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जानिये कैसे कोरोना संकट से निपटने में विश्व के सर्वश्रेष्ठ नेता बने मोदी

मोदी ने इस संकटकाल में न केवल अपने देश को संभाला है बल्कि उन्‍होंने कई अन्‍य राष्‍ट्रों को भी दवाओं व संसाधनों की खेप पहुंचाकर मानवीय आधार की मिसाल गढ़ी है। एक वैश्विक राजनेता में जो गुण होना चाहिये, आज मोदी में वे सारे गुण मौजूद हैं। जीवन रक्षक व जरूरी दवाओं से निर्यात प्रतिबंध सही समय पर हटाकर

सावधानी और सकारात्मकता के सहारे ही होगी कोरोना से जीत

बीते 5 अप्रैल को देश एक विराट और अनूठे आयोजन का साक्षी बना। हर वर्ष दीपावली के अवसर पर ही घरों में दीये जलते हैं, लेकिन इस बार दीपावली के पहले ही घर-घर दीयों की रोशनी नजर आई, इसलिए यह अनूठा आयोजन था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आहृवान पर देशवासियों ने अपने घरों, बालकनी, आंगन, देहरी पर दीये जलाए और कोरोना से लड़ाई के इस मुश्किल दौर में

वो पांच बातें जो बताती हैं कि नरेंद्र मोदी क्यों हैं देश के सबसे लोकप्रिय नेता

आज देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। मोदी के प्रधानमंत्रित्व ने चार वर्षों से अधिक का समय पूरा कर लिया है और अब अगले लोकसभा चुनाव की दुन्दुभी भी सुनाई देने लगी है। एक कार्यकाल पूरा करने के बाद प्रायः नेताओं की लोकप्रियता में कमोबेश गिरावट आ ही जाती है, लेकिन नरेंद्र मोदी इस मामले में अबतक अपवाद साबित होते नजर आ रहे हैं।

वर्तमान दौर में भी अत्यंत प्रासंगिक हैं गांधी और शास्त्री के विचार

२ अक्तूबर की तारीख भारतीय स्वतंत्रता इतिहास की दो महान विभूतियों का जन्मदिवस लेकर आती है। जहाँ पहली विभूति हैं भारत समेत पूरी दुनिया को अहिंसा और सत्य का पाठ पढ़ाने वाले मोहनदास करमचंद गाँधी तो वहीँ दूसरी विभूति हैं स्वाभिमान और सादगी की जीवंत मूर्ति लाल बहादुर शास्त्री। ये कहने की आवश्यकता नही कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में इन दोनों ही महापुरुषों का योगदान अकथनीय तथा

असंभव लगने वाली समस्याओं का समाधान करने वाले सौ दिन

नरेंद्र मोदी सरकार ने सौ दिन में होनहार विरवान की कहावत चरितार्थ की है। इस अल्प अवधि में अब तक असंभव लगने वाली समस्याओं का भी समाधान सफलता पूर्वक हो गया। संविधान के अस्थायी अनुछेद-370 को सत्तर वर्षों तक हंगामा बना कर रखा गया था। अनुछेद 35-ए पर भी यही स्थिति थी। मोदी सरकार ने मात्र दो दिन की संसदीय कवायद के बाद ही इस समस्या का स्थायी समाधान निकाल दिया।

योगी राज में लोककल्याण और विकास के पथ अग्रसर उत्तर प्रदेश

संसदीय व्यवस्था के अनुसार प्रदेश में निर्वाचित सरकार के संवैधानिक मुखिया राज्यपाल होते हैं। इस संवैधानिक उत्तरदायित्त्व के अनुरूप उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने मंत्रिमंडल के सदस्यों से राजभवन में शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार पिछले लगभग ढाई वर्षों से बेहतरीन कार्य कर रही है। राज्य प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर है। इतने

वो तीन काम जिनसे विशेष हो गया इसबार का स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस का प्रत्येक समारोह गरिमापूर्ण होता है। पूरा देश इसमें उत्साह के साथ सम्मलित होता है। यह हमारी राष्ट्रीय परम्परा है। लेकिन इस बार का पन्द्रह अगस्त विशेष कहा जा सकता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि इसकी तैयारी कुछ दिन नहीं बल्कि कई महीनों से चल रही थी।

रचनात्मकता के अभाव में चर्चा में आने के नकारात्मक हथकण्डे

गत दिनों साहित्य, सिनेमा आदि के क्षेत्र से सम्बंधित देश के उनचास लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक सार्वजनिक पत्र लिखा। पत्र में ‘जय श्रीराम’ की तुलना ‘वॉर क्राई’ से करते हुए धर्म के नाम पर मुस्लिमों, दलितों की हत्या के मामलों पर चिंता जताई गयी है। इस पत्र के जवाब में इसी तरह की इकसठ अन्य हस्तियों, जिनमें अभिनेत्री कंगना रानावत, गीतकार प्रसून जोशी, निर्देशक मधुर भंडारकर, निर्देशक विवेक अग्निहोत्री, गायिका मालिनी अवस्थी जैसे नाम शामिल हैं, ने भी एक पत्र जारी किया।

औद्योगिक विकास के इस दौर में निजी क्षेत्र में आरक्षण का सवाल

पिछले दिनों दो बड़ी खबरें अख़बारों के मुख्य पृष्ठ की सुर्खियाँ नहीं बन पाईं। दक्षिण भारत के एक बड़े राज्य आंध्र प्रदेश में यहाँ के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने प्राइवेट सेक्टर के लिए 75 फीसद आरक्षण की घोषणा कर दी। यह एक ऐसा फैसला था, जिसके ऊपर अब तक बहस भी नहीं हुई थी और एक आम राय नहीं बन सकी है।

मोदी सरकार की नीति से बचेंगे बीएसएनएल और एमटीएनएल

एक समय टेलीकॉम बाजार में राजा की तरह राज करने वाले भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) आज अकुशल प्रबंधन, ग्राहक सेवा की दयनीय स्थिति, उत्कृष्ट उत्पादों की कमी आदि के कारण दिवालिया होने के कगार पर आ गये हैं। सरकार इन दोनों टेलीकॉम ऑपटेटरों को 13,000 करोड़ रुपये के बेलआउट