ब्लॉगवाणी

विपक्षी दलों के दो साल

हृदयनारायण दीक्षित पक्ष निष्पक्ष नहीं होता। कोई भी विचार या वाद निरपेक्ष नहीं होता। प्रतिवाद भी होता है। जर्मन दार्शनिक हीगल ने वाद और प्रतिवाद से संवाद का रोचक उल्लेख किया है। संसदीय जनतंत्र की सफलता में वाद विवाद के साथ संवाद की महत्ता है। यहां जनादेश प्राप्त बहुमत सरकार चलाता है। जनादेश से ही

कूटनीतिक जीत के संकेत

उमेश चतुर्वेदी इसी साल पांच मार्च को जब ओबामा प्रशासन ने पाकिस्तान को आठ एफ-16 विमान देने की अधिसूचना जारी की तो भारतीय उपमहाद्वीप की ही अंतरराष्ट्रीय नीति में भूचाल नहीं आया, बल्कि अमेरिकी राजनीति की भी त्योरियां ओबामा प्रशासन की तरफ चढ़ गईं। यह भारतीय राजनय की जीत है या फिर आतंकवाद को लेकर

बुद्ध का धर्म चक्र प्रवर्तन

शंकर शरण बहुतेरे लोग मानते हैं कि गौतम बुद्ध ने कोई नया धर्म चलाया था और वे हिंदू धर्म से अलग हो गए थे। हालांकि ऐसे लोग कभी नहीं बता पाते कि बुद्ध कब हिंदू धर्म से अलग हुए? हाल में एक वाद-विवाद में बेल्जियम के विद्वान डॉ. कोएनराड एल्स्ट ने चुनौती दी कि वे

Laying a strong foundation – Assembly elections 2016

Anirban Ganguly The Assembly elections results of May 19 are a decisive pointer to the cluelessness and lack of direction of the Congress Party, especially under the tutelage and control of its first “dynasty”. With all his melodrama, cheap pot-shots, tactics of stalling Parliament and lending support to forces and formations that called for India’s

अच्छे दिन की उम्मीद बरकरार

प्रदीप सिंह केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार अपने कार्यकाल के दो साल पूरे करने जा रही है। इन दो सालों में उसे संसद में विपक्ष, संसद के बाहर अपने बयानवीरों और मौसम का साथ नहीं मिला। मौसम ने अर्थवव्यवस्था को प्रभावित किया तो विपक्ष ने अर्थव्यवस्था और राजनीति, दोनों

ये जंगलराज नहीं तो क्या है?

एनके सिंह पंद्रह अगस्त, 1947 की बात है। देश आजादी का जश्न मना रहा था। वाराणसी के पास एक स्टेशन था कोढ़ रोड जिसे आज ज्ञानपुर कहते हैं। उस स्टेशन के सहायक स्टेशन मास्टर फुन्न्न सिंह भी उत्साह में ऑफिस में बैठे थे। ट्रेन आने का टाइम हो गया था। किंतु एक भी आदमी टिकट

गांधी-दर्शन के पुनर्पाठ सरीखा रहा वैचारिक महाकुंभ

संजय द्विवेदी हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने नवाचारों और सरोकारों के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी मंशा थी कि कुंभ के अवसर पर होने वाली विचार-विमर्शों की परंपरा को इस युग में भी पुनर्जीवित किया जाए। उनकी इस विचार शक्ति के तहत ही प्रदेश में लगभग दो साल चले विमर्शों की श्रंखला का

रक्षा सौदों में कमीशन का इतिहास

ए. सूर्यप्रकाश मिलान की अपीलीय अदालत ने अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में रिश्वतखोरी के आरोप में इटली की फिनमेकैनिका एयरोस्पेस कंपनी के दो अधिकारियों को जेल भेज दिया और इसी के साथ ही यह भी साफ हो गया कि इस कंपनी ने कुछ भारतीयों को सौदे के एवज में 30 लाख यूरो की भारी रकम रिश्वत

विचार महाकुंभ का संदेश

संजय द्विवेदी उजैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ का लाभ लेते हुए अगर मध्यप्रदेश सरकार ने जीवन से जुड़े तमाम मुद्दों पर संवाद करते हुए कुछ नया करना चाहा तो इसमें गलत क्या है? सिंहस्थ के पूर्व मध्य प्रदेश की सरकार ने अनेक गोष्ठियां आयोजित कीं और इसमें दुनिया भर के विद्वानों ने सहभागिता की।

इशरत जहां मामले में बेनकाब हुई कांग्रेस

शिवानन्द द्विवेदी बहुचर्चित इशरत जहां मुठभेड़ मामले में एकबार फिर कांग्रेस का आला नेतृत्व घिरा हुआ नजर आ रहा है. थोड़ा अतीत में जाकर इस मामले को देखें तो  वर्ष २००४ में आईबी से मिली जानकारी के आधार पर गुजरात पुलिस के क्राइम ब्रांच ने चार आतंकियों का एनकाउन्टर किया था, जिनमे से एक इशरत