प्रहलाद सबनानी

दो हजार के नोट को चलन से बाहर करना राष्ट्रहित में लिया गया एक महत्त्वपूर्ण निर्णय है

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था में 2000 रुपए के नोट को चलन से बाहर करने का निर्णय सही समय पर उठाया गया एक उचित कदम ही कहा जाएगा।

वित्तीय समावेशन से भारत में गरीब वर्ग का हो रहा कायाकल्प

आज वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में, दुनिया के कई देश, भारत को मिसाल के तौर पर देखने लगे हैं कि किस प्रकार 140 करोड़ से अधिक की आबादी वाले देश ने…

भारत की ‘डिजिटल क्रांति’ अन्य देशों के लिए बन रही है उदाहरण

जी-20 के डिजिटल इकॉनामी वर्किंग ग्रूप की दूसरी बैठक 17 से 19 अप्रेल के बीच हुई। इस बैठक में भारत को वैश्विक स्तर पर डिजिटल अर्थव्यवस्था का आधार माना गया।

मोदी सरकार की नीतियों के फलस्वरूप गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में विश्व को राह दिखाता भारत

पिछले लगभग 9 वर्षों के दौरान भारत के सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक परिवेश में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। जिसके चलते भारत में गरीबी तेजी से कम हुई है..

भारत में नागरिक विमानन के क्षेत्र में हो रही है चहुँमुखी प्रगति

नागरिक विमानन का तो एक तरह से लोकतांत्रीकरण हो गया है क्योंकि पूर्व के खंडकाल में अमीर वर्ग के नागरिक ही हवाई यात्रा के बारे में सोच सकते थे परंतु अब…

अप्रैल 2023 में उच्चतम स्तर पर पहुँचा जीएसटी संग्रह, आर्थिक विकास दर को मिलेगी गति

नए वित्तीय वर्ष के प्रथम माह में ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रहण 187,035 करोड़ रुपए का रहा है और इस तरह यह एक नए रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है।

भारत में निवेश का एक नया केंद्र बनने की ओर बढ़ता जम्मू-कश्मीर

उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर भी देश के अन्य राज्यों के समानांतर आर्थिक विकास की पटरी पर दौड़ता दिखाई देगा।

वैश्विक स्तर पर पुनः वैभवकाल की ओर अग्रसर भारतीय अर्थव्यवस्था

वर्ष 2014 के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ ली है और वैश्विक स्तर पर प्रथम 10 अर्थव्यवस्थाओं की रैंकिंग में लगातार सुधार करती जा रही है।

देशवासियों में ‘स्व’ का भाव जगाने के लिए सतत प्रयासरत है संघ

संघ के शून्य से इस स्तर तक पहुंचने के पीछे इसके द्वारा अपनाई गई विशेषताएं यथा परिवार परंपरा, कर्तव्य पालन, व सामूहिक पहचान आदि विशेष रूप से जिम्मेदार हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के कारण भी भारत की आर्थिक विकास दर में हो रही वृद्धि

भारत में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च की जाने वाली राशि का बजट में प्रावधान लगातार बढ़ाया जा रहा है