कांग्रेस

सियासी मजबूरी में हिंदुत्व का चोला ओढ़ रही कांग्रेस

जो कांग्रेस अयोध्‍या स्‍थित राम जन्‍मभूमि स्‍थल को राम जन्‍मभूमि परिसर कहने से संकोच करती थी, वही कांग्रेस आज खुलकर राम मंदिर के पक्ष में खड़ी दिख रही है।

राम मंदिर हमें भान कराता रहेगा कि सत्य को कितना भी दबाया जाए, वो असत्य को मिटा ही देता है

राम देश के राष्ट्र पुरुष हैं। जाहिर है उनका मंदिर राष्ट्र मंदिर होगा जो देश में समरसता, आस्था, मर्यादा का भाव जागृत करता रहेगा।

सनातन सांस्कृतिक मूल्यों के पुनर्स्थापन के साथ-साथ विकास की धारा को भी गति देगा मंदिर निर्माण

कहना होगा कि राम मंदिर का निर्माण भारत के सनातन सांस्कृतिक मूल्‍यों का प्रतिस्‍थापन तो है ही, इससे विकास की धारा को भी गति मिलेगी।

ओवैसी के राम मंदिर विरोध के मूल में मुस्लिम लीग वाली मानसिकता ही कारण है

केंद्र में कांग्रेसी सरकारों का प्रायः समर्थन करने वाला ओवैसी का दल (एआईएमआईएम) भाजपा सरकार के प्रत्येक कार्य पर उंगली उठाता रहा है।

जम्मू-कश्‍मीर का शेष भारत से सही अर्थों में एकीकरण करने में कामयाब रही मोदी सरकार

अनुच्छेद-370 खत्म होने के एक लगभग एक साल पूरे होने पर आज हम देख सकते हैं कि सुरक्षा बलों की मुस्‍तैदी से न केवल आतंकवाद-अलगाववाद में कमी आई है, बल्‍कि आम जनता को राहत मिली है।

परिवारवाद के कारण डूब रहा है कांग्रेस का जहाज

गांधी-नेहरू परिवार के वर्चस्‍व का ही नतीजा है कि पिछले 20 साल में कांग्रेस में केवल दो अध्‍यक्ष रहे। कांग्रेस कार्यसमिति के चुनाव 1997 के बाद से नहीं हुए हैं। मई 2019 के बाद से कांग्रेस का कोई स्‍थायी अध्‍यक्ष नहीं है। यही कारण है कि कांग्रेसियों में हताशा व्‍याप्‍त है।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कांग्रेसी कार्य-संस्कृति से मुक्त हुआ देश

आजादी के बाद से ही गरीबी मिटाने और सभी तक बिजली पहुंचाने के लिए ढेरों योजनाएं चलीं लेकिन लक्ष्‍य पूरा नहीं हुआ। हां, इन योजनाओं के भ्रष्‍टाचार से अफसरों-नेताओं-ठेकेदारों की कोठियां जरूर गुलजार हो गईं।

आंतरिक कलह के लिए भाजपा पर उंगली उठाकर अपनी कमियां छिपाना चाहती है कांग्रेस

कांग्रेस अपने इस आंतरिक संकट का ठीकरा भाजपा पर फोड़ रही है, जबकि इसके लिए वो खुद जिम्मेदार है। परन्तु आत्मचिंतन करने को तैयार नहीं।

परिवारवाद के चंगुल में फँसी पतन की ओर बढ़ती कांग्रेस

राजस्‍थान विधानसभा के बाद सचिन पायलट मुख्‍यमंत्री पद के प्रबल दावेदार बनकर उभरे थे लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत को मुख्‍यमंत्री की गद्दी सौंप दी।

राजस्थान : कांग्रेस की आपसी कलह का भांडा भाजपा के सिर क्यों फोड़ा जा रहा ?

कांग्रेस की इस स्थिति के लिए पूरी तरह से कांग्रेस ही ज़िम्मेदार है, तिसपर पार्टी के बहुत से लोगों को अब भी गाँधी परिवार के परे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा।