मोदी सरकार

मोदी सरकार की कोशिशों का दिखने लगा असर, बेरोजगारी दर में आयी भारी गिरावट

देश की सत्ता पर काबिज होते ही जनता के सपनों के बारे में सोचने वाली मोदी सरकार ने जनहित की दिशा में अब एक और उपलब्धी हासिल की है। गत दिनों आई एसबीआई इकोफ्लैश की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बेरोजगारी की दर में पिछले 6 महीनो में गिरावट दर्ज की गई है। एसबीआई के आर्थिक शोध विभाग ने एक नोट में कहा, हमारा मानना है कि बेरोजगारी में गिरावट का प्रमुख कारण ग्रामीण क्षेत्रों में नये

सीएसओ ने जारी किए आंकड़े, नोटबंदी का नहीं पड़ा अर्थव्यवस्था पर कोई दुष्प्रभाव

नोटबंदी पिछले तीन महीनो से देश के सबसे चर्चित विषयों में से एक रही है। विपक्षियों द्वारा नोटबंदी के बाद इस बात को लेकर बहुत शोर किया गया कि नोटबंदी से देश की कृषि और अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाएगी। लेकिन, कुछ समय पहले आये फसल उत्पादन में वृद्धि के आंकड़ों के बाद जहां यह साफ़ हो गया कि नोटबंदी से कृषि पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा है; वहीँ अभी हाल ही में केंद्रीय सांख्यिकी

उड़ीसा और महाराष्ट्र निकाय चुनावों में भी नोटबंदी पर लगी जनता की मुहर

नोटबंदी के बाद मोदी सरकार को गरीब विरोधी सरकार बताने वाली कांग्रेस पार्टीं का वजूद धीरे-धीरे भारतीय राजनीति के नक़्शे में सिमटता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपाध्यक्ष अमित शाह की ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ की बात सही साबित होती नज़र आ रही है। नोटबंदी जैसे काले धन को ख़त्म करने और अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाले कदम को गरीब और किसान विरोधी बताकर कांग्रेस व अन्य विपक्षी

कश्मीर पर पाकिस्तान की ‘भाषा’ क्यों बोल रहे हैं पी चिदंबरम ?

कश्मीर की अलगाववादी ताकतों के प्रति मोदी सरकार के कड़े रुख और सेना को दी गयी खुली छूट के कारण ये ताकतें एकदम बौखलाई हुई हैं; इसी कारण कश्मीर में इन दिनों कभी हथियारबंद आतंकियों तो कभी पत्थरबाजों के जरिये वे सेना की कार्रवाई को कुंद करने की कोशिश में लगे हैं। लेकिन, हमारे जवान इन चीजों से बेपरवाह कश्मीर से आतंकियों का सफाया करने के लिए कमर कसकर मोर्चा संभाले हुए

सरकार की कृषि नीतियों का दिखने लगा असर, फसलों के उत्पादन में हुई रिकॉर्ड वृद्धि

नोटबंदी के बाद विरोधियों द्वारा सबसे ज्यादा इस बात पर बवाल किया गया कि इससे किसानों और खेती को बहुत नुकसान पहुंचेगा। कृषि व्यवस्था बर्बाद हो जाएगी। लेकिन, अगर इस साल के पैदावार से सम्बंधित आंकड़ों पर गौर करें तो विरोधियों के सभी दावों की पोल खुलकर सामने आ जाती है। चालू फसल वर्ष में अबतक की सर्वाधिक पैदावार हुई है। पैदावार बढ़ने का सबसे बड़ा कारण होता है मानसून; जो कि

यूपी चुनाव : अपने विकासवादी एजेंडे के साथ प्रदेश में सबसे मज़बूत नज़र आ रही भाजपा

उत्तर प्रदेश सात चरणों में से तीन चरण के चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं। प्रदेश की आवाम लोकतंत्र के इस पर्व को पूरे उत्साह के साथ मना रही है। यही कारण है कि जैसे -जैसे मतदान के चरण आगे बढ़ रहे है, वोटिंग फीसद भी 2012 के मुकाबले बढ़ रहा है। मतदान प्रतिशत बढ़ना अक्सर भाजपा के लिए फायदेमंद साबित होता है, इसलिए ये सपा-कांग्रेस गठबंधन की चिंता को बढ़ा रहा है, तो भाजपा की उम्मीदों को और

आतंकियों के मददगारों पर सेना प्रमुख के कठोर रुख से बौखलाए क्यों हैं विपक्षी दल ?

भारतीय थल सेनाध्यक्ष विपिन रावत का ताजा बयान सेना पर पत्थर बरसाने वालों के लिए कड़े सन्देश और चेतावनी की तरह नज़र आ रहा। लेकिन, राष्ट्रीय हित में जारी इस चेतावनी को भी कांग्रेस व कुछ अन्य विपक्षी दलों ने राजनीतिक चश्मे से देखने में कोई गुरेज़ नहीं किया, जो देश के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ ही, यह इन विपक्षी दलों के राष्ट्र-हित के तमाम दावों की भी पोल खोल रहा है। गौरतलब है कि सभी

अंतरिक्ष क्षेत्र की बड़ी शक्ति बनने की ओर अग्रसर भारत

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक साथ 104 उपग्रहों को सफलता पूर्वक प्रक्षेपित करने के साथ ही विश्व पटल पर अग्रणीय होने का दर्जा हासिल किया। इसके पहले एक साथ इतने सैटेलाइट कभी किसी देश ने नहीं छोड़े थे। इसके पूर्व यह रिकॉर्ड अभी तक रूस के पास था, जिसने 2014 में एक साथ 37 सैटेलाइट भेजने

भारत ने किया पीडीवी इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण, बढ़ी भारतीय सेना की ताकत

मोदी सरकार द्वारा केंद्र की सत्ता में आने के पश्चात् भारत की सैन्य-शक्तियों को बढ़ाने की दिशा में गंभीरतापूर्वक कदम उठाए गए हैं, जिनके फलस्वरूप आज भारत हवा, पानी और ज़मीन तीनों मोर्चों पर पर अपनी तरफ आँख उठाने वाले को माकूल जवाब देने के लिए तैयार नज़र आने लगा है। इसी क्रम में भारत ने रक्षा के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाते हुए एडवांस्ड एयर डिफेंस इंटरसेप्टर मिसाइल के अंतर्गत पीडीवी का

‘सबका साथ, सबका विकास’ के एजेंडे को प्रतिबिंबित करता बजट

विगत एक फ़रवरी को केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आम बज़ट पेश किया, जिसमें कि उन्होंने अनावश्यक लोकलुभावन वादों से परहेज़ करते हुए राष्ट्र के सर्व-समावेशी विकास की रूपरेखा प्रस्तुत की। विपक्षी दल अभी तक भाजपा सरकार पर धनाढ्य और कुलीनतंत्रों की हिमायती होने का फ़िज़ूल आरोप लगाते आये हैं, लेकिन इस बजट से केंद्र सरकार ने अपना एजेंडा स्पष्ट कर दिया है कि सरकार देश के गांवों