी मुहैया करा रही है तो दूसरी तरफ नये-नये क़ानूनों जैसे, भगोड़ा विधेयक,

रंग ला रही है मोदी सरकार की मेक इन इंडिया मुहिम!

आजादी के बाद से ही तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति में उलझी सरकारों ने देश की विशाल आबादी को संपदा न मानकर आपदा माना और उन्‍हें आपस में उलझाए रखने का काम किया। बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाली सरकारों का पूरा जोर येन-केन प्रकारेण चुनाव जीतने और उसके बाद अपनी झोली भरने पर रहता था। इंदिरा गांधी की नीतिशून्‍य राजनीति के दौर

नए भारत के निर्माण का रोडमैप है नीति आयोग का रणनीतिक दस्तावेज़

नीति आयोग ने अपने रणनीतिक दस्तावेज में 2022-23 तक हर साल 8 प्रतिशत वृद्धि दर हासिल करने का लक्ष्य रखा है। आयोग चाहता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को 4 लाख करोड़ डॉलर का बनाया जाये और सरकार 8 प्रतिशत की जगह सीधे 9 प्रतिशत के विकास दर को पाने के लिये कोशिश करे।  

राजकोषीय घाटे को लक्ष्य के अनुरूप रखने में कामयाब रहेगी मोदी सरकार!

अगले वर्ष चुनाव होने के कारण सरकारी खर्च में बढ़ोतरी होने की गुंजाइश है। फिर भी,  राजकोषीय घाटा के लक्ष्य के अनुरूप रहने का अनुमान है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में केंद्र की हिस्सेदारी से चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी, क्योंकि आगामी महीनों में जीएसटी संग्रह में और भी वृद्धि होने का अनुमान है। हालाँकि, कहा जा रहा है

मोदी सरकार के प्रयासों से भारत की तरफ आकर्षित हो रहीं बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ

सरकार देश की आर्थिक एवं कारोबारी माहौल में सुधार लाने की कोशिश कर रही है, ताकि बहुराष्ट्रीय कंपनियों का भारत पर भरोसा बढ़ सके। सरकार के प्रयासों के कारण ही कारोबार सुगमता के मामले में भारत ने हाल ही में एक लंबी छलांग लगाई है। फिलवक्त, भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों और ग्लोबल इनहाउस इकाइयों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी

हर गाँव के बाद हर घर तक बिजली पहुँचाने में जुटी मोदी सरकार

जिस देश में योजनाओं की लेट-लतीफी का रिकॉर्ड रहा हो वहां निर्धारित समय से पहले योजना पूरी हो जाए तो इसे चमत्‍कार ही कहा जाएगा। पंद्रह अगस्‍त, 2015 को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक हजार दिनों के भीतर देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्‍य रखा था। राजनीतिक इच्‍छाशक्‍ति और नौकरशाही की चुस्‍ती के कारण यह महत्‍वाकांक्षी लक्ष्‍य 988 दिन में ही पूरा हो गया अर्थात तय समय से 12 दिन पहले।